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Balakot जैसी चालाकी दोहरा रहा Pakistan, ईरानी एयरस्ट्राइक की बात मानी लेकिन लोकेशन और ध्वस्त आतंकी अड्डे की डिटेल छुपाने में लगा

पाकिस्तान के बलूचिस्तान में ईरानी एयरस्ट्राइक के बाद बॉर्डर पर टेंशन की स्थिति है. पाकिस्तान ने तो तेहरान को परिणाम भुगतने की भी धमकी दी है. लेकिन इस हमले के बाद पाकिस्तान ने एक बार फिर से बालाकोट वाली चाल चली है. इस्लामाबाद ने ये तो मान लिया है कि हमला हुआ है, लेकिन बाकी डिटेल बताने में उसने चुप्पी साध ली है.

ईरान ने पाकिस्तान में घुसकर हमला किया है. ईरान ने पाकिस्तान में घुसकर हमला किया है.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 17 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 2:18 PM IST

पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन 'जैश अल अद्ल' की करतूतों से भन्नाये ईरान ने पाकिस्तान को जोरदार सबक सिखाया है. पाकिस्तान ने भारत के बालाकोट एयर स्ट्राइक की तर्ज पर ही पाकिस्तान में घुस कर हमला किया है और आतंकियों के ठिकानों को नेस्तानाबूद कर दिया. मंगलवार को ईरान ने बलूचिस्तान में मौजूद आतंकी संगठन जैश-अल-अद्ल' के ठिकानों पर मिसाइलों और ड्रोन से हमला किया है. 

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इस हमले के बाद पाकिस्तान ने बालाकोट एयर स्ट्राइक जैसी ही चालाकी करने की कोशिश की है. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इस हमले के बाद उम्मीदों के मुताबिक ही तीखी प्रतिक्रिया दी. लेकिन बालाकोट एयर स्ट्राइक की तरह ही उस जगह के बारे में नहीं बताया जहां हमला हुआ है. पाकिस्तान ने ये तो स्वीकार किया कि तेहरान ने बलूचिस्तान में मिसाइल और ड्रोन बरसाये हैं, लेकिन ये नहीं बताया कि ईरान के मिसाइल और ड्रोन कहां गिरे? इस हमले में कौन कौन मारा गया है? और इस हमले का पैमाना क्या था? 

पाकिस्तान ने सिर्फ फौरी तौर पर कहा है कि हमले में दो बच्चियों की मौत हुई है और तीन लोग घायल हुए हैं. उम्मीद के मुताबिक ही पाकिस्तान ने हमले वाली जगह को घेर दिया है और वहां अब किसी को जाने की अनुमति नहीं है. 

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जब बालाकोट छिपाने में लगी थी PAK आर्मी

बता दें कि 2019 में जब पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान के अंदर घुसकर बालाकोट में एयर स्ट्राइक की थी तो उस वक्त भी इस्लामाबाद ने ठीक यही तरीका अपनाया था. तब भारत ने बालाकोट में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया था लेकिन तब पाकिस्तान ने भारत की ओर से हमले की बात तो मानी लेकिन ये नहीं बताया कि हमला ठीक हुआ कहां है. इसके अलावा पाकिस्तानी आर्मी ने हमले वाली जगह की घेराबंदी कर दी थी और वहां किसी मीडिया संस्थान को नहीं पहुंचने दिया था. पाकिस्तान ने कई हफ्तों तक इस स्थान को मीडिया की पहुंच से दूर रखा था. काफी दिनों के बाद बालाकोट में स्थिति सामान्य होने पर ही पाकिस्तान उसे स्थानीय लोगों के लिए खोला था. 

तब पाकिस्तान अपनी नाकामी छिपाने के लिए तो यह कह रहा था कि भारत के हमले में मात्र कुछ पेड़ गिरे थे. पाकिस्तानी पत्रकार हामिद मीर ने कहा था कि इस हमले में एक कौआ मर गया है. लेकिन जब उनसे ये पूछा गया था कि उस स्थान पर पाकिस्तानी सेना पत्रकारों को क्यों नहीं जाने दे रही है तो वे कोई जवाब नहीं दे पाए. 

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जैश-ए-मोहम्मद के ट्रेनिंग कैम्पों को भारत ने किया था तबाह

बता दें कि 26 फरवरी 2019 को भारतीय वायुसेना के मिराज-2000 फाइटर विमानों ने रात के अंधेरे में LoC पार कर पाकिस्तान के पूर्वोत्तर इलाके खैबर पख्तूनख्वाह के बालाकोट में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ट्रेनिंग कैम्पों को बमों से पाट दिया था. रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में दो सौ से तीन सौ आतंकी मारे गए थे. पाकिस्तान इस हमले को छिपाने के लिए तमाम उपाय करता रहा. 

अब बलूचिस्तान में तेहरान ने मचाया कोहराम

बता दें कि ईरान ने जिस आतंकी संगठन को निशाना बनाया है उसके दहशतगर्द आए दिन ईरान-पाकिस्तान बॉर्डर पर पाकिस्तानी सैनिकों को निशाना बनाते आए हैं.  ईरान की समाचार एजेंसी ने इस हमले की जानकारी देते हुए कहा कि इस हमले में आतंकी ग्रुप जैश-अल-अद्ल को बिशेष रूप से टारगेट किया गया. ईरान का दावा है कि उसने आतंकियों को दो गढ़ को सफलतापूर्वक तबाह कर दिया.  

ग्रीन माउंटेन में छिपे थे आतंकी

ईरान ने दावा कि जिस स्थान पर वो हमला करता है वो 'ग्रीन माउंटेन' के नाम से जाना जाता है. ईरान के अनुसार आतंकियों को निशाना बनाने के लिए उसने मिसाइल और ड्रोन दोनों का इस्तेमाल किया. 

पाकिस्तान ने भले ही उस स्थान की जानकारी नहीं दी हो जहां हमला हुआ है. लेकिन एजेंसी से मिल रही खबरों के मुताबिक आतंकियों के ये अड्डे बलूचिस्तान प्रांत के पंजगुर में थे. पंजगुर में भी स्थानीय अधिकारियों ने इन हमलों पर बालाकोट की तरह ही चुप्पी साध ली है. लेकिन कुछ लोगों ने माना कि मिसाइल हमलों ने एक मस्जिद को भी निशाना बनाया, जिससे उसे आंशिक रूप से नुकसान पहुंचा और कई नागरिक घायल हो गए. 

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पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने इस हमले की निंदा की है और कहा है कि ये हमला पाकिस्तान की संप्रभुता का उल्लंघन है और इसके लिए ईरान को कीमत चुकानी पड़ सकती है. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा, "पाकिस्तान ने हमेशा कहा है कि आतंकवाद क्षेत्र के सभी देशों के लिए एक आम खतरा है जिसके लिए समन्वित कार्रवाई की आवश्यकता है. इस तरह के एकतरफा कृत्य अच्छे पड़ोसी संबंधों के अनुरूप नहीं हैं और द्विपक्षीय विश्वास को गंभीर रूप से कमजोर कर सकते हैं." विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस हमले से अगर स्थिति बिगड़ती है तो इसके लिए सीधा-सीधा ईरान जिम्मेदार होगा.  

जैश-अल-अद्ल, यानी  "न्याय की सेना"

बता दें कि जैश-अल-अद्ल, यानी कि "न्याय की सेना" 2012 में स्थापित एक सुन्नी आतंकवादी समूह है जो बड़े पैमाने पर पाकिस्तान में ऑपरेट होता है. ईरान ने सीमावर्ती इलाकों में आतंकियों के खिलाफ लड़ाई लड़ी है, लेकिन पाकिस्तान पर मिसाइल और ड्रोन हमला ईरान की ओर से अभूतपूर्व कदम है. 

ईरान के मंत्री अहमद वाहिदी के अनुसार, पिछले महीने, दक्षिणपूर्वी प्रांत सिस्तान-बलूचिस्तान के एक पुलिस स्टेशन पर रात को हुए हमले में कम से कम 11 ईरानी पुलिस अधिकारी मारे गए थे. ईरान ने इस घटना के लिए जैश-अल-अद्ल को दोषी ठहराया था. 

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