
ईरान के सत्ता विरोधी सुप्रसिद्ध गायक मेहदी याराही को हिजाब विरोधी गाना गाने के लिए 74 कोड़े मारे गए हैं. याराही ने महिलाओं के लिए देश के सख्त ड्रेस कोड के खिलाफ आवाज उठाई थी. अपने गीतों के जरिए महिलाओं की आवाज उठाने के आरोप में उनके खिलाफ आपराधिक मामला चल रहा था. इस मामले को खत्म करने के समझौते के तहत उन्हें कोड़े मारे गए हैं.
याराही ने सितंबर 2023 में योर हेडस्कार्फ (Roo Sarito) नाम से हिजाब विरोधी गाना रिलीज किया था. गाना ईरान के हिजाब विरोधी आंदोलन “Women, Life, Freedom” की पहली वर्षगांठ पर आया था. इस गाने से नाराज ईरानी शासन ने जनवरी 2024 में उन्हें 'विरोधी गीत जारी कर गैरकानूनी तरीके से काम करने' का दोषी ठहराया था.
उन्होंने हिजाब आंदोलन के दौरान भी गाने लिखे थे जो काफी लोकप्रिय हुए. इंस्टाग्राम पर याराही के 10 लाख से अधिक फॉलोवर्स हैं.
दोषी पाए जाने के बाद याराही को एक साल जेल की सजा हुई लेकिन बाद में उन्हें जेल से रिहा कर इलेक्ट्रॉनिक निगरानी में रखा गया. दिसंबर के बाद से वो आजाद हैं. याराही की जमानत राशि 15 अरब टोमन (ईरानी मुद्रा) थी जिसे किसी तीसरे पक्ष ने भुगतान किया था. इस राशि की वापसी के एवज में कोर्ट ने ईरानी गायक को 74 कोड़े मारने की सजा सुनाई.
कोड़े की सजा को लेकर याराही ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा था, 'मैं 74 कोड़ों की सजा पाने के लिए तैयार हूं. हालांकि, मैं इस अमानवीय यातना की निंदा करता हूं लेकिन मैं इस सजा को रद्द करने का अनुरोध नहीं करूंगा.'
ईरानी गायक की वकील ने क्या कहा?
बुधवार को गायक की वकील जहरा मिनोई ने उन्हें कोड़े मारने की खबर शेयर की. मिनोई ने एक्स पर लिखा कि तेहरान रिवोल्यूशनरी कोर्ट ने अपनी अंतिम सजा सुना दी है.
सजा के बाद याराही ने इंस्टाग्राम पर लिखा, 'आपके निरंतर समर्थन के लिए प्रियजनों और मेरे सम्मानित वकीलों मुस्तफा नीली और जहरा मिनोई के साथ के लिए धन्यवाद. जो व्यक्ति आजादी की कीमत चुकाने को तैयार नहीं है, वह आजादी का हकदार नहीं है. आपको आजादी की शुभकामनाएं.'
गायक को कोड़े मारने की सजा से भड़के ईरान के मानवाधिकार कार्यकर्ता
ईरान की सरकार अपने विरोधियों को दबाने के लिए अब भी मध्ययुगीन शैली की कोड़े मारने की सजा दे रही है जिससे ईरान की सोशल मीडिया पर भारी आक्रोश फैल गया है.
याराही की सजा को लेकर नोबेल शांति पुरस्कार विजेता नरगिस मोहम्मदी ने इंस्टाग्राम पर लिखा, 'मेहदी यारही को कोड़े मारने की सजा ईरान की महिलाओं के प्रति उनके समर्थन का बदला है. मेहदी के शरीर पर कोड़े मारना ईरान की आंदोलनकारी महिलाओं और ‘Women, Life, Freedom’ आंदोलन की समृद्ध और शक्तिशाली आत्मा पर कोड़े बरसाना है.'
अमेरिका में रहने वाले जाने-माने मानवाधिकार कार्यकर्ता मसीह अलीनेजाद ने कहा, 'उनका हर कोड़ा और अधिक महिलाओं को अपना हिजाब उतार फेंकने और आवाज उठाने के लिए प्रेरित करेगा. और कोई भी चीज इस क्रांति को रोक नहीं पाएगी. मैं पश्चिमी देशों से कहता हूं कि बर्बर लोगों के साथ मानवाधिकारों पर बातचीत करने से कुछ नहीं होने वाला. यह शासन (ईरानी शासन) एक वायरस है, अगर आप इसे नहीं रोकेंगे तो यह फैलता जाएगा.'
ईरान के एनजीओ Human Rights Activists News Agency के अनुसार, 2024 में ईरानी न्यायपालिका ने कम से कम 131 लोगों को कुल मिलाकर 9,957 कोड़े मारने की सजा सुनाई थी.
कब और कैसे शुरू हुए ईरान में हिजाब विरोधी आंदोलन
सितंबर 2022 में सही तरीके से हिजाब न पहनने को लेकर ईरान की महिला महसा अमीनी को हिरासत में लिया गया था. पुलिस हिरासत में ही 22 साल की अमीनी की मौत हो गई जिसके बाद पूरे ईरान में प्रदर्शन शुरू हो गए.
हिजाब विरोधी आंदोलन में ‘Women, Life, Freedom’ यानी 'महिला, जिंदगी और आजादी' का नारा दिया गया जिसमें बहुत सी महिलाओं ने अपने सिर से हिजाब उतारकर उन्हें आग के हवाले कर दिया. महिलाओं ने अपने बाल काटकर भी ईरानी शासन की महिलाओं के प्रति क्रूरता का विरोध जताया.
इन प्रदर्शनों को दबाने के लिए सरकार ने पूरी मशीनरी लगा दी. हिजाब आंदोलन से जुड़े सैकड़ों लोगों को सरकार ने मौत की सजा दी और कई प्रदर्शनकारी अभी भी जेल में हैं.