
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने इराकी एयरबेस पर हुए हमले पर नाराजगी जताई है. इस एयरबेस पर अमेरिकी सेना तैनात है. इस हमले के बाद भी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर नरमी दिखाई है. उन्होंने कहा कि अगर ईरान बातचीत के लिए तैयार है तो मैं बेपरवाह नहीं हो सकता हूं. यह उनके ऊपर है.
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, 'राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने आज सुझाव दिया कि प्रतिबंधों और विरोध प्रदर्शनों ने ईरान को घुटने के बल ला दिया है, अब वह बातचीत के लिए मजबूर हो जाएंगे. वास्तव में अगर वे बातचीत करते हैं तो मैं बेपरवाह नहीं हूं. यह पूरी तरह से उनके ऊपर होगा, लेकिन कोई परमाणु हथियार और वे अपने प्रदर्शनकारियों को नहीं मारेंगे.'
इराकी एयरबेस पर हुए हमले पर अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा, 'इराकी एयरबेस पर एक और रॉकेट हमले की रिपोर्ट से नाराज हूं. मैं घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना करता हूं. इराकी सरकार से इस हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को पकड़ने की अपील करता हूं, इराक सरकार की वफादारी न करने वाले समूहों ने एक बार इराक की संप्रभुता का उल्लंघन किया है.'
कब हुआ हमला
इराक के अल-बलाद एयरबेस पर देर रात करीब 12 बजे अचानक ताबड़तोड़ 7 रॉकेट दागे गए. सूत्रों के मुताबिक, अमेरिकी ठिकानों पर हमले में कम से कम चार लोग जख्मी हैं. इस हमले में दो इराकी अफसर और दो एयरमैन घायल हैं, हालांकि नुकसान का अभी जायजा लिया जा रहा है. इराक का अल-बलाद एयरबेस एफ-16 लड़ाकू विमानों का अड्डा है.
अमेरिका से बदला लेने की फिराक में ईरान
ईरानी जनरल काशिम सुलेमानी के खात्मे के बाद से ही ईरान लगातार अमेरिका से बदला लेने के फिराक में है। इससे पहले 4 जनवरी को अमेरिकी दूतावास पर हमला किया गया. उसके बाद 6 जनवरी को ईरान ने अमेरिकी ठिकाने पर रॉकेट दागे गए. 8 जनवरी को अल असद और इरबिल के दो सैन्य ठिकानों पर दर्जनों बैलिस्टिक मिसाइल दागे गए और आज फिर एयरबेस पर हमला किया गया.