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भारत को लेकर नई साजिश रच रहा है आतंकी संगठन ISIL-K, यूएन की रिपोर्ट में हैरान करने वाला खुलासा

संयुक्त राष्ट्र की एक नई रिपोर्ट हैरान करने वाला दावा किया गया है. इसमें कहा गया है कि आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट इन इराक एंड द लेवेंट खुरासान (आईएसआईएलके) भारत में मौजूद अपने आकाओं की मदद से ऐसे लोगों की भर्ती करना चाहता है, जो अकेले घटनाओं को अंजाम दे सकें.

आतंकवादी संगठन ISIS (फाइल फोटो) आतंकवादी संगठन ISIS (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 01 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 2:35 PM IST

आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट इन इराक एंड द लेवेंट - खुरासान (ISIL-K) को लेकर संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि  ‘इस्लामिक स्टेट इन इराक एंड द लेवेंट-खुरासान’ भारत में बड़े पैमाने पर हमले ना कर पाने के बावजूद यहां मौजूद अपने आकाओं के माध्यम से ऐसे लड़ाकों की भर्ती करना चाहता है जो अकेले ही हमलों को अंजाम दे सकें.

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ISIL-K (दाएश), अल-कायदा और उससे जुड़े व्यक्तियों और संस्थाओं के बारे में विश्लेषणात्मक सहायता और प्रतिबंध निगरानी टीम की 34वीं रिपोर्ट मंगलवार को जारी की गई. रिपोर्ट में कहा गया है कि सदस्य देशों ने चिंता जताई है कि अफगानिस्तान से पैदा होने वाले आतंकवाद से क्षेत्र में असुरक्षा पैदा होगी. 

भारत में भर्ती करना चाहता है ISIL-K

रिपोर्ट में कहा गया है, "भारत में बड़े पैमाने पर हमले करने में सक्षम नहीं होने के बावजूद, आईएसआईएल-के भारत स्थित अपने आकाओं के माध्यम से ऐसे लोगों को भर्ती करना चाहता है जो अकेले हमलों को अंजाम दे सकें. उसने हिंदू-मुस्लिम दुश्मनी को बढ़ाते हुए और भारत के संबंध में अपनी रणनीति को रेखांकित करते हुए उर्दू में एक पुस्तिका जारी की है." 

इसमें कहा गया है कि आईएसआईएल-के इस क्षेत्र में सबसे गंभीर खतरा बना हुआ है, जो अफगानिस्तान से परे आतंक फैला रहा है, जबकि ‘‘अल-कायदा रणनीतिक संयम बरतता है’’ और तालिबान के साथ अपने संबंधों को प्राथमिकता देता है.

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भारत के लिए खतरा

इसमें आगे कहा गया है कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी), तालिबान और भारतीय उपमहाद्वीप में मौजूद अल-कायदा (एक्यूआईएस) के बीच समर्थन और सहयोग बढ़ा है, जो अफगानिस्तान में मेनपावर और प्रशिक्षण शिविरों में आपसी सहयोग कर रहे हैं और तहरीक-ए जिहाद पाकिस्तान (टीजेपी) के बैनर तले घातक हमले कर रहे हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि मध्यम अवधि में, टीटीपी और एक्यूआईएस के संभावित विलय से पाकिस्तान और अंततः भारत, म्यांमार और बांग्लादेश के खिलाफ खतरा बढ़ सकता है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि अल्पावधि में, आईएसआईएल-के युद्ध की तैयारी को बनाए रखेगा, राजस्व को बढ़ाने की दिशा में भी कदम बढ़ाएगा और अन्य आतंकवादी समूहों और तालिबान से विद्रोहियों को आकर्षित करके भर्ती को बढ़ाएगा. रिपोर्ट में कहा गया है कि आईएसआईएल-के सुरक्षा और खुफिया सेवाओं से अनभिज्ञ असंतुष्ट लोगों की भी भर्ती कर रहा है.

कुछ सदस्य देशों का अनुमान है कि क्षेत्र के नुकसान और नेतृत्व में कमी के बावजूद ISIL-K के लड़ाकों की संख्या 4,000 से बढ़कर 6,000 हो गई है, जबकि अन्य का अनुमान है कि इसकी ताकत 2,000 से 3,500 लड़ाकों के बीच बनी हुई है. TTP के पास भी 6 हजार से ज्यादा लड़ाके होने का अनुमान है.  रिपोर्ट में कहा गया है कि अफगानिस्तान से क्षेत्रीय स्तर पर ISIL-K और TTP से उत्पन्न होने वाले आतंकवादी खतरे के बारे में चिंता बढ़ गई है.

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