
चीन में उइगर मुसलमानों का मसला लंबे समय से सुर्खियों में रहा है. उइगर मुसलमानों के विरोध का केंद्र शिनजियांग है. अस्थिर शिनजियांग क्षेत्र का चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने दौरा किया है. साल 2014 के बाद पहली बार शिनजियांग दौरे पर पहुंचे जिनपिंग ने इस्लाम को लेकर भी बड़ी बातें कहीं और ये भी बताया कि चीन में इस्लाम का स्वरूप कैसा हो.
शी जिनपिंग ने इस्लाम के विकास के सिद्धांत को चीनी संदर्भ में बनाए रखने पर जोर दिया. चीनी समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक शी जिनपिंग 12 से 15 जुलाई तक शिनजियांग का दौरा किया. इस दौरान शी जिनपिंग ने कहा कि चीन में इस्लाम को चीनी होना चाहिए, इस सिद्धांत को बनाए रखने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए.
उन्होंने कहा कि हमें अपनी पार्टी और सरकारी अधिकारियों की एक टीम को प्रशिक्षित करना चाहिए जो धर्म पर मार्क्सवादी दृष्टिकोण में कुशल हो. धार्मिक मामलों से परिचित हो. इसमें ऐसे लोग हों जो राजनीतिक रूप से भी भरोसेमंद हों और महत्वपूर्ण समय पर अपनी भूमिका निभा सकें. चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि हमें ये सुनिश्चित करना चाहिए कि उपासकों की उचित धार्मिक जरूरतों को पूरा किया जाना चाहिए.
शी जिनपिंग ने कहा कि धर्म के उपासकों को भी सरकार और पार्टी के साथ एकजुट होना चाहिए. उन्होंने ये भी कहा कि शिक्षा का मुख्य कार्य सद्गुणों का विकास है और विश्वविद्यालयों की शिक्षा में समाजवादी दिशा बनाए रखते हुए युवा पीढ़ी को शिक्षित किया जाना चाहिए. चीनी राष्ट्रपति ने छात्रों से भी चीन की विशेषताओं के साथ समाजवाद के अच्छे भविष्य के लिए प्रयास करने का भी आह्वान किया.
गौरतलब है कि शी जिनपिंग की सरकार पर ये आरोप लगता रहा है कि वो मुस्लिम अल्पसंख्यकों पर अत्याचार करती है. शी जिनपिंग ने सीपीसी केंद्रीय समिति के निर्णयों को मजबूती से लागू करने की भी बात कही.