
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को अलग-अलग मामलों में अंतरिम जमानत मिल गई है. अब 9 मार्च तक उन्हें पाकिस्तान की पुलिस या जांच एजेंसियां गिरफ्तार नहीं कर सकेंगी. इनमें सबसे ज्यादा चर्चित मामला दूसरे देशों से मिले तोहफों को बेचने का है. इसके अलावा एक दूसरा मामला अपनी पार्टी PTI के लिए अवैध तरीके से पैसे इकट्ठे करने और अधिकारियों के खिलाफ हिंसा भड़काने का भी है.
इमरान 28 फरवरी को अदालत के सामने पेश हुए. उनके साथ उनके सैकड़ों समर्थक भी कोर्ट पहुंचे. जब इमरान अदालत के अंदर जा रहे थे तो उस समय उनके समर्थक नारेबाजी करते हुए उन पर फूलों की बौछार करते रहे. सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए इमरान की कार को इस्लामाबाद हाई कोर्ट के अंदर तक ले जाने की अनुमति दी गई थी.
बता दें कि विदेश से मिले गिफ्ट बेचने के मामले में हाल ही में पाकिस्तान की एक अदालत ने इमरान खान को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था. लेकिन इमरान के पेश न होने पर अदालत ने उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी कर दिया था. इमरान के वकील इस वारंट को रद्द करवाने के लिए उच्च अदालत पहुंचे थे.
इमरान के वकीलों ने कोर्ट में तर्क दिया कि उस दिन इमरान को तीन अदालतों में पेश होना था, इसलिए उन्हें कोर्ट पहुंचने में देरी हो गई. इसके अलावा लेट होने का एक और कारण ट्रैफिक जाम होना भी था. क्योंकि इमरान के समर्थक सड़कों पर उतर आए थे. बता दें कि इमरान की गिरफ्तारी पर उनके समर्थकों ने देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन करने की धमकी दी है. इसकी शुरुआत जेल भरो आंदोलन के रूप में की जा चुकी है.
बता दें कि इमरान खान के ऊपर काफी दिनों से गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई थी. यह पूरा मामला तोशखाना विवाद से जुड़ा है. दरअसल, तोशाखाना पाकिस्तान कैबिनेट का एक विभाग है, जहां अन्य देशों की सरकारों, राष्ट्रप्रमुखों और विदेशी मेहमानों द्वारा दिए गए बेशकीमती उपहारों को रखा जाता है. नियमों के तहत किसी दूसरे देशों के प्रमुखों या गणमान्य लोगों से मिले उपहारों को तोशाखाना में रखा जाना जरूरी है.
इमरान खान 2018 में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने थे. उन्हें अरब देशों की यात्राओं के दौरान वहां के शासकों से महंगे गिफ्ट मिले थे. उन्हें कई यूरोपीय देशों के राष्ट्रप्रमुखों से भी बेशकीमती गिफ्ट मिले थे, जिन्हें इमरान ने तोशाखाना में जमा करा दिया था. लेकिन इमरान खान ने बाद में तोशाखाना से इन्हें सस्ते दामों पर खरीदा और बड़े मुनाफे में बेच दिया. इस पूरी प्रक्रिया को उनकी सरकार ने बकायदा कानूनी अनुमति दी थी.
सुनवाई के दौरान इमरान खान ने चुनाव आयोग को बताया था कि उन्होंने राज्य के खजाने से इन गिफ्ट्स को 2.15 करोड़ रुपए में खरीदा और इन्हें बेचकर करीब 5.8 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया. इन गिफ्ट्स में एक Graff घड़ी, कफलिंक का एक जोड़ा, एक महंगा पेन, एक अंगूठी और चार रोलेक्स घड़ियां सहित कई अन्य उपहार थे.
विवाद तब बढ़ गया, जब इस मामले को आधार बनाकर पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने इमरान खान के 5 साल तक चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया. चुनाव आयोग के इस प्रतिबंध के बाद इमरान खान समेत PTI नेतृत्व ने अपने कार्यकर्ताओं से इसके खिलाफ विरोध-प्रदर्शन करने के लिए कहा. इस मामले में इमरान पिछले साल अक्टूबर से अंतरिम जमानत पर थे.