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मारा गया बगदादी का भाई अबू अल-हसन... खूंखार आतंकी, हमेशा गुमनाम रखी असली पहचान

इस्लामिक स्टेट का प्रमुख अबू अल-हसन अल-हाशिमी अल-कुरैशी मारा गया है. इस्लामिक स्टेट ने इसकी घोषणा की है. इस्लामिक स्टेट का कहना है कि अबू हल-हसन की मौत अल्लाह के दुश्मनों से लड़ते हुए हुई. हालांकि, अमेरिका का कहना है कि उसकी मौत अक्टूबर में ही हो गई थी. अबू अल-हसन कौन था और वो कैसे मरा? जानें...

इस्लामिक स्टेट ने अपने नेता अबू अल-हसन अल-हाशिमी अल-कुरैशी की मौत की पुष्टि की है. (प्रतीकात्मक तस्वीर) इस्लामिक स्टेट ने अपने नेता अबू अल-हसन अल-हाशिमी अल-कुरैशी की मौत की पुष्टि की है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
Priyank Dwivedi
  • नई दिल्ली,
  • 01 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 5:44 PM IST

अबू अल-हसन अल-हाशिमी अल-कुरैशी. इस्लामिक स्टेट का मुखिया. वही इस्लामिक स्टेट जिसे दुनिया का सबसे खूंखार आतंकी संगठन माना जाता है. इसका मुखिया अबू अल-हसन मारा जा चुका है. आतंकी संगठन ने भी इसकी पुष्टि कर दी है. 

अबू अल-हसन इसी साल मार्च में इस्लामिक स्टेट का मुखिया बना था. उससे पहले अबू इब्राहिम अल-हाशिमी अल-कुरैशी इसकी कमान संभाल रहा था. और उससे भी पहले अबू बक्र अल-बगदादी के हाथों में इसकी कमान थी. 

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अबू अल-हसन के मारे जाने के बाद इस्लामिक स्टेट ने अपने नए प्रमुख के नाम का ऐलान भी कर दिया है. इस्लामिक स्टेट ने बताया है कि अब अबू अल-हुसैन अल-हुसैनी अल-कुरैशी नया प्रमुख होगा. इस्लामिक स्टेट ने नए प्रमुख के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी है.

इस्लामिक स्टेट के प्रवक्ता ने एक ऑडियो मैसेज जारी कर अबू अल-हसन के मारे जाने की पुष्टि की है. हालांकि, अबू अल-हसन की मौत कैसे हुई? ये नहीं बताया गया है. बस इतना कहा गया है कि 'वो अल्लाह के दुश्मनों से लड़ते हुए मारा गया.'

कौन था अबू अल-हसन?

9 महीने में ये तीसरी बार है जब इस्लामिक स्टेट को अपना प्रमुख बदलना पड़ा है. 10 मार्च को ही इस्लामिक स्टेट ने अबू अल-हसन को अपना नया प्रमुख घोषित किया था. 

अबू अल-हसन इस्लामिक स्टेट का पहला नेता अबू बक्र अल-बगदादी का भाई था. हालांकि, दोनों में से बड़ा कौन था, इस बारे में कोई जानकारी नहीं है.

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रिपोर्ट्स के मुताबिक, अबू अल-हसन 2003 में जिहादी संगठनों से जुड़ गया था. वो अक्सर अपने भाई बगदादी के साथ ही रहता था. बगदादी को क्या करना है और क्या करना चाहिए? इसकी सलाह अबू अल-हसन ही उसे देता था.

अबू अल-हसन को बगदादी का सबसे भरोसेमंद माना जाता था. दोनों अक्सर उत्तरी सीरिया से इस्तांबुल (तुर्की) आया-जाया करते थे. 

इस साल मार्च में बगदादी की कुर्सी संभालने से पहले अबू अल-हसन इस्लामिक स्टेट की शूरा काउंसिल का नेता हुआ करता था. इस काउंसिल में 5 आतंकी होते हैं. यही काउंसिल तय करती है कि अगर उनका नेता पकड़ा या मारा जाता है तो फिर नया खलीफा कौन होगा.

बगदादी की तरह ही अबू अल-हसन भी खूंखार आतंकी था. सुरक्षा एजेंसियों को उसकी तलाश थी. आखिरी बार उसकी लोकेशन इस्तांबुल से लौटते हुए उत्तरी सीरिया के पास ट्रेस हुई थी.

अक्टूबर 2019 में बगदादी मारा गया था. (फाइल फोटो)

हमेशा गुमनाम रखी अपनी पहचान

अबू अल-हसन का असली नाम क्या था? इस बारे में दुनिया को अभी तक कुछ पता नहीं है. स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया था कि उसका असली नाम जुमा अवाद अल-बद्री था. वो इराक का ही नागरिक था और बगदादी का छोटा भाई था.

हालांकि, कुछ रिपोर्ट्स में ये भी कहा जाता है कि उसका असली नाम जैद था. वो इस्लाम की तालीम देने का काम करता था. 

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इस साल मई में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने एक दस्तावेज जारी किया था. इसमें बताया था कि अबू अल-हसन का असली नाम बशर खट्टाब गजल अल-सुमैदाई हो सकता है.

अबू अल-हसन की मौत के बाद ऐसा भी दावा किया जा रहा है कि उसका नाम अब्दुर रहमान अल-इराकी था और वो इराक के रावा में पैदा हुआ था.

कैसे मरा अबू अल-हसन?

अबू अल-हसन एक ऐसा आतंकी था, जिसके बारे में बहुत ज्यादा जानकारी मौजूद नहीं है. इस्लामिक स्टेट का कहना है कि अबू अल-हसन की मौत अल्लाह के दुश्मनों से लड़ते हुए हुई. इस्लामिक स्टेट ने उसकी मौत की पुष्टि 30 नवंबर को की.

हालांकि, अमेरिका का कहना है कि उसकी मौत अक्टूबर में ही हो गई थी. अमेरिकी सेना के सेंट्रल कमांड के प्रवक्ता कर्नल जो बुचिनो ने बयान जारी कर कहा कि अबू अल-हसन की मौत फ्री सीरियन आर्मी नाम के विद्रोही गुट के अभियान में हुई. बुचिनो के मुताबिक, अबू अल-हसन की मौत सीरिया के दार्रा प्रांत में हुई. 

क्या है इस्लामिक स्टेट?

इस्लामिक स्टेट को दाएश, इस्लामिक स्टेट ऑफ सीरिया एंड लेवांत जैसे नामों से भी जाना जाता है. ये आतंकी संगठन अल-कायदा से ही अलग होकर बना है. 

फरवरी 2014 तक अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट मिलकर ही काम करते थे. लेकिन बाद में अल-कायदा ने खुद को अलग कर लिया. उसी साल बगदादी ने खुद को खलीफा घोषित कर दिया. 

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2014 में ही इस्लामिक स्टेट ने इराक और सीरिया में खिलाफत यानी खलीफा के शासन का ऐलान किया. इसके बाद ही इस्लामिक स्टेट दुनिया के सामने खुलकर सामने आया. 

अमेरिका के नेतृत्व में गठबंधन सेना ने 2017 में इराक और 2019 में सीरिया से इस्लामिक स्टेट के खात्मे का ऐलान किया. हालांकि, अभी भी इस आतंकी संगठन के स्लीपर सेल इराक और सीरिया में एक्टिव हैं.

27 अक्टूबर 2019 को अमेरिका ने अबू बक्र अल-बगदादी के मारे जाने का ऐलान किया. अमेरिका ने बताया कि अमेरिकी सेना के ऑपरेशन के दौरान बगदादी ने खुद को उड़ा लिया. बगदादी के साथ ही उसकी पत्नी और बच्चे भी मारे गए थे. 

इस साल 3 फरवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अबू इब्राहिम अल-हाशिमी अल-कुरैशी के मारे जाने की बात कही थी. हालांकि, इस्लामिक स्टेट ने इसकी पुष्टि 10 मार्च को की. अबू इब्राहिम सीरिया के इदलिब प्रांत की एक बिल्डिंग में छिपा था. अमेरिकी सेना ने जब उसे घेर लिया तो बगदादी की तरह ही उसने भी खुद को बम से उड़ा लिया. इस धमाके में अबू इब्राहिम, उसकी पत्नी और दो बच्चों की भी मौत हो गई थी.

 

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