
गाजा और इजरायल के बीच होने वाला सीजफायर समझौते के आखिरी चरण में पहुंच चुका है. इसे नाराज लोगों ने इजरायल की राजधानी यरुशलम में विरोध मार्च निकाला. लोगों ने हमास को शैतान बताते हुए सरकार से किसी भी हालत में समझौता न करने की मांग उठा दी. वहीं तेल अवीव में बंधकों के परिजनों ने इसे बंधकों की रिहाई का आखिरी मौका बताया है.
कतर के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माजिद अल-अंसारी के बयान के बाद से दुनिया के कई कोने से प्रदर्शनों की गूंज सुनाई देने लगी है. पहली तस्वीर इजरायल की राजधानी यरुशलम की है. वहां गाजा में युद्धविराम और बंधकों की रिहाई के लिए इजरायल और हमास के बीच होने वाले समझौते के खिलाफ सैकड़ों लोगों की नाराजगी नजर आई. लोग प्रदर्शन करते देखे गए.
हाथों में बड़े-बड़े बैनर-पोस्टर और इजरायली झंडे लिए प्रदर्शनकारियों ने यरुशलम की सड़कों पर एक बड़ा मार्च निकाला. हमास को शैतान बताते हुए सरकार से किसी भी हालत में उससे समझौता न करने की मांग की है. वहीं दूसरी तरफ इजरायल के दूसरे बड़े शहर तेल अवीव में बंधकों के परिजनों ने एकजुट होकर सरकार से सीजफायर डील पर मुहर लगाने की अपील की है.
अपनों की तस्वीरों को लिए सैकड़ों परिजनों ने एकत्र होकर नम आंखो से बंधकों की याद में कई गाने गाए. प्रदर्शन में शामिल बंधकों के परिजनों समेत कई इजरायली नागरिकों की माने तो गाजा में युद्धविराम और बंधकों को घर वापस लाने का ये आखिरी मौका है. इसको खोना नहीं चाहिए. कतर में चल रही बातचीत के दौरान हमास ने समझौते को स्वीकार कर लिया है.
इजरायल इस पूरे मसौदे पर विचार कर रहा है. इसी कड़ी में इटली में मौजूद इजरायल के विदेश मंत्री गिदोन सार ने भी माना कि यदि गाजा बंधक समझौते पर सहमति बनती है तो सरकार में हमारे पास बहुमत होगा जो इस समझौते का समर्थन करेगा. यदि कतर के मध्यस्थों द्वारा साझा किए गए मसौदा प्रस्ताव पर मुहर लग जाती है तो बंधकों रिहाई सुनिश्चित है.
इसके पहले चरण के दौरान 33 बच्चों, महिलाओं और बूढ़े लोगों के साथ बीमार और घायल बंधकों को रिहा किया जाएगा. इस रिहाई के बदले में सैकड़ों फिलिस्तीनी कैदियों को भी वापस भेजा जाएगा. हालांकि आखिरी चरण में पहुंचे इस सीजफायर समझौते के बीच इजरायल ने कब्जे वाले वेस्ट बैंक में जेनिन कैंप पर हवाई हमले किए. इसमें 6 फिलिस्तीनियों की मौत हो गई.