Advertisement

सीजफायर के बाद लेबनान में खुशी की लहर, लेकिन इजरायल में विरोध पर उतरे लोग

इजरायल और लेबनान के हिज्बुल्लाह में सीजफायर की घोषणा के बाद विस्थापित लोगों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी हैं. लोग खुशी से नाचते गाते नजर आ रहे हैं. महीनों बमबारी की जद में डर-डर कर रहने के बाद लोगों के चेहरों पर खुशी आई है.

सीजफायर की घोषणा के बाद विस्थापित लोगों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी हैं. सीजफायर की घोषणा के बाद विस्थापित लोगों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी हैं.
आजतक ब्यूरो
  • तेल अवीव,
  • 27 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 7:41 PM IST

इजरायल और लेबनान के हिज्बुल्लाह में सीजफायर की घोषणा के बाद विस्थापित लोगों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी हैं. लोग खुशी से नाचते गाते नजर आ रहे हैं. महीनों बमबारी की जद में डर-डर कर रहने के बाद लोगों के चेहरों पर तब खुशी आई, जब अमेरिका और फ्रांस की मध्यस्ता के बाद इजरायल और लेबनान की ओर से सीजफायर के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया गया. वहीं दूसरी ओर तेल अवीव में विस्थापित लोगों ने सड़कों पर प्रदर्शन कर इसका जमकर विरोध किया है.

Advertisement

लेबनान की राजधानी बेरूत में एक आश्रय स्थल पर विस्थापित लोग सीजफायर के बाद जल्द घर लौटने के लिए खासा उत्सुक नजर आए. वहीं छोटे बच्चों ने घर वापसी के बाद फिर से स्कूल जाने की खुशी जाहिर की. कुछ लोगों ने लेबनान के साथ गाजा में भी जल्द सीजफायर की मांग उठाई है. उधर, इजरायल के तेल अवीव में विस्थापित लोगों और उनके समर्थकों ने सड़कों पर उतरकर इस समझौते का जमकर विरोध किया. इस सीजफायर को आने वाली पीढ़ियों के लिए खतरनाक बताया. 

बुधवार सुबह 4 बजे से सीजफायर का ऐलान किया गया. मंगलावर की रात इजरायल के प्रधनमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की वार कैबिनेट ने इसको मजूरी दे दी, लेकिन इसके साथ ही नेतन्याहू ने चेतावनी भी दी है कि यदि हिज्बुल्लाह ने युद्धविराम का उल्लंघन किया तो फिर वो उन्हें नहीं बख्शेगा. इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इसका ऐलान किया और कहा कि युद्धविराम 60 दिनों के लिए 27 नवंबर को सुबह 4 बजे से लागू होगा.

Advertisement

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएन मैक्रों ने भी युद्धविराम के फैसले का स्वागत किया है. लेबनान के लिए इसे नया चैप्टर भी बताया. इस युद्धविराम के लिए अमेरिका और फ्रांस ने मध्यस्थता की थी. इसको दोनों पक्षों ने माना, जिसके बाद युद्धविराम लागू हो पाया. इस पर ऑस्ट्रेलिया और जापान समेत कई देशों की प्रतिक्रिया भी सामने आई है. सभी ने इस फैसले का स्वागत किया है. इस जंग की वजह से विस्थापित 10 लाख लोगों को अब घर वापसी की उम्मीद बढ़ गई है.

पिछले साल 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमास हमले के एक दिन बाद ही हिज्बुल्लाह ने हमला करना शुरू कर दिया था. इसके बाद लेबनान की ये लडाई देखते ही देखते जंग में बदल गई और इसके कारण लेबनान में अब तक करीब 3700 से ज्यादा लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी. हालांकि, इसी बीच एक चिंताजनक खबर भी सामने आ रही है. युद्धविराम के सुबह 4 बजे प्रभाव में आने के बाद लेबनान और इजरायल बॉर्डर से कुछ रॉकेट आसमान में देखे गए हैं.

सीजफायर के ऐलान से ठीक पहले भी इजरायली सेना ने हिज्बुल्लाह के 25 से अधिक ठिकानों को निशाना बनाते हुए मिसाइल अटैक किया. इस दौरान 12 लोगों की मौत हो गई, जबकि बड़ी संख्या में लोग घायल हुए. लेबनान की राजधानी बेरूत के दक्षिणी इलाके में एक इमारत को निशाना बनाकर आईडीएफ ने मिसाइल हमले में उड़ा दिया. धमाका इतना भयानक था कि आग की तेज लपटों ने आसपास के इलाकों को भी खासा नुकसान पहुंचाया. 

Advertisement

दिनदहाड़े हुए इस मिसाइली हमले के बाद लोग जमींदोज हुई इमारत में जिंदगियों की तलाश करने में जुट गए. इजरायल की ओर से जारी इन हमलों के जवाब में लेबनान ने भी मिसाइल दागे. इस दौरान करीब 10 प्रोजेक्टाइल को आंशिक रूप से इजरायल ने हवा में ही रोकने का दावा किया. हालांकि इजरायल के नहरिया शहर पर लेबनान की ओर से हुए रॉकेट हमलों में दो लोग घायल हो गए. इनमें से एक बुजुर्ग महिला की हालत गंभीर बताई गई थी. 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement