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इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान पर किए गए एयर स्ट्राइक को सफल करार दिया है. उन्होंने कहा कि हमले का जो भी उद्देश्य था वो पूरा हुआ. बीते दिनों इजरायल ने ईरान के मिलिट्री ठिकानों को निशाना बनाने का दावा किया था. इस हमले में ईरानी सेना के कम से कम चार जवान मारे गए थे. ईरान ने हमले पर कहा कि उसे ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन इजरायली पीएम को इसका खंडन करना पड़ा है.
प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक अहम सफलता के रूप में पेश किया और कहा कि इस ऑपरेशन ने इजराइल की सुरक्षा और फ्यूचर की रणनीति को मजबूती दी है. उन्होंने कहा कि हमला ईरान के उन ठिकानों पर केंद्रित था जो इजरायल की सुरक्षा के लिए सीधा खतरा बन रहे थे.
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इजरायली हमले से मिडिल ईस्ट में बढ़ी चिंता
इस बीच, अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों का मानना है कि यह हमला मध्य पूर्व में अस्थिरता को और बढ़ा सकता है. हालांकि, नेतन्याहू ने जोर देकर कहा कि यह ऑपरेशन केवल आत्मरक्षा के उद्देश्य से किया गया था. उन्होंने अपने विदेशी सहयोगियों को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि इजरायल अपनी रक्षा के लिए हर आवश्यक कदम उठाएगा.
ईरान ने इस हमले की निंदा करते हुए इसे क्षेत्रीय शांति के खिलाफ बताया है और आरोप लगाया है कि इजराइल इस तरह के हमलों से क्षेत्रीय अस्थिरता को बढ़ावा दे रहा है. विशेषज्ञों की मानें तो यह हालिया घटनाक्रम इजराइल और ईरान के बीच लंबी अवधि से चली आ रही रणनीतिक लड़ाई का सिर्फ एक हिस्सा है.
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इजरायली स्ट्राइक पर सुप्रीम लीडर क्या बोले?
ईरानी मीडिया के मुताबिक, सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने रविवार को कहा कि इजरायल के हमले के प्रभाव को बढ़ा-चढ़ाकर नहीं बताया जाना चाहिए या कम करके नहीं आंका जाना चाहिए. उन्होंने कहा, "इस दुष्ट कृत्य को बढ़ा-चढ़ाकर बताना गलत है, लेकिन ध्यान दें, इसे वास्तविकता से छोटा दिखाना, यह कहना कि 'यह कुछ खास नहीं था, यह बस हो गया' भी गलत है."
ईरान के विदेश मंत्रालय ने हमलों को "अंतर्राष्ट्रीय कानून का घोर उल्लंघन" बताया और कहा कि देश बाहरी हमलों के खिलाफ खुद की रक्षा करने का हकदार और बाध्य है." हालांकि, इसने यह भी कहा कि यह "क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा के लिए वे अपनी जिम्मेदारी बखूबी समझते हैं."