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इजरायल चुनाव: किसी पार्टी को बहुमत नहीं, एक साल में तीसरी बार हो सकते हैं चुनाव

रुवार तक इज़रायल चुनाव को लेकर जो स्थिति साफ हुई उसके अनुसार बैनी गैंट्ज़ की ब्लू एंड व्हाइट 33 सीट, बेंजामिन नेतन्याहू की लिकुड पार्टी 31 सीटों पर है. इजरायल में सरकार बनाने के लिए 61 का आंकड़ा चाहिए, लेकिन दोनों पार्टियां अपने गठबंधनों के साथ भी 50 के आंकड़े तक ही पहुंच सकती है.

अपनी पत्नी के साथ इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (फोटो: ANI) अपनी पत्नी के साथ इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (फोटो: ANI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 20 सितंबर 2019,
  • अपडेटेड 8:39 AM IST

  • इजरायल चुनाव में नतीजा साफ नहीं
  • किसी पार्टी को नहीं मिला है बहुमत
  • सरकार ना बनने पर फिर होंगे चुनाव

इजरायल में 17 सितंबर को हुए प्रधानमंत्री पद के लिए चुनाव का नतीजा साफ नहीं आ पाया है. एक बार फिर हालात कुछ ऐसे बने हैं कि कोई भी पार्टी अपने दम पर सरकार बनाने के हालात में नहीं है. मौजूदा प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की लिकुड पार्टी को 31 सीटें, विपक्षी दल के नेता बैनी गैंट्ज़ की पार्टी को 33 सीटें मिली हैं. ऐसे में अगर जल्द ही सरकार का गठन नहीं होता है, तो राष्ट्रपति की ओर से एक बार फिर चुनाव का आदेश दिया जाएगा. यानी इज़रायल एक साल में तीसरी बार आम चुनाव की कगार पर खड़ा है.

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दरअसल, गुरुवार तक इज़रायल चुनाव को लेकर जो स्थिति साफ हुई उसके अनुसार बैनी गैंट्ज़ की ब्लू एंड व्हाइट 33 सीट, बेंजामिन नेतन्याहू की लिकुड पार्टी 31 सीटों पर है. इजरायल में सरकार बनाने के लिए 61 का आंकड़ा चाहिए, लेकिन दोनों पार्टियां अपने गठबंधनों के साथ भी 50 के आंकड़े तक ही पहुंच सकती है.

इनके अलावा कुछ छोटी पार्टियां हैं जिनके पास ऐसे नंबर हैं जो सरकार बनाने में किंगमेकर हो सकती हैं, इन्हीं में से एक एविग्डोर लिबरमैन की पार्टी के पास अभी 8 सीटें हैं जो सरकार का रुख तय कर सकती है.

हालांकि, बेंजामिन नेतन्याहू और बैनी गैंट्ज़ दोनों ने ही कहा है कि यूनिटी सरकार बनाने के लिए तैयार हैं, लेकिन यहां पर प्रधानमंत्री पद के लिए पेच फंस रहा है. क्योंकि बैनी गैंट्ज़ कह चुके हैं कि अगले प्रधानमंत्री वही होंगे. जिसपर बेंजामिन नेतन्याहू की पार्टी राजी नहीं है.

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अभी के हालात पर राष्ट्रपति रिवलिन का कहना है कि वह रविवार से सरकार बनाने की प्रक्रिया पर काम करेंगे, पहले दोनों पार्टियों को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया जाएगा और आंकड़ें मांगे जाएंगे. राष्ट्रपति कार्यालय के अनुसार सरकार बनाने के लिए 42 दिनों का समय मिलेगा, इसके अलावा भी 28 दिनों का अतिरिक्त समय मिल सकता है.

लेकिन अगर ये ऑप्शन सफल नहीं होते हैं तो राष्ट्रपति की ओर से एक बार फिर चुनाव का ऐलान किया जा सकता है. हालांकि, सभी राजनीतिक दलों के नेताओं और खुद राष्ट्रपति का मानना है कि देश को एक ही साल में तीसरी बार चुनाव में नहीं जाना चाहिए. इसलिए सरकार बनाने की कोशिशें जारी हैं.

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