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दुनिया की सबसे बेहतरीन खुफिया एजेंसी, हाईटेक बॉर्डर सिक्योरिटी... फिर भी हमास ने इजरायल पर कैसे कर दिया इतना बड़ा हमला?

आतंकी संगठन हमास ने पूरी प्लानिंग के साथ इजरायल को निशाना बनाया, जिसकी तैयारी वो काफी वक्त से कर रहा था. हमले को इजरायली खुफिया एजेंसी की बड़ी चूक बताया जा रहा है. कारण, दुनिया की सबसे तेजतर्रार एजेंसियों मोसाद और शिन बेट के होते हुए भी हमास द्वारा हलमे की प्लानिंग का पता नहीं लग सका. वहीं यह सब तब हुआ है जब इजरायल के पास दुनिया की सबसे मजबूत सेनाओं में से एक है.

फिलिस्तीन के आतंकी संगठन हमास ने इजरायल पर हमला कर दिया फिलिस्तीन के आतंकी संगठन हमास ने इजरायल पर हमला कर दिया
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 07 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 11:49 PM IST

इजरायल में शनिवार का सूरज गाजा पट्टी में धमाकों की गूंज के साथ उगा. फिलिस्तीन के आतंकी संगठन हमास ने इजरायल पर महज 20 मिनट में 5 हजार रॉकेट दागे. हमले में अब तक 100 से ज्यादा लोगों के मौत की बात सामने आ रही है. 900 से ज्यादा लोग घायल हैं. वहीं हमास की ओर से दावा किया गया है कि उसने कई इजरायली सैनिकों को बंधक बना लिया है. वहीं कई इजरायली नागरिकों को भी बंधक बनाए जाने की जानकारी है. वहीं इजरायल के जवाबी हमले में 198 मौतें हुई हैं और लगभग 1,500 घायल हुए हैं.

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हमास ने पूरी प्लानिंग के साथ इजरायल को निशाना बनाया, जिसकी तैयारी वो काफी वक्त से कर रहा था. हमले को इजरायली खुफिया एजेंसी की बड़ी चूक बताया जा रहा है. कारण, दुनिया की सबसे तेजतर्रार एजेंसियों मोसाद और शिन बेट के होते हुए भी हमास द्वारा हलमे की प्लानिंग का पता नहीं लग सका. वहीं यह सब तब हुआ है जब इजरायल के पास दुनिया की सबसे मजबूत सेनाओं में से एक है. इतना ही नहीं, देश के बॉर्डर पर सुरक्षा कैमरे, शिन बेट और मोसाद के एजेंट्स, अत्याधुनिक थर्मल इमेजिंग/मोशन सेंसर तैनात हैं. वहीं यहां पर कि आधुनिक बॉर्डर फेंसिंग 'आयरन डोम' लगाने के बावजूद भी ये हमला नहीं रोका जा सका.

जानकारों की मानें तो इजरायल ईरान से मुकाबला करने और इस्लामिक गणराज्य के परमाणु कार्यक्रम को विफल करने के प्रयासों में इतना व्यस्त हो गया कि उसने अपने ही दूसरे छौर पर मौजूद फिलिस्तीन पर ध्यान ही नहीं दिया. वहीं कुछ लोगों का यह भी कहना है कि नेतन्याहू सरकार द्वारा न्याय प्रणाली में किए गए बदलाव को लेकर तेल अवीव समेत कई शहरों में चल रहे विरोध प्रदर्शन का भी फायदा दुश्मन देशों ने उठाया है. कारण, कई नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है.

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हमास ने इजरायल के खिलाफ सैन्य कार्रवाई बताया

हमास ने हमलों की जिम्मेदारी ली और इसे इजरायल के खिलाफ सैन्य कार्रवाई बताया है. हमास के अल-कासम ब्रिगेड ने अपने ऑपरेशन 'अल-अक्सा फ्लड' के दौरान कई इजरायली सैनिकों को पकड़ने का दावा किया है. उसने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर ऐसे वीडियो साझा किए हैं, जिनमें कहा गया है कि इजरायली बंदियों को गाजा में जिंदा ले जाया गया. हमास की मानें तो इजरायल के करीब 5 हजार सैनिकों को बंधक बना लिया गया है. वहीं कई इजरायली सैनिकों के मारे जाने की बात भी कही आतंकी संगठन ने कही है. 

गाजा पट्टी पर इजरायल का हमला जारी

हमास के हमले के बाद इजरायल ने भी 'युद्ध' की घोषणा कर दी है. इसके बाद रात होते-होते पूरा मंजर बदल गया. हमास के हमले के जवाब में इजरायल द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन 'आयरन स्वॉर्ड्स' के जरिए हवा, जमीन और समुद्र से गाजा पट्टी में रॉकेटों की बौछार की जा रही है. इजरायली वायु सेना के दर्जनों लड़ाकू विमानों ने पूरे गाजा पट्टी में आतंकवादी संगठन हमास के 17 सैन्य परिसरों और 4 हेडक्वार्टर पर हमला किया. 

इजरायली पीएम ने बनाया एक्शन प्लान

इजरायल के पीएम नेतन्याहू ने सबसे पहले युद्ध का ऐलान किया. फिर कैबिनेट की बैठक बुलाई. इसमें तीन एक्शन प्लान पर फैसला हुआ है. नेतन्याहू ने कहा कि इजराइल में युद्ध के हालात हैं. हमारा पहला उद्देश्य हमारे क्षेत्र में घुसपैठ करने वाली शत्रुतापूर्ण ताकतों को हटाना और उन समुदायों के लिए सुरक्षा और शांति बहाल करना है जिन पर हमला किया गया है. कैबिनेट की बैठक के बाद नेतन्याहू ने कहा कि हमारा दूसरा मकसद गाजा पट्टी के भीतर दुश्मन से भारी कीमत वसूलना है और तीसरा मकसद सभी मोर्चों को मजबूत करना है, ताकि कोई गलती से भी इस युद्ध में शामिल न हो जाए. 

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दशकों से चल रही दोनों देशों में जंग

मजहब और जमीन की जंग दोनों देश इजरायल-फिलिस्तीन के बीच दशकों से चली आ रही है. इस जंग के चलते कई बार मध्यपूर्व की जमीन पर बेगुनाहों का खून बहा है. इजरायल एक यहूदी देश है, जबकि फिलिस्तीन मुस्लिम बहुल. दोनों मुल्कों के बीच ये जंग इजरायल की स्थापना के पहले से ही जारी है. क्योंकि फिलिस्तीन और कई मुस्लिम देश इजरायल को यहूदी राष्ट्र के रूप में मानने से इनकार करते हैं. साथ ही दोनों ही देश येरुशलम को ही अपनी राजधानी मानते हैं. इन दोनों देशों के बीच गाजा और येरुशलम पर कब्जे की लड़ाई दशकों से जारी है.

भारत ने जारी की एडवाइजरी

भारतीय दूतावास ने इजरायल में सभी भारतीय नागरिकों को "सतर्क रहने" और "सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करने" के लिए कहा. इसके अलावा गैर-जरूरी आवाजाही से बचने और सुरक्षा आश्रयों के करीब रहने की सलाह दी है. इसमें कहा गया है कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए, इजरायल में सभी भारतीय नागरिकों को सतर्क रहने और स्थानीय अधिकारियों की सलाह के अनुसार सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करने का अनुरोध किया जाता है. कृपया सावधानी बरतें, अनावश्यक आवाजाही से बचें और सुरक्षा आश्रयों के करीब रहें. 

एडवाइजरी में आगे कहा गया है कि आपातकालीन स्थिति में, हमें +97235226748 पर संपर्क करें या consl.telaviv@mea.gov.in पर एक संदेश छोड़ सकते हैं. किसी भी मार्गदर्शन के लिए दूतावास कर्मी आपके साथ सदैव रहेंगे. अधिक जानकारी के लिए, कृपया इजरायली होम फ्रंट कमांड वेबसाइट www.oref.org.il/en या उनकी तैयारी विवरणिका देखें.

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युद्ध के बाद दो गुटों में बंटी दुनिया

एक बार फिर दुनिया इस युद्ध के बाद दो गुटों में बंट गई है. हिंदुस्तान अपने पुराने दोस्त इजरायल के साथ डटकर खड़ा है. वहीं आतंकी की फैक्ट्री चलाने वाला पाकिस्तान एक बार फिर आतंकी हमले का समर्थन करता नजर आ रहा है. पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, "इजरायल में आतंकवादी हमलों की खबर से गहरा सदमा लगा है. हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं निर्दोष पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ हैं. हम इस कठिन समय में इजरायल के साथ एकजुटता से खड़े हैं."

वहीं पाकिस्तान के विदेश कार्यालय (एफओ) की तरफ से कहा गया कि वह इजरायल और फिलिस्तीन के बीच हाल ही में बढ़े तनाव के मद्देनजर हम बढ़ती स्थिति की मानवीय क्षति के बारे में चिंतित हैं. हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय से शत्रुता की समाप्ति, नागरिकों की सुरक्षा और मध्य पूर्व में स्थायी शांति के लिए एकजुट होने का आह्वान करते हैं. 1967 से पहले की सीमाओं के आधार पर अल कुद्स अल-शरीफ को इसकी राजधानी बनाकर एक व्यवहार्य, संप्रभु और सन्निहित फिलिस्तीन राज्य की स्थापना की जानी चाहिए.

ईरान ने हमास के लड़ाकों को दी बधाई

ईरान के प्रमुख अली खामेनेई के एक सलाहकार ने इजरायल पर हमला करने के लिए फिलिस्तीनी लड़ाकों को बधाई दी. याह्या रहीम सफवी के हवाले से कहा गया है, "हम फिलिस्तीनी लड़ाकों को बधाई देते हैं. हम फिलिस्तीन और यरुशलम की आजादी तक फिलिस्तीनी लड़ाकों के साथ खड़े रहेंगे." 

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