
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इजरायल के उस आरोपों का खंडन किया है कि WHO हमास के साथ "मिलीभगत" में है और गाजा में बंधकों की पीड़ा के प्रति "आंखें मूंद रखी है". डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडनोम घेब्रेयसस द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि इस तरह के झूठे दावे हानिकारक हैं. संगठन के कर्मी खतरे में हैं और वे अपनी जान जोखिम में डालकर जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं.
WHO का कहना है कि संयुक्त राष्ट्र एजेंसी के रूप में, वे निष्पक्ष हैं और सभी लोगों के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए काम कर रहे हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन का यह स्पष्टीकरण कार्यकारी बोर्ड की बैठक में इजरायल द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद आया है, जिसमें कहा गया था कि विश्व स्वास्थ्य संगठन हमास समूह के साथ जुड़ा है. साथ ही इजरायल दावा करता रहा है कि डब्ल्यूएचओ द्वारा संचालित अस्पतालों का हमास के लड़ाके छिपने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं.
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विश्व स्वास्थ्य संगठन पर सबूतों को नजरअंदाज करने का आरोप
गुरुवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन की कार्यकारी बोर्ड की बैठक में इजरायल के प्रतिनिधि मीरव इलोन ने उन पर न सिर्फ इजरायली अधिकारियों द्वारा दिए गए सबूतों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया, बल्कि गाजा पट्टी के अस्पतालों से हमास के लड़ाकों द्वारा मानव ढाल के इस्तेमाल करने के सबूतों को भी नजरअंदाज करने का आरोप लगाया.
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'संगठन के कर्मचारियों के लिए हो सकता है नुकसानदेह'
बैठक में इजरायली राजदूत ने दावा किया कि इजरायली रक्षा बलों द्वारा अस्पतालों में तलाशी के दौरान उन्हें आतंकवादी समूहों द्वारा ऐसे अस्पतालों के इस्तेमाल के सबूत मिले है. इजरायल का दावा है कि, यहां तक कि अस्पतालों से गोला-बारूद भी बरामद हुआ है. इजरायली राजदूत के आरोपों का खंडन करते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक ने शुक्रवार को बयान जारी किया और कहा कि इस तरह के बयान युद्ध क्षेत्र में काम कर रहे डब्ल्यूएचओ के कर्मचारियों के लिए भी हानिकारक हो सकते हैं.