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'सैनिकों ने खून बहाकर...', इजरायल-हमास समझौते पर भड़के नेतन्याहू के सहयोगी, भारत समेत पूरी दुनिया क्या बोली?

इजरायल और हमास के बीच संघर्ष विराम समझौते की घोषणा हो गई है. इस समझौते का स्वागत पूरी दुनिया के नेता कर रहे हैं. हालांकि, इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कुछ सहयोगी समझौते से बेहद नाराज हैं.

इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम में अमेरिका, कतर और मिस्र की भूमिका रही है (Photo- Reuters) इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम में अमेरिका, कतर और मिस्र की भूमिका रही है (Photo- Reuters)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 16 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 12:53 PM IST

15 महीने लंबे संघर्ष के बाद इजरायल और हमास आखिरकार एक संघर्ष विराम समझौते पर राजी हो गए हैं. अमेरिका, कतर और मिस्र की मध्यस्थता में दोनों पक्षों में समझौता हुआ जिसके बाद तय हुआ है कि रविवार 19 जनवरी से संघर्ष विराम समझौता लागू हो जाएगा. दोनों पक्षों के बीच समझौते की पुष्टि करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि इजरायल-हमास समझौता वार्ता उनके कार्यकाल की सबसे मुश्किल वार्ता रही. इजरायल-हमास के बीच समझौते की खबर सामने आने के बाद पूरी दुनिया के नेता राहत की सांस लेते हुए अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं.

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इजरायल और हमास युद्ध ने पूरे मध्य-पूर्व को अस्थिर कर दिया था जिससे पूरी दुनिया प्रभावित हो रही थी. 7 अक्टूबर 2023 को फिलिस्तीनी संगठन हमास के लड़ाकों ने दक्षिणी इजरायल पर हमला कर 1,200 लोगों की हत्या कर दी और 250 से अधिक लोगों को बंधक बना लिया था. जवाब में इजरायल ने हमास के नियंत्रण वाले गाजा पर सैन्य कार्रवाई शुरू की जिसमें 46,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए.

इजरायस-हमास का युद्ध केवल दो पक्षों का युद्ध न होकर धीरे-धीरे कई मोर्चों पर शुरू हुआ जिसमें हमास के समर्थक हिज्बुल्लाह और हूती विद्रोहियों ने भी इजरायल पर हमले किए. हालांकि, अब इजरायल और हमास युद्ध विराम समझौते पर राजी हो गए हैं जिसके बाद गाजा में लड़ाई रुक जाएगी और बंधकों की रिहाई हो सकेगी.
 
संघर्ष विराम पर बोले अमेरिकी राष्ट्रपति

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अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इजरायल-हमास संघर्ष विराम की जानकारी दी. बाइडेन ने सत्ता से जाते-जाते इजरायल-हमास संघर्षविराम को अंजाम दे दिया जिसे लेकर उनके चेहरे पर राहत दिख रही थी.

संघर्ष विराम समझौते की जानकारी देते हुए बाइडेन ने कहा, 'संघर्ष विराम और बंधकों की रिहाई को लेकर इजरायल और हमास एक समझौते पर पहुंच गए हैं. 19 जनवरी से लागू हो रहा संघर्ष विराम तीन चरणों में लागू होगा. पहला चरण छह हफ्तों तक चलेगा जिसमें पूर्ण संघर्ष विराम होगा, गाजा से इजरायली सैनिकों की वापसी होगी और 33 बच्चों, महिलाओं, बूढ़ों, बीमार और घायल बंधकों को रिहा किया जाएगा. बदले में इजरायल भी सैकड़ों फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा.'

पहले चरण में ही युद्ध के दौरान विस्थापित हुए फिलिस्तीनी अपने घरों को वापस लौट सकेंगे और उन्हें मानवीय मदद भी मिल सकेगी.

संघर्ष विराम के दूसरे और तीसरे चरण के बारे में बताते हुए बाइडेन ने कहा, 'दूसरे चरण की शुरुआत में बचे हुए जीवित बंधकों की रिहाई होगी और गाजा में बचे हुए इजरायली सैनिक भी वापस लौट आएंगे. इसके बाद अस्थायी संघर्षविराम स्थायी बन जाएगा. तीसरे चरण में मारे गए बंधकों के शवों को हमास इजरायल को सौंपेगा. इसके बाद गाजा का पुनर्निर्माण काम शुरू होगा.'

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निर्वाचित अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने क्या कहा

20 जनवरी को राष्ट्रपति पद ग्रहण करने वाले अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया साइट ट्रूथ पर लिखा, 'मध्य पूर्व में बंधकों के लिए एक समझौता हो गया है. उन्हें जल्द ही रिहा कर दिया जाएगा. धन्यवाद!'

ट्रंप ने इस पोस्ट के बाद किए गए एक और पोस्ट में लिखा, 'इस समझौते के साथ, मेरी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम, मध्य पूर्व के लिए विशेष दूत स्टीव विटकॉफ के साथ इजरायल और हमारे बाकी सहयोगियों के साथ मिलकर काम करना जारी रखेगी ताकि गाजा फिर कभी आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह न बने.'

इजरायल के प्रधानमंत्री क्या बोले?

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने संघर्षविराम समझौते के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और डोनाल्ड ट्रंप, दोनों को धन्यवाद दिया है. उन्होंने दोनों नेताओं से फोन पर बात कर आभार जताया. नेतन्याहू ने कहा कि इजरायल सभी बंधकों की रिहाई के लिए प्रतिबद्ध है.

ट्रंप से बातचीत के दौरान नेतन्याहू ने उनकी तारीफ करते हुए कहा कि उनके प्रयासों से ही गाजा आतंकियों का गढ़ बनने से बच गया. दोनों नेता संघर्ष विराम के विषय पर बातचीत करने के लिए जल्द ही वाशिंगटन में मिलने पर सहमत हुए.

ट्रंप और नेतन्याहू की बातचीत की जानकारी देते हुए इजरायली प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया, 'प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने आज शाम अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बात की और बंधकों की रिहाई में उनकी मदद के लिए उन्हें धन्यवाद दिया. इस दौरान प्रधानमंत्री ने सभी बंधकों की वापसी की अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया और राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि अमेरिका इजरायल के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करेगा कि गाजा आतंकवाद के लिए सुरक्षित पनाहगार न बने.'

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संघर्ष विराम पर भड़ने नेतन्याहू के सहयोगी

संघर्ष विराम से पहले ही इजरायल के धुर दक्षिणपंथी नेता और प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सरकार में सहयोगी इतमार बेन ग्वीर धमकी दे रहे थे कि अगर नेतन्याहू हमास के साथ युद्धविराम समझौता करते हैं तो वो सरकार ने अपना समर्थन वापस ले लेंगे. सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक वीडियो जारी कर

उन्होंने कहा था, 'जो समझौता हो रहा है वह बहुत ही भयानक है. मैं इसका डिटेल्स अच्छी तरह से जानता हूं. इसमें सैकड़ों हत्यारे आतंकवादियों को जेलों से रिहा करना, हजारों आतंकवादियों समेत गाजा के लोगों को उत्तरी गाजा पट्टी में वापस भेजना, गाजा से इजरायली सेना को वापस बुलाना, इजरायली लोगों के लिए फिर से खतरा पैदा करना शामिल है. गाजा पट्टी में अब तक हमारे सैनिकों ने खून बहाकर जो युद्ध उपलब्धि हासिल की थी, उसे इस समझौते से खत्म कर दिया गया है.'

ग्वीर ने अपने पोस्ट में इजरायली वित्त मंत्री बेजेलेल स्मोट्रिक से आह्वान किया कि वो खतरनाक संघर्ष विराम समझौते के खिलाफ उनका सहयोग दें और प्रधानमंत्री नेतन्याहू से साफ कर दें कि अगर समझौता होता है तो वो साथ में सरकार से इस्तीफा दे देंगे.

दक्षिणपंथी बेजेलेल स्मोट्रिक ने भी इस समझौते को 'इजरायल की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बुरा और खतरनाक बताया और कहा कि वे इसका पूरी तरह विरोध करते हैं. हालांकि, उन्होंने ग्वीर की तरह सरकार छोड़ने की धमकी नहीं दी.

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भारत क्या बोला?

इजरायल-हमास संघर्ष विराम समझौते पर भारत के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी किया है.

बयान में मंत्रालय ने कहा, 'गाजा में संघर्षविराम और बंधकों की रिहाई को लेकर हुए समझौते का हम स्वागत करते हैं. हम उम्मीद करते हैं कि इससे गाजा के लोगों तक सुरक्षित और निरंतर मानवीय मदद पहुंचाई जा सकेगी. हमने लगातार सभी बंधकों की रिहाई, युद्धविराम, वार्ता और कूटनीति के रास्ते पर लौटने का आह्वान किया है.'

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र इस समझौते का समर्थन करने और असंख्य पीड़ित फिलिस्तीनियों को मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए तैयार है.

तुर्की के विदेश मंत्री हकन फिदान

तुर्की के विदेश मंत्री हकन फिदान ने अंकारा में मीडिया से बात करते हुए कहा कि संघर्ष विराम समझौता क्षेत्रीय स्थिरता के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है. उन्होंने यह भी कहा कि इजरायल-फिलिस्तीनी संघर्ष समाधान के लिए टू-स्टेट सॉल्यूशन ही एकमात्र रास्ता है और इसके लिए तुर्की के प्रयास जारी रहेंगे.

कतर के शेख और प्रधानमंत्री क्या बोले?

कतर के शेख अमीर शेख तमीन बिन हमद अल थानी ने बुधवार को कहा कि उन्हें उम्मीद है, गाजा का युद्ध विराम फिलिस्तीनियों की पीड़ा को खत्म करने में मदद करेगा.

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Photo- Reuters

उन्होंने एक्स पर लिखा, 'हमें उम्मीद है कि गाजा संघर्ष विराम समझौते की घोषणा से गाजा पट्टी और कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्रों में आक्रामकता, विनाश और हत्या को समाप्त करने में मदद मिलेगी. इससे एक नए चरण की शुरुआत होगी, जहां फिलिस्तीन की मुद्दा अब हाशिए पर नहीं रहेगा और अंतरराष्ट्रीय वैधता के अनुसार निष्पक्ष समाधान के लिए गंभीर प्रयास किए जाएंगे.'

कतर के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान अल थानी ने कहा कि गाजा में युद्ध विराम 19 जनवरी को लागू होगा, तब तक उन्होंने गाजा में शांति बनाए रखने का आह्वान किया है.

यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष, उर्सुला वॉन डेर लेयेन

वॉन डेर लेयेन ने युद्ध विराम समझौते की खबर का "गर्मजोशी से" स्वागत किया. उन्होंने कहा, 'बंधक अपने परिवार से फिर से मिल सकेंगे और गाजा में नागरिकों तक मानवीय सहायता पहुंचाई जा सकेगी. यह पूरे क्षेत्र में उम्मीद जगाता है, जहां लोगों ने लंबे समय से भारी पीड़ा झेली है. दोनों पक्षों को इस समझौते को पूरी तरह से लागू करना चाहिए, तभी क्षेत्र में स्थायी स्थिरता और संघर्ष के कूटनीतिक समाधान की दिशा में आगे बढ़ पाएंगे.'

बेल्जियम के प्रधानमंत्री, अलेक्जेंडर डी क्रू

संघर्ष विराम समझौते को लेकर बेल्जियम के प्रधानमंत्री अलेक्जेंडर डी क्रू ने कहा कि कई महीनों के संघर्ष के बाद "हमें बंधकों के लिए बहुत राहत महसूस हो रही है.

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उन्होंने कहा, 'हमें उम्मीद है कि यह युद्ध विराम लड़ाई को समाप्त कर देगा और एक स्थायी शांति की शुरुआत करेगा. बेल्जियम मदद के लिए तैयार है.'

ब्रिटिश प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने ईमेल के जरिए जारी एक बयान में कहा, 'कई महीनों के विनाशकारी रक्तपात और अनगिनत लोगों की जान जाने के बाद, संघर्ष विराम हुआ है. इजरायल और फिलिस्तीन के लोग इस खबर का लंबे समय से इंतजार कर रहे थे.'

नॉर्वे के प्रधानमंत्री जोनास गहर स्टोएरे

इजरायल-हमास युद्ध विराम पर नार्वे के प्रधानमंत्री जोनास गहर स्टोएरे ने फिलिस्तीनी संस्थाओं को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि ये संस्थाएं गाजा की जिम्मेदारी संभाल सकें.

उन्होंने कहा कि इजरायल और फिलिस्तीन दोनों को विश्वसनीय सुरक्षा गारंटी मिलनी चाहिए, और समाधान क्षेत्रीय स्तर पर होना चाहिए.

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