
इजरायल और हमास जंग डेढ़ महीने से जारी है. ऐसे में दोनों पक्षों के बीच चार दिनों के सीजफायर पर बनी सहमति चर्चा में है. ऐसे में अमेरिका में भारतीय मूल के तीन सांसदों ने सीजफायर को लेकर बयान जारी किया है. भारतीय मूल के ये तीन अमेरिकी सांसद एमी बेरा, श्री थानेदार और रो खन्ना हैं.
इजरायल और हमास के बीच सीजफायर को लेकर बनी सहमति के तहत इजरायल के 50 बंधकों को रिहा किया जाएगा. इस बीच भारतीय मूल के रिपब्लिकन सांसद एमी बेरा ने कहा कि यह मेरी उम्मीद है कि बाइडेन सरकार इस सीजफायर का लाभ उठाकर एक उम्मीद भरे भविष्य की तरफ चर्चा को बढ़ा सकती है. ऐसा भविष्य जहां इजरायली लोगों की सुरक्षा हो और फिलिस्तीनी नागरिक भी सम्मान के साथ जिंदगी जी सकें.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस का सदस्य होने के नाते कह सकता हूं कि सात अक्टूबर की घटना दिल दहलाने वाली थी. मैं उन इजरायली परिवारों से मिल चुका हूं, जिनके अपनों को हमास ने बंधक बनाया है. इससे मेरा दिल पसीज गया है.
वहीं, रिपब्लिकन सांसद श्री थानेदार ने कहा कि यह सीजवायर मानवीय सीजफायर है. हमें इस समय का इस्तेमाल ज्यादा से ज्यादा बंधकों को छुड़ाने के लिए करना चाहिए और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए.
इस मामले पर एक और भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद रो खन्ना ने कहा कि उम्मीद है कि इन चार दिनों के सीजफायर में 50 बंधकों को रिहा किया जाएगा. हर अमेरिकी और इजरायली बंधकों को रिहा किया जाना चाहिए.
इजरायल का कहना है कि अगर हमास 10 और बंधकों को छोड़ता है तो सीजफायर की मियाद एक दिन और बढ़ जाएगी. अभी हमास के पास इजरायल के 240 बंधक मौजूद हैं. यानी कि अगर हमास 50 के अलावा 10 और इजरायली बंधकों को छोड़ता है तो इजरायल अपनी ओर से सीजफायर को एक दिन और बढ़ा देगा.
बता दें कि लगभग 7 हफ्तों से चली आ रही जंग में युद्धविराम कराने के लिए कतर में लगातार कूटनीतिक हलचलें चल रही थीं. इसमें कतर के अलावा अमेरिका भी शामिल है. राष्ट्रपति बाइडेन ने इस युद्धविराम को संभव कराने में अहम रोल निभाया है.
150 फिलिस्तीनी भी होंगे रिहा
सूत्रों के हवाले से खबर यह भी है कि 50 बंधकों के बदले में इजरायल 150 फिलिस्तीन बंधकों को भी रिहा करेगा. हालांकि इजरायल सरकार की ओर से जारी बयान में इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है. सीजफायर की शर्तें अभी भी अस्पष्टता की स्थिति है.
खबर है कि ये ऐसे फिलिस्तीनी हैं जिन्में महिलाएं और नाबालिग शामिल हैं. इनमें से ज्यादातर वेस्ट बैंक और पूर्वी जेरुशलम के रहने वाले हैं. ये लोग इजरायल की जेलों में बंद थे. इजरायल ऐसे 150 लोगों को वापस लौटने की अनुमति दे रहा है.
जंग जारी रहेगी
इजरायल सरकार ने यह भी कहा कि IDF और इजरायल की सेना हमास का सफाया करने तक और बंधक बनाए गए इजरायलियों की वापसी तक जंग जारी रखेगी.
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू ने कैबिनेट की मीटिंग शुरू होने से पहले कहा- आज रात हमारे सामने एक कठिन फैसला लेना है, लेकिन ये सही फैसला है.
कैबिनेट मीटिंग के दौरान विपक्ष ने सरकार को आगाह किया कि इस डील से हमास की कैद में मौजूद सभी बंधकों को छुड़ाने की इजरायल की काबिलियत पर नकारात्मक असर पड़ेगा. इसके अलावा हमास को मिटाने के इजरायल के मिशन को और भी जटिल बना देगा. विपक्ष ने कहा कि एक बार जंग को अस्थायी रुप से रोकने के बाद इसे फिर से शुरू करने में कई दिक्कतें आएंगी.
प्रधानमंत्री नेतान्याहू ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि IDF युद्धविराम की मियाद खत्म होते ही और बंधकों के वापस आते ही फिर से जंग शुरू करेगा.
नेतान्याहू ने कहा, "मैं स्पष्ट करना चाहता हूं. हम युद्ध में हैं और तब तक युद्ध में बने रहेंगे जब तक हम अपने सभी उद्देश्यों, हमास को नष्ट करने और अपने सभी बंदियों और लापता लोगों को वापस पाने में सफल नहीं हो जाते." उन्होंने कहा कि हम यह भी सुनिश्चित करेंगे कि गाजा में ऐसी कोई इकाई नहीं होगी जो इजरायल को धमकी देगी.