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इजरायल-हमास युद्ध के एक साल पूरे, जानिए दुनिया और खासकर भारत पर क्या हुआ असर

हमास-इजरायल जंग को एक साल पूरे हो गए हैं. हमास के हमले के बाद इजरायल ने जो पलटवार किया वो धीरे-धीरे क्षेत्रीय संघर्ष में तब्दील हो गया. आज हालात ये हैं कि जंग के सात मोर्चे खुल गए हैं और इजरायल हर मोर्चे पर फिलहाल भारी पड़ता नजर आ रहा है.

इजरायली सेना- बाएं, हिज्बुल्लाह लड़ाके-दाएं इजरायली सेना- बाएं, हिज्बुल्लाह लड़ाके-दाएं
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 07 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 11:04 AM IST

आज ही के दिन, यानि 7 अक्टूबर को पिछले साल हमास ने इजरायल पर हमला किया था. 7 अक्टूबर के काले दिन की बरसी इजरायल के इतिहास का सबसे काला दिन था. खौफनाक हमले में इजरायल के 12 सौ लोग मारे गए थे और 250 लोगों को हमास के आतंकी बंधक बनाकर ले गए थे. आज भी इजरायल के कई लोग हमास की कैद में है. यह जंग अब मध्य पूर्व तक फैल गई है.

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जंग का असर भारत ही नहीं बल्कि दुनिया में भी देखने को मिला. इजरायल और हमास की जंग की वजह से लाल सागर और हिंद महासागर में समुद्री वाणिज्यिक यातायात की सुरक्षा प्रभावित रही.  जिससे कई देशों के देश के ऊर्जा और आर्थिक हितों पर सीधा असर पड़ा और इसमें भारत भी शामिल रहा.

समुद्री व्यापार हुआ प्रभावित
लाल सागर और अदन की खाड़ी में हमास समर्थक और ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों कई वाणिज्यिक जहाजों को निशाना बनाया. हूतियों ने लाल सागर में कई मिसाइल और ड्रोन हमले किए और कई जहाजों को नुकसान पहुंचाया.  इससे दुनिया के इस सबसे व्‍यस्‍त व्‍यापारिक मार्गों में शामिल लाल सागर के रास्ते में संकट पैदा हो गया था. बाद में कई कंपनियों को अपने रूट बदलने को मजबूर होना पड़ा और अफ्रीका के रास्‍ते व्‍यापार करना पड़ा. इससे कंपनियों की कॉस्टिंग भी काफी बढ़ गई थी. 

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लाल सागर विश्व का प्रमुख व्यापारिक मार्ग है जहां से ना केवल पश्चिम एशिया बल्कि, अरब, यूरोप, अफ्रीका और भारत भी कारोबार करते हैं. इस मार्ग पर उस पर हूतियों के हमले से वैश्विक सप्लाई बाधित बाधित हो गई थी.लाल सागर से दुनिया का 12 फीसदी कारोबार होता है और प्रतिवर्ष करीब 10 अरब डॉलर से अधिक की कीमत के सामान का एक्सपोर्ट-इंपोर्ट इसी रास्ते से होता है. ऐसा में आप अंदाजा लगा सकते हैं कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में लाल सागर कितनी अहमियत रखता है.

पोरबंदर के नजदीक समुद्र में हुआ था ड्रोन अटैक
2023 में जब हूतियों ने ऐलान किया था कि वे इजरायल से जुड़े किसी भी जहाज को निशाना बनाएंगे. हूती विद्रोहियों ने जिस समुद्री मार्ग पर हमला किया वहां से सबसे ज्यादा कच्चे तेल और अन्य ज़रूरी उत्पादों की आपूर्ति होती है. दिसंबर 2023 में गुजरात  पोरबंदर से करीब 217 समुद्री मील की दूरी पर 21 भारतीय और एक वियतनामी चालक दल के सदस्यों वाले वाणिज्यिक जहाज पर तक ड्रोन अटैक हुआ जिसके बाद उसमें आग लग गई थी. ये जहाज बाद में मुंबई पहुंचा और रास्ते में भारतीय तटरक्षक जहाज आईसीजीएस विक्रम ने उसे सुरक्षा प्रदान की थी.

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खामनेई का बयान और ईरान से भारत तल्खी
ईरान और भारत के बीच कई क्षेत्रों में मैत्रीपूर्ण संबंध हैं वहीं इजरायल और भारत के संबंध किसी से छिपे नहीं हैं, लेकिन इजरायल की वजह से दोनों देशों के रिश्तों में भी असर पड़ता दिख रहा है. इसकी झलक तब देखने को मिली जब 16 सितंबर, 2024 को ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह खामेनेई ने एक्स पर लिखा कि दुनिया के मुस्लिमों को भारत, गाजा और म्यांमार में रह रहे मुस्लिमों की तकलीफ से अनजान नहीं रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर आप उनकी पीड़ा को नहीं समझ सकते तो आप मुस्लिम नहीं हैं.

खामेनेई के इस बयान पर भारत ने तीखा पलटवार किया था. विदेश मंत्रालय ने इसे गलत सूचना पर आधारित और अस्वीकार्य करार दिया. इसके साथ ही उन्हें अपने देश में अल्पसंख्यकों की हालत देखने की नसीहत भी दे डाली.

यह भी पढ़ें: 7 अक्टूबर: एक साल से आमने-सामने इजरायल-हमास, जानिए कहां और किसने की जंग रुकवाने की कोशिशें

जंग के सात मोर्चे
हमास के हमले के बाद इजरायल ने जो पलटवार किया वो धीरे-धीरे क्षेत्रीय संघर्ष में तब्दील हो गया. आज हालात ये हैं कि जंग के सात मोर्चे खुल गए हैं और इजरायल हर मोर्चे पर फिलहाल भारी पड़ता नजर आ रहा है.

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गाजा में हमास: 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर हमास के अचानक हमले से शुरू हुए संघर्ष को एक साल हो चुका है. इस हमले के बाद इजरायल ने सबसे पहले गाजा में अटैक किया था जो अज तक जारी है. इजरायली हवाई हमले हमास के बुनियादी ढांचे को लगातार निशाना बनाते रहे हैं.  इसके अलावा यहां इजरायली सेना का जमीनी अभियान भी जारी है. 

 लेबनान:  लेबनान में इजरायल हिज्बुल्लाह के खिलाफ लड़ रहा है, जो दुनिया का सबसे भारी हथियारों से लैस संगठन है. इसने लगभग एक साल तक इजरायल के शहरों और कस्बों पर रॉकेट दागे हैं. इजरायल ने हिज्बुल्लाह पर पहले पेजर और फिर वॉकी-टॉकी से हमला किया और फिर हिज्बुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह की हत्या कर दी. अबय इजरायली सैनिक सीमा पार करके लेबनान में प्रवेश कर चुके हैं.

यमन में हूतियों के खिलाफ: ईरान के एक अन्य सहयोगी हूती ने हमास-इजरायल संघर्ष शुरू होने के बाद से ही इजरायल के खिलाफ जंग सी छेड़ी हुई है. पहले लाल सागर में जहाजों को निशाना बनाया अब दक्षिण से इजरायल के खिलाफ ड्रोन और मिसाइल हमले भी कर रहा है. यह मोर्चा इजरायल की दक्षिणी सीमाओं और समुद्री मार्गों के लिए बढ़ते खतरे को दर्शाता है.

इराक और सीरिया में ईरान समर्थित मिलिशिया: ये मिलिशिया ड्रोन और मिसाइलों का इस्तेमाल करके बीच-बीच में इजरायली ठिकानों पर हमला करते रहे हैं. इजरायल ने सीरिया में मिलिशिया के ठिकानों और हथियार डिपो को निशाना बनाकर जवाब दिया है, जिससे संघर्ष और भी बढ़ गया है.

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वेस्ट बैंक में ईरान की भागीदारी: ईरान पर वेस्ट बैंक में फिलिस्तीनी गुटों को हथियार मुहैया कराने का आरोप है, जिससे स्थिति और भी अस्थिर हो गई है. वेस्ट बैंक में तनाव बढ़ गया है, इजरायली सेना और उग्रवादियों के बीच नियमित झड़पें होती रहती हैं.

यहूदिया और सामरिया: इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शनिवार को ही कहा था कि हम यहूदिया और सामरिया में भई आतंकवादियों के खिलाफ लड़ रहे हैं, जो हमारे शहरों के बीचों-बीच नागरिकों की हत्या करने की कोशिश कर रहे हैं. 

ईरान की प्रत्यक्ष सैन्य भागीदारी: बैलिस्टिक मिसाइल हमला ईरान की प्रत्यक्ष भागीदारी को दर्शाता है जिसने पिछले हफ्ते इजरायल पर सीधे 200 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें दागी थीं. हालांकि इजरायल ने अधिकांश मिसाइलों को सफलतापूर्वक रोक दिया था.

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