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'हमास के हमले के बारे में पहले से पता था...', इजरायल ने 6 फोटो जर्नलिस्ट पर लगाए ये आरोप

ऑनेस्टरिपोर्टिंग की रिपोर्ट में छह फ्रीलांस फोटोजर्नलिस्ट की पहचान की गई है. जिनके नाम हसन इस्लियाह, यूसुफ मसूद, अली महमूद, हातेम अली, मोहम्मद फाक अबू मुस्तफा और यासेर क्यूदिह हैं. ये सभी फोटोजर्नलिस्ट सात अक्टूबर को इजरायल पर हमास के हमले के दौरान वहां मौजूद थे.  ये फ्रीलांस जर्नलिस्ट रॉयटर्स, द एसोसिएटेड प्रेस (एपी) और द न्यूयॉर्क टाइम्स के लिए काम कर रहे थे.

हमास चीफ याहया सिनवार के साथ गाजा के फोटोजर्नलिस्ट हसन इस्लियाह हमास चीफ याहया सिनवार के साथ गाजा के फोटोजर्नलिस्ट हसन इस्लियाह
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 09 नवंबर 2023,
  • अपडेटेड 11:22 PM IST

सात अक्टूबर को इजरायल पर हमास के हमले ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया था. इस हमले के बाद इजरायल और हमास की जंग ने भयावह रूप ले लिया. इस दौरान बड़ी संख्या में दोनों ओर से लोग मारे गए हैं. लेकिन इजरायल की एक डिप्लोमैट के गंभीर आरोपों ने एक नई बहस छेड़ दी है.

कनाडा में इजरायल की डिप्लोमैट ने ग्लोबल न्यूज एजेंसियों और बड़े मीडिया हाउसेज के लिए काम कर रहे गाजा के फ्रीलांस फोटोजर्नलिस्ट की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने दावा किया कि गाजा के इन फोटोजर्नलिस्ट्स को सात अक्टूबर के हमास हमले की पहले से जानकारी थी. इस हमले में हमास ने 1400 इजरायलियों की हत्या कर दी थी और 200 से अधिक लोगों को बंधक बना लिया था.

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टोरंटो में इजरायल की कॉन्सुल जनरल इदित शमीर (Idit Shamir) ने इजरायल के एक मीडिया वॉचडॉग ऑनेस्टरिपोर्टिंग (HonestReporting) की एक रिपोर्ट शेयर करते हुए कहा कि जब हमास के लड़ाकों ने इजरायल की सीमा पर हमला किया. उस समय ये फोटोजर्नलिस्ट वहां पहले से मौजूद थे. इससे यह संदेह बढ़ता है कि इन पत्रकारों को सात अक्टूबर के हमले की पहले से ही जानकारी थी.

इदित शमीर ने गाजा के इन दो फ्रीलांस पत्रकारों की तस्वीरें भी शेयर की हैं. ये पत्रकार गाजा बॉर्डर पर हमास के हमले को कवर कर रहे थे. इनमें से एक तस्वीर में गाजा के स्थानीय पत्रकार हसन इस्लियाह (Hasan Eslaiah) को हमास चीफ याहया सिनवार (Yahya Sinwar) किस करते देखे जा सकते हैं. 

बता दें कि ऑनेस्टरिपोर्टिंग की रिपोर्ट में छह फ्रीलांस फोटोजर्नलिस्ट की पहचान की गई है. जिनके नाम हसन इस्लियाह, यूसुफ मसूद, अली महमूद, हातेम अली, मोहम्मद फाक अबू मुस्तफा और यासेर क्यूदिह हैं. ये सभी फोटोजर्नलिस्ट सात अक्टूबर को इजरायल पर हमास के हमले के दौरान वहां मौजूद थे.  ये फ्रीलांस जर्नलिस्ट रॉयटर्स, द एसोसिएटेड प्रेस (एपी) और द न्यूयॉर्क टाइम्स के लिए काम कर रहे थे. इन्होंने सात अक्टूबर को हमास के लड़ाकों द्वारा इजरायली टैंक को जलाने, इजरायलियों को बंधक बनाने और शवों को ले जाती तस्वीरें भी खींची थी. 

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इससे पहले सोशल मीडिया पर इन फ्रीलांस पत्रकारों की तस्वीरों वाली सोशल मीडिया पोस्ट वायरल हो गई थीं, जिन्हें बाद में डिलीट कर दिया गया. इन तस्वीरों में हसन इस्लियाह को उस इजरायली टैंक के सामने खड़े देखा जा सकता है, जिसे हमास ने जब्त कर लिया था. उन्हें प्रेस की बुलेटप्रूफ वेस्ट और हेलमेट के बिना रिपोर्टिंग करते देखा जा सकता है. 

सवाल उठ रहे हैं कि हमास कई महीनों से इजरायल पर हमले की योजना बना रहा था. ऐसे में क्या सात अक्टूबर के तड़के गाजा सीमा पर इन फ्रीलांस पत्रकारों की मौजूदगी हमास के लड़ाकों से सांठगांठ का नतीजा थी या नहीं?

इजरायल की गाजा के पत्रकारों के खिलाफ कार्रवाई की मांग

इजरायल ने सात अक्टूबर को हमास के हमले को कवर करने वाले फोटोजर्नलिस्ट्स के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की है. पत्रकारों का यह काम मानवता के खिलाफ अपराध है और पत्रकारिता के नैतिक मूल्यों के विपरीत है. इजरायल सरकार ने उन मीडिया संगठनों के ब्यूरो चीफ को पत्र जारी किया है, जिनके लिए ये पत्रकार काम करते हैं और मामले पर स्पष्टीकरण मांगा है. 

आरोपों पर रॉयटर्स ने क्या कहा?

इस मामले में रॉयटर्स ने बयान जारी कर कहा कि हॉनेस्टरिपोर्टिंग की रिपोर्ट और सात अक्टूबर के हमले के लिए रॉयटर्स के लिए रिपोर्टिंग कर रहे दो फ्रीलांस फोटोग्राफर्स पर लगे आरोपों से वाकिफ हैं. हम सिरे से खारिज करते हैं  कि हमें सात अक्टूबर के हमले की पहले से जानकारी थी. हमने सात अक्टूबर को गाजा सीमा पर मौजूदा दो फ्रीलांस फोटोग्राफर्स से तस्वीरें ली थीं. इन तस्वीरों को दक्षिणी इजरायल पर हमास द्वारा रॉकेट दागे जाने के दो घंटे बाद रॉयटर्स ने प्रकाशित किया था.

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रॉयटर्स ने कहा कि जैसा कि हॉनेस्टरिपोर्टिंग के आर्टिकल में कहा गया है कि रॉयटर्स का कोई भी स्टाफ जर्नलिस्ट गाजा में उस समय मौजूद नहीं था. रॉयटर्स दुनियाभर में निष्पक्ष और सटीक पत्रकारिता को लेकर प्रतिबद्ध है और अपने मूल्यों से जुड़ा हुआ है.

सीएनएन ने क्या कहा?

इस पूरे मामले पर सीएनएन का कहना है कि उन्होंने गाजा के पत्रकार हसन इस्लियाह से संबंध तोड़ दिए हैं जबकि एपी का कहना है कि उन्हें सात अक्टूबर के इस हमले की पहले से कोई जानकारी नहीं थी. सीएनएन का कहना है कि हम इस आर्टिकल और फ्रीलांस फोटोजर्नलिस्ट हसन इस्लियाह की तस्वीर से वाकिफ हैं. 

7 अक्टूबर से जारी है जंग

सात अक्टूबर को हमास ने गाजा पट्टी से इजरायल पर 5 हजार से ज्यादा रॉकेट दागकर हमला कर दिया था. इसके तुरंत बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया था. इन दो हफ्तों की जंग में गाजा पट्टी पूरी तरह से तबाह हो गई है.

इजरायल और हमास जंग में मरने वालों फिलिस्तीनी नागरिकों की संख्या 10 हजार से ज्यादा हो गई है. अब तक गाजा के 23 लाख में से आधे नागरिकों ने अपना घर छोड़ दिचा है. हमास के लड़ाकों ने 200 से ज्यादा नागरिकों को बंधक बनाकर रखा है. हमास का दावा है कि इजरायली बमबारी में 50 से ज्यादा बंधकों की मौत हो गई है. 

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