
गाजा में युद्धविराम को लेकर यूनाइटेड नेशन सिक्योरिटी काउंसिल में प्रस्ताव पारित हो गया है. अमेरिका ने इस प्रस्ताव पर मतदान नहीं किया लेकिन इसके पक्ष में 14 वोट पड़े हैं. यूएनएससी के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि इस प्रस्ताव को अवश्य ही लागू किया जाना चाहिए.
गुटेरेस ने एक एक्स पोस्ट में कहा, "सुरक्षा परिषद ने गाजा में बहुप्रतीक्षित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी, जिसमें तत्काल युद्धविराम और सभी बंधकों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई की मांग की गई थी." उन्होंने कहा, "इस प्रस्ताव को लागू किया जाना चाहिए. विफलता माफी योग्य नहीं होगी."
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अमेरिका ने प्रस्ताव पर नहीं किया मतदान
अमेरिका लगातार गाजा में बंदी बनाए गए लोगों की रिहाई की मांग कर रहा है. हालांकि, यूएनएससी से पारित प्रस्ताव में उन बंधकों की रिहाई की भी मांग की गई थी लेकिन अमेरिका ने इसपर वोटिंग से परहेज किया. अमेरिका ने भी इससे पहले सिक्योरिटी काउंसिल में एक प्रस्ताव पेश किया था, जिसे रूस और चीन ने वीटो कर दिया था. उस प्रस्ताव में "तत्काल और निरंतर संघर्ष विराम" की मांग की गई थी.
पीएम बेंजामिन नेतन्याहू नाराज हुए
गाजा में युद्धविराम की मांग वाले प्रस्ताव पर अमेरिका के वीटो नहीं करने से इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू नाराज हो गए हैं. उनका कहना है कि वह गाजा में युद्धविराम के लिए यूएनएससी के प्रस्ताव को वीटो नहीं करने पर वाशिंगटन में योजना के मुताबिक प्रतिनिधिमंडल नहीं भेजेंगे. मसलन, अमेरिका की तरफ से इजरायल पर युद्धविराम को लेकर कथित रूप से लगातार दबाव बनाया जा रहा था. इस पर दोनों मुल्कों में बातचीत चल रही थी.
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अमेरिका ने दी चेतावनी
अमेरिका ने चेतावनी दी कि सोमवार को स्वीकार किए गए प्रस्ताव अमेरिका, मिस्र और कतर के बीच चल रही बातचीत को प्रभावित कर सकता है. मसलन, बीते कुछ दिनों से अमेरिकी विदेश मंत्री लगातार मिडिल ईस्ट का दौरा कर रहे हैं और गाजा में बंधकों की रिहाई पर प्रमुखता से बातचीत कर रहे हैं. इस बीच उन्होंने युद्धविराम का भी समर्थन किया है. अब यूएनएससी की तरफ से पारित प्रस्ताव कब तक लागू होता है, यह देखने वाली बात होगी.