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'मुस्लिमों को नमाज पढ़ने की इजाजत तो यहूदी...', अल-अक्सा मस्जिद को लेकर इजरायली मंत्री ने कही ऐसी बात, देश में ही घिरे

इजरायल के धुर-दक्षिणपंथी नेता इतमार बेन गिविर अल-अक्सा मस्जिद को लेकर अक्सर विवादित बयान देते रहे हैं. अब उन्होंने इजरायली सरकार से अलग स्टैंड लेते हुए मांग की है कि अल-अक्सा मस्जिद परिसर में यहूदियों को प्रार्थना करने की इजाजत दी जाए.

इजरायल के धुर-दक्षिणपंथी नेता इतमार बेन गिविर (Photo- AFP) इजरायल के धुर-दक्षिणपंथी नेता इतमार बेन गिविर (Photo- AFP)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 27 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 1:25 PM IST

इजरायल के धुर-दक्षिणपंथी नेता और देश के सुरक्षा मंत्री इतमार बेन-गिविर इसी महीने सैकड़ों यहूदियों के साथ अल-अक्सा मस्जिद में घुसे थे. मस्जिद में यहूदियों के प्रार्थना पर प्रतिबंध के बावजूद उन्होंने वहां प्रार्थना की थी. उन्होंने एक बार फिर अल अक्सा मस्जिद को लेकर एक बयान दिया है जिस पर विवाद हो रहा है. उन्होंने मांग की है कि मस्जिद परिसर में यहूदियों को प्रार्थना करने का अधिकार दिया जाए.

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इजरायल के Army Radio से बातचीत में बेन गिविर ने कहा, 'टेम्पल माउंट (अल-अक्सा मस्जिद परिसर को यहूदी टेम्पल माउंट कहते हैं) की नीति हमें वहां प्रार्थना करने की अनुमति देती है. प्रधानमंत्री को पता था कि जब मैं सरकार में शामिल हुआ तो मेरे साथ इस तरह का कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा. मुसलमानों को वहां नमाज पढ़ने की अनुमति है तो एक यहूदी को ऐसा करने की क्यों नहीं?'

इंटरव्यू के दौरान उनसे पूछा गया कि अगर संभव हुआ तो क्या वो अल-अक्सा मस्जिद परिसर में सिनेगॉग (यहूदियों का प्रार्थना स्थल) का निर्माण करेंगे जिसके जवाब में बेन गिविर ने 'हां' कहा.

इंटरव्यू के तुरंत बाद पीएम नेतन्याहू के ऑफिस का बयान

बेन गिविर के इस इंटरव्यू के तुरंत बाद इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के ऑफिस की तरफ से एक बयान जारी कर अल-अक्सा मस्जिद की स्थिति पर स्पष्टीकरण जारी किया गया. बयान में कहा गया कि कार्यालय मस्जिद परिसर में गैर-मुस्लिमों के प्रार्थना करने पर लगे दशकों पुराने प्रतिबंध को स्वीकार करता है. 

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नेतन्याहू के ऑफिस की तरफ से कहा गया, 'टेम्पल माउंट पर यथास्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है.'

अल-अक्सा मस्जिद परिसर मध्य पूर्व में सबसे संवेदनशील स्थानों में से एक है. यह परिसर मुसलमानों और यहूदियों दोनों के लिए पवित्र है. मस्जिद फिलिस्तीन और इजरायल के बीच बार-बार संघर्ष का कारण बनता है.

अल अक्सा मस्जिद मुसलमानों के लिए अल-हराम अल शरीफ के नाम से मशहूर इस्लाम के तीसरे सबसे पवित्र स्थल में स्थित है. मस्जिद परिसर में यहूदियों और गैर-मुसलमानों को जाने की अनुमति तो है लेकिन उन्हें वहां प्रार्थना करने की अनुमति नहीं है.

बेन गिविर के बयान पर क्या बोला फिलिस्तीन

बेन गिविर के अल-अक्सा मस्जिद परिसर में यहूदियों के प्रार्थना की मांग पर फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास के प्रवक्ता नबील अबू रूडीनेह ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि अल-अक्सा की स्थिति के साथ छेड़छाड़ करने के आह्वान का उद्देश्य 'क्षेत्र को एक धार्मिक युद्ध में घसीटना है जो सभी को जला देगा.'

वही, अल-अक्सा मस्जिद के संरक्षक जॉर्डन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि देश बेन-गिविर के बयान को 'अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन मानता है जिसकी निंदा और इसका मुकाबला करने के लिए स्पष्ट अंतरराष्ट्रीय स्टैंड लेने की जरूरत है.'

इजरायली मंत्रियों ने भी की बेन-गिविर के बयान की आलोचना

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नेतन्याहू की गठबंधन सरकार में दो कट्टरपंथी धार्मिक-राष्ट्रवादी दल शामिल हैं जिनमें से एक के प्रमुख बेन गिविर का भड़काऊ बयान का लंबा रिकॉर्ड रहा है. बेन गिविर के समर्थक उनके बयानों के साथ दिखते हैं लेकिन इजरायली सरकार उनके बयानों से खुद को अलग रखती है.

इजरायल के शिक्षा मंत्री योव किश ने कहा कि मस्जिद में यथास्थिति में कोई भी बदलाव, विशेष रूप से युद्ध (इजरायल और फिलिस्तीनी संगठन हमास का युद्ध) के समय में गलत फैसला हो सकता है. 

उन्होंने एक्स पर एक बयान में कहा, 'इस मुद्दे पर मीडिया में मंत्री बेन गिविर का गैर-जिम्मेदाराना बयान गैर जरूरी और मूर्खतापूर्ण है.'

वहीं, इजरायली रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने भी बेन गिविर के बयान पर नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने कहा, 'टेम्पल माउंट पर यथास्थिति को चुनौती देना एक खतरनाक, गैर-जरूरी और गैर-जिम्मेदाराना काम है. बेन-गिविर की हरकतें इजरायल और इसकी अंतरराष्ट्रीय स्थिति को खतरे में डालती हैं.'

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