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अमेरिका-यूरोप का प्रेशर या फिर... गाजा पट्टी में ग्राउंड ऑपरेशन क्यों शुरू नहीं कर रहा इजरायल?

युद्ध के दो सप्ताह बीत जाने के बाद हमास की ओर से पहली बार अमेरिका के दो नागरिकों को रिहा किया गया है. हमास की ओर से आए बयान के मुताबिक, यह रिहाई की कतर की मध्यस्थता के बाद हुई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका और यूरोप की सरकारें इजरायल पर गाजा में जमीनी आक्रमण शुरू करने से रोकने के लिए दबाव बना रही हैं.

गाजा में ग्राउंड ऑपरेशन शुरू क्यों नहीं कर पा रहा इजरायल? (फोटो- The Times Of Israel) गाजा में ग्राउंड ऑपरेशन शुरू क्यों नहीं कर पा रहा इजरायल? (फोटो- The Times Of Israel)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 21 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 10:35 AM IST

हमास ने बीते 7 अक्टूबर को इजरायल के कई लोगों को बंधक बना लिया था. इनमें से हमास ने दो अमेरिकी नागरिकों को रिहा कर दिया है. इस बीच बताया जा रहा है कि अमेरिका, यूरोप की कई सरकारें इजरायल पर गाजा पट्टी में जमीनी आक्रमण शुरू करने से रोकने के लिए दबाव बना रही हैं. दरअसल इन देशों को डर है कि अगर इजरायली सेना ने जमीनी आक्रमण शुरू कर दिया तो बंधक बनाए गए लोगों की रिहाई में मुश्किल होगी. 

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युद्ध के दो सप्ताह बीत जाने के बाद हमास की ओर से पहली बार अमेरिका के दो नागरिकों को रिहा किया गया है. हमास की ओर से आए बयान के मुताबिक, यह रिहाई की कतर की मध्यस्थता के बाद हुई है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रिहा किए गए दोनों बंधकों और उनके परिवार से फोन पर बात की है.  

इजरायल से जंग के बीच हमास ने पहली बार दो अमेरिकी बंधकों को किया रिहा, कतर की मध्यस्थता के बाद फैसला

हमास की सशस्त्र ब्रांच इज अल-दीन अल-कसम ब्रिगेड के प्रवक्ता अबू उबैदा ने शुक्रवार को एक बयान जारी किया और कहा, कतर की तरफ से मध्यस्थता के प्रयास किए गए हैं, जिसके जवाब में हमने मानवीय कारणों से अमेरिका की मां-बेटी को रिहा कर दिया है. इनमें 59 वर्षीय जूडिथ रैनन और उनकी 18 वर्षीय बेटी नताली रैनन शामिल हैं. हमास के हमले के बाद से उनके परिवार के करीब 10 अन्य सदस्य अभी भी लापता हैं. 

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एक सीनियर राजनयिक अधिकारी ने 'द टाइम्स ऑफ इजरायल' को बताया कि अमेरिका और यूरोप की सरकारें इजरायल पर गाजा में जमीनी आक्रमण शुरू करने से रोकने के लिए दबाव बना रही हैं. उन्हें डर है कि ऐसा करने से हमास की ओर से बंधक बनाए गए लोगों को रिहा कराने में दिक्कत होगी. 

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अधिकारी का कहना है कि पश्चिमी सरकारें वर्तमान में इजरायल पर दबाव डाल रही हैं कि बंधक बनाए गए लोगों में हर देश के नागरिक हैं और उनका मानना है कि जितना अधिक समय बीत जाएगा, बंधक बनाए गए लोगों की रिहाई कठिन हो जाएगी.  

सीनियर राजनयिक अधिकारी का कहना है कि अमेरिका और यूरोप का मानना है कि जमीनी आक्रमण की बहुत संभावना है और इसके लिए वह इजरायल को नहीं रोक रहे हैं. उनका केवल इतना कहना है कि अतिरिक्त राजनयिक प्रयास से अगर बंधकों की रिहाई हो सकती है तो पहले उस पर ध्यान दिया जाए. 

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अमेरिका के राष्ट्रपति ने जो बाइडेन ने शुक्रवार को कहा कि इजरायल की ओर से गाजा पर तबतक ग्राउंड ऑपरेशन शुरू नहीं करना चाहिए, जबतक कि सभी बंधकों की रिहाई नहीं हो जाती. दरअसल बाइडेन से शुक्रवार को एक रिपोर्टर ने पूछा कि क्या इजरायल को गाजा पर जमीनी आक्रमण में देरी करनी चाहिए जबतक कि बंधकों की रिहाई नहीं हो जाती? इसे जवाब में अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, 'हां बिलकुल'. इससे पहले बाइडेन ने कहा था कि सऊदी अरब के साथ रिश्ते सामान्य होने से रोकने के लिए हमास ने इजरायल पर हमला किया है.  

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इसके अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन और उनके शीर्ष अधिकारियों ने इजरायल के शीर्ष नेताओं से कहा है कि हमास युद्ध चल रहा है. इस बीच लेबनान के संगठन हिज्बुल्ला के खिलाफ कोई भी बड़ा हमला न किया जाए क्योंकि इससे इजरायल-हमास युद्ध लंबा खिंच सकता है.  

रक्षा मंत्री ने की IDF अधिकारियों से मुलाकात  

इजरायल के रक्षा मंत्री योव गैलेंट आईडीएफ अधिकारियों से मुलाकात करने के लिए शुक्रवार रात गाजा सीमा के पास पहुंचे. इस बीच प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि इजरायल से बंधक बनाए गए दो लोग घर आ गए हैं. हम सभी बंधक बनाए गए लोगों को वापस लाने का प्रयास करेंगे और इससे पीछे नहीं हटेंगे. इसके साथ ही हम इस जीत तक इस लड़ाई लड़ना जारी रखेंगे.  

इजरायल में 6900 से ज्यादा रॉकेट, 1400 से ज्यादा की मौत 

इजरायल डिफेंस फोर्स ने दावा किया है कि हमास की ओर से किए गए हमले में 6900 से ज्यादा रॉकेट दागे गए, इनमें से 450 से ज्यादा रॉकेट मिसफायर भी हुए. इन हमलों में 1400 से ज्यादा इजरायली नागरिक मारे गए, जबकि 4600 से ज्यादा घायल हुए. IDF ने दावा किया है कि हमास ने 200 से ज्यादा लोगों को बंधक बना लिया है. जवाबी कार्रवाई में हमास के एक हजार से ज्यादा लड़ाकों को मार दिया गया है. इसके अलावा करीब एक दर्जन हमास लीडर्स भी मारे गए हैं. 

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