
इजरायल और हमास के बीच लंबे समय से जंग जारी है. इसी बीच इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि बंधकों की रिहाई के लिए गाजा में जंग खत्म करने की हमास की मांग के आगे समर्पण करना इजरायल के लिए भयानक हार होगी.
नेतन्याहू कैबिनेट ने लिया ये बड़ा फैसला
बेंजामिन नेतन्याहू की कैबिनेट ने इजरायल में अल जजीरा के संचालन को अस्थायी रूप से बंद करने का फैसला किया है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार इजरायली कैबिनेट ने कहा कि अल जजीरा ने राष्ट्रीय सुरक्षा को ख़तरा पैदा किया है. नेतन्याहू ने कहा कि अल जजीरा के संवाददाताओं ने इजरायल की सुरक्षा को नुकसान पहुंचाया है और इजरायली डिफेंस फोर्स के सैनिकों के खिलाफ़ भड़काया है. अब समय आ गया है कि हमास के मुखपत्र को हमारे देश से बाहर निकाल दिया जाए. उन्होंने कहा कि भड़काऊ चैनल अल जजीरा अब इजरायल में बंद कर दिया जाएगा.
इजरायल में बंद होंगे अल जजीरा के ऑफिस
सरकारी बयान में कहा गया कि इजरायल के संचार मंत्री ने तुरंत कार्रवाई करने के लिए एक आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं, लेकिन इस कदम का समर्थन करने वाले एक सांसद ने कहा कि अल जजीरा इस फैसले को अदालत में चुनौती दे सकता है. सरकारी आदेश के अनुसार इजरायल में अल जजीरा के कार्यालय बंद कर दिए जाएंगे. इसके प्रसारण उपकरण जब्त कर लिए जाएंगे और चैनल को केबल और सैटेलाइट कंपनियों से काट दिया जाएगा. कंपनी की वेबसाइटें भी ब्लॉक कर दी जाएंगी.
कतर सरकार करती है अल- जज़ीरा की फंडिंग
बता दें कि अल जजीरा की कतर सरकार द्वारा फंडिंग की जाती है. अल जजीरा गाजा में हमास के खिलाफ इजरायल के सैन्य अभियान की लगातार आलोचना कर रहा है. ये कदम ऐसे समय उठाया गया है जब कतर युद्ध विराम और बंधकों की रिहाई के लिए समझौता करने का प्रयास कर रहा है, जिससे गाजा में लड़ाई रुक सकती है. पिछले महीने इजरायल की संसद नेसेट ने एक कानून को मंजूरी दी थी, जिसके तहत इजरायल में विदेशी समाचार नेटवर्क को अस्थायी रूप से बंद करने की अनुमति दी गई थी, जिन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा माना जाता है.
इजरायली सरकार के फैसले को चुनौती देने की तैयारी
इस बीच इजरायल और फिलिस्तीनी क्षेत्रों में अल जजीरा प्रमुख वालिद ओमेरी ने इजरायली कैबिनेट के फैसले को खतरनाक बताया. कंपनी ने कहा कि यह निर्णय पेशेवर विचारों के बजाय राजनीति से प्रेरित था. उन्होंने कहा कि अल जजीरा की कानूनी टीम इजरायली सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका की तैयारी कर रही है.