
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने जोरदार संबोधन में इजरायल की शांति के प्रति प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि इजरायल अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है, क्योंकि 'क्रूर दुश्मन' उसे समाप्त करना चाहता है. इजरायल के प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि इजरायल अब ईरान समर्थित आतंकवादी संगठन हिज्बुल्लाह द्वारा रोज होने वाले रॉकेट हमलों को बर्दाश्त नहीं करेगा. उन्होंने सख्त लहजे में कहा, 'अब बहुत हो चुका.'
नेतन्याहू ने उत्तरी इजरायल के 60,000 निवासियों की दयनीय स्थिति बोलते हुए कहा कि हिज्बुल्लाह के खतरे के कारण वहां रह लोगों को अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा है. उन्होंने जोर देकर कहा कि जब तक हिज्बुल्लाह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1701 का पालन नहीं करता, जो पिछले 18 वर्षों से लागू नहीं हो सका है. जब तक यह संगठन इजरायल की सीमाओं के पास अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ाता रहेगा तब तक इजरायली और लेबनानी नागरिकों दोनों की सुरक्षा खतरे में है. उन्होंने कहा, 'हिज्बुल्लाह हर रसोई में एक मिसाइल और हर गैराज में एक रॉकेट रखता है.'
नेतन्याहू ने इजरायल के आत्मरक्षा के अधिकार पर बोलते हुए कहा कि जब तक हिज्बुल्लाह अपनी 'आक्रामकता की राह' पर चलता रहेगा तब तक इजरायल डिफेंस फोर्स (IDF) अपनी सैन्य गतिविधियों को बंद नहीं करेगी.
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि मानवता के पास दो रास्ते हैं - शांति का आशीर्वाद चुनें या हिंसा और अराजकता का अभिशाप. उन्होंने कहा, 'हमारे दुश्मन सिर्फ हमें नहीं, बल्कि पूरी सभ्यता को अंधकारमय युग में धकेलना चाहते हैं.' अपने भाषण में आगे नेतन्याहू ने स्पष्ट किया कि यदि हमास आत्मसमर्पण नहीं करता तो इजरायल 'पूरी जीत' हासिल करने तक लड़ाई जारी रखेगा.
हमास से जंग के अलावा इजरायल लेबनान में हिज्बुल्ला को भी लगातार निशाना बना रहा है. आईडीएफ हवाई हमलों के जरिए हिज्बुल्ला के ठिकानों और लड़ाकों के टारगेट कर रहा है. इजरायल के हमले में अब तक 700 से अधिक मौतें और 2700 से अधिक लोग घायल हुए हैं.
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के इस भाषण से पहले ही लेबनान सीमा के पास इजरायल ने बड़ी संख्या में टैंक और सैन्य वाहनों को तैनात कर दिया है. ऐसा माना जा रहा है कि यह कदम उत्तर लेबनान में संभावित जमीनी ऑपरेशन की तैयारी के तहत उठाया गया है. इजराइल द्वारा लेबनान सीमा पर और अधिक टैंक और बख्तरबंद वाहन भेजने के कदम को लेबनान के सुरक्षा विशेषज्ञ संभावित जमीनी हमले की तैयारी के रूप में देख रहे हैं.
इससे पहले इजरायल के रक्षा मंत्री ने भी इस बारे में संकेत दिए थे. इस तैनाती का मुख्य उद्देश्य हिज्बुल्लाह के लड़ाकों को निशाना बनाना और उत्तरी इजराइल में रह रहे लोगों के लिए सुरक्षित घर लौटने की स्थिति बनाना है. हालांकि, इजराइल ने स्पष्ट किया है कि उत्तरी सीमा पर सुरक्षा को बढ़ाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे, ताकि उत्तरी इजराइल में रहने वाले लोग शांति और सुरक्षा के माहौल में वापस लौट सकें.