
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मौजूदगी में मंगलवार को इजरायल, यूएई और बहरीन के बीच समझौता हो गया है. व्हाइट हाउस में इस दौरान इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, UAE-बहरीन के विदेश मंत्री मौजूद रहे जिन्होंने 26 साल में पहली बार किसी शांति समझौते पर साइन किए हैं.
इजरायल और यूएई में कई दशकों से संबंध ठीक नहीं रहे हैं, ऐसे में मिडिल ईस्ट में चल रही लंबी लड़ाई के बीच ये एक ऐतिहासिक कदम हो सकता है. इस मौके पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि आज इतिहास रचा गया है, दशकों के विवाद और झगड़े के बाद मिडिल ईस्ट में एक नया सवेरा हुआ है.
व्हाइट हाउस में साइन किए गए इस डॉक्यूमेंट के दौरान UAE की ओर से विदेश मंत्री अब्दुल्ला बिन जायद और बहरीन की ओर से अब्दुल लतीफ अल ज़यानी मौजूद रहे. हालांकि, खास बात ये है कि इन समझौतों में किसी भी जगह इजरायल और फिलिस्तीन के बीच जारी विवाद का कोई जिक्र नहीं है.
यहां डोनाल्ड ट्रंप ने बताया कि आज से पहले दो ही बार इजरायल और अरब देशों के बीच समझौता हुआ है, इससे पहले मिस्त्र ने 1979 में इजरायल के साथ दोस्ती का हाथ बढ़ाया था और फिर 1994 में जॉर्डन सामने आया था. ट्रंप ने संकेत दिए कि एक महीने में ये दो नए समझौते हुए हैं और आगे भी ऐसा देखने को मिलेगा.
इजरायल-बहरीन-यूएई के समझौते में क्या है?
इन समझौतों के अनुसार, अब यूएई और बहरीन इजरायल के अंदर अपनी एम्बेसी बनाएंगे, राजदूतों को भेजेंगे और इजरायल के कई सेक्टरों में निवेश बढ़ाएंगे. शुरुआत में टूरिज्म, ट्रेड, हेल्थ केयर और रक्षा के क्षेत्र में ध्यान दिया जाएगा. इतना ही नहीं ये अब्राहम अकोर्ड दुनियाभर के मुस्लिमों को इजरायल के येरुशलम में मौजूद अल-अक्सा मस्जिद जाने का भी मौका देगा.
यहां बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि हजारों सालों से यहूदियों ने शांति की बात की है और आज मुस्लिम देशों के साथ समझौता कर हमने इस कदम को आगे बढ़ाया है. इजरायल जल्द ही इन देशों में अपना निवेश बढ़ा देगा और कई अहम ऐलान करेगा.