
क्या किसी सॉफ्टवेयर के जरिए किसी देश के चुनाव को प्रभावित किया जा सकता है? ये सवाल इसलिए क्योंकि इजरायल की एक कंपनी पर दुनिया के 30 से ज्यादा देशों के चुनावों को प्रभावित करने के आरोप लगे हैं.
दरअसल, ब्रिटिश अखबार 'द गार्जियन' ने एक रिपोर्ट छापी है. इस रिपोर्ट में अखबार ने इजरायल की जासूसी फर्म 'टीम जॉर्ज' पर चुनावों को प्रभावित करने का आरोप लगाया है. ये रिपोर्ट पत्रकारों के एक कंसोर्शियम की जांच में हुए खुलासे के आधार पर छापी गई है.
दावा है कि ये इजरायली फर्म सोशल मीडिया पर फर्जी कैंपेन चलाती थी और इससे चुनावों को प्रभावित करने की कोशिश करती थी. जिन देशों के चुनावों को प्रभावित किए जाने की बात सामने आ रही है, उनमें अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, जर्मनी, स्विट्जरलैंड, मेक्सिको, सेनेगल, भारत और यूएई जैसे देश शामिल हैं.
क्या है पूरा मामला?
- 'द गार्जियन' ने एक रिपोर्ट छापी. इसमें दावा किया गया कि आठ महीने की जांच के बाद इजरायली फर्म 'टीम जॉर्ज' का पता चला.
- इस कथित 'टीम जॉर्ज' का मुखिया तल हनान है. तल हनान इजरायल की स्पेशल फोर्स में था. वो नकली नाम 'जॉर्ज' के नाम से फर्म चला रहा था और इसलिए उसकी यूनिट को 'टीम जॉर्ज' के नाम से जाना जाता है.
- ये जांच पेरिस के एक नॉन-प्रॉफिट संगठन 'फॉरबिडन स्टोरीज' से जुड़े पत्रकारों के एक कंसोर्शियम ने की. हालांकि, जब तल हनान से इसे लेकर सवाल किया गया तो उसने कहा कि वो 'गलत काम' नहीं करता.
- वहीं, गार्जियन ने रिपोर्ट में बताया है कि टीम जॉर्ज एक सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर सोशल मीडिया पर फेक कैंपेन चला रहे थे और इससे उन्होंने 30 से ज्यादा देशों के चुनावों को सीधे तौर पर प्रभावित किया.
कैसे प्रभावित कर रहे थे चुनाव?
- अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, टीम जॉर्ज अपने क्लाइंट को एक सॉफ्टवेयर मुहैया कराते थे. इसका नाम था- एडवांस इम्पैक्ट मीडिया सॉल्यूशन यानी Aims.
- जांच के दौरान टीम जॉर्ज से जुड़े कुछ लोगों का स्टिंग भी किया गया था. 6 घंटे से ज्यादा लंबी चली इस सीक्रेट मीटिंग में तल हनान और उसकी टीम ने बताया कि किस तरह से इंटेलिजेंस और हैकिंग तकनीक से जीमेल और टेलीग्राम अकाउंट का एक्सेस लिया जाता था.
- Aims के अलावा, हनान ने रिपोर्टर्स को एक 'ब्लॉगर मशीन' के बारे में भी बताया, जो एक वेबसाइट बनाती थी और उसके बाद Aims से कंट्रोल होने वाली सोशल मीडिया प्रोफाइल के जरिए इंटरनेट पर फेक न्यूज फैलाई जाती थी.
- अखबार ने बताया कि पिछले साल कई महीनों तक की जांच में उसने Aims से जुड़ी बॉट एक्टिविटी को ट्रैक किया था और इसमें पाया कि फर्जी सोशल मीडिया कैंपेन चलाया जा रहा है.
- टीम जॉर्ज का सबसे सीक्रेट टूल AIMS है, जो फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, जीमेल, टेलीग्राम जैसे सोशल मीडिया साइट पर कई सारी फर्जी प्रोफाइल बना देता है. टीम जॉर्ज के पास 30 हजार से ज्यादा बॉट अकाउंट्स हैं, जो फेक न्यूज फैलाने का काम करते हैं.
कैसे पता चला टीम जॉर्ज के बारे में?
- द गार्जियन ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि इस जांच में शामिल एक रिपोर्टर को उनके सोर्स ने जानकारी दी कि इजरायल से मोडिन में एक कंपनी है, जो चुनावों में दुष्प्रचार फैलाने का काम करती है.
- हालांकि, उस सोर्स को ये नहीं पता था कि इस कंपनी का नाम क्या है, उसे चलाता कौन है और इसमें कौन-कौन शामिल है.
- जॉर्ज उर्फ तल हनान दो दशकों से अपने क्लाइंट से बात करने के लिए कई सारे ईमेल अकाउंट्स का इस्तेमाल कर रहा था. साथ ही उसका जो मोबाइल नंबर था, वो इंडोनेशिया में रजिस्टर्ड था.
- तल हनान ने अपनी लिंक्डइन प्रोफाइल पर खुद को एक कारोबारी बताया है और खुद को सिक्योरिटी और एक्सप्लोसिव का एक्सपर्ट बताता है.
- हालांकि, जांच कर रहे रिपोर्टर्स को लंबे समय तक नहीं पता चला कि 'जॉर्ज' का असली नाम क्या था? अंडरकवर रिपोर्टर्स के साथ आखिरी मीटिंग में जॉर्ज ने एक क्लू दे दिया था, जिससे उसका नाम पता चला. उसने अपनी शेखी बघारते हुए कह दिया कि वो पहले कैम्ब्रिज एनालिटिका से जुड़ा था.
- इस आधार पर जब जांच आगे बढ़ाई गई, तब एक मेल मिला. ये मेल कैम्ब्रिज एनालिटिका के सीईओ अलेक्जेंडर निक्स ने अपने कलीग को भेजा था. इसमें उन्होंने पूछा था- 'जॉर्ज का सरनेम और उसकी कंपनी का नाम बताएं.' इस पर कलीग ने जवाब दिया- 'तल हनान, डेमोमैन इंटरनेशनल के सीईओ हैं.'
- अंडरकवर रिपोर्टर्स के सामने तल हनान ने ये भी दावा किया कि उसने प्रेसिडेंट लेवल के 33 चुनावों में कैंपेन चलाया है और उसमें से 27 में उसे कामयाबी मिली है. एक लीक दस्तावेज में ये भी पता चला कि जॉर हर महीने 4 लाख से 6 लाख डॉलर की फीस लेता है.
(इनपुटः बिदिशा साहा)