
इजरायली अधिकारियों ने हमास के साथ हुए अदला-बदली समझौते के तहत दूसरे फेज में 200 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया. फिलिस्तीनी प्रिजनर्स क्लब के प्रमुख अब्दुल्ला ज़घारी ने बताया कि इन कैदियों को अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रॉस समिति (ICRC) को सौंपा गया.
रिहा किए गए कैदियों में से 114 को वेस्ट बैंक के ओफर जेल से छोड़ा गया. 16 को केरेम शालोम क्रॉसिंग के जरिए गाजा ले जाया गया, और 70 को मिस्र भेजा गया. रामल्लाह गवर्नरेट के फिलिस्तीनी अधिकारियों ने इस रिहाई की प्रक्रिया का समन्वय किया.
फिलिस्तीनी कैदियों के मामलों की प्राधिकरण के अनुसार रिहा किए गए 200 कैदियों में 121 आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे और 79 अन्य को लंबी सजाएं दी गई थीं.
रिहा हुए कैदी रियाद अराफात ने कहा कि इज़राइली जेलों में कैदी बहुत पीड़ा झेल रहे हैं. हमें रोज़ सुबह और शाम पीटा जाता था. खाना नहीं दिया जाता. मेरा 15 किलोग्राम वजन कम हो गया. लेकिन यह सब आज़ादी और फिलिस्तीन के लिए है.
कैदी एहाब अल-शराफा ने कहा कि मेरे भावनाएं अविश्वसनीय हैं, अब भी ऐसा लगता है कि मैं किसी सपने में हूं. मैं 23 सालों बाद इस कब्र से बाहर आने के लिए ऊपरवाले का शुक्रिया अदा करता हूं.
40 साल की सजा काट रहे कैदी अहमद हुसैन की मां ने कहा कि मेरे भाव शब्दों से परे हैं. मैं बहुत खुश हूं और ऊपरवाले का शुक्रिया अदा करती हूं कि मैं अपने बेटे को 19 साल बाद गले लगा सकूंगी.
इजरायल और हमास में हुआ है युद्धविराम का समझौता
इजरायल ने हमास द्वारा रिहा की गई प्रत्येक इजरायली महिला सैनिक के बदले 50 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करने का वादा किया है. अधिकारियों का अनुमान है कि इस व्यवस्था के तहत 200 फिलिस्तीनी कैदियों के बदले चार बंधकों को रिहा किया जाएगा.
कतर और मिस्र द्वारा अमेरिका के समर्थन से किया गया यह संघर्ष विराम नवंबर 2023 में एक संक्षिप्त संघर्ष विराम के बाद से लड़ाई में पहला निरंतर विराम है. हमास ने इस चरण के दौरान इजरायली जेलों में बंद सैकड़ों फिलिस्तीनी कैदियों के बदले 33 बंधकों को रिहा करने पर सहमति व्यक्त की है. आगे की बातचीत शेष बंधकों को मुक्त करने और गाजा से संभावित रूप से इजरायली सेना को वापस बुलाने पर केंद्रित होगी.
युद्धविराम लागू होने के साथ नेतन्याहू के सहयोगियों ने छोड़ा साथ
गाजा में युद्धविराम लागू होने के बाद प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू सरकार के तीन सहयोगियों ने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है. वे फार-राइट पार्टी Otzma Yehudit पार्टी के सदस्य थे. पार्टी की तरफ से एक बयान में बताया गया है कि उनकी पार्टी अब सरकार का हिस्सा नहीं होगी. इस पार्टी के नेता इतामार बेन ग्विर नेतन्याहू सरकार में नेशनल सिक्योरिटी मंत्री थे.