
इजराइल में लाखों लोग सड़कों पर उतरकर सरकार का विरोध कर रहे हैं. इस बीच रविवार को (भारतीय समयनुसार) प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने आपराधिक रिकॉर्ड वाले एक वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री को बर्खास्त कर दिया. नेतन्याहू सरकार का ये कदम सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के बाद आया है, जिसमें कोर्ट ने सरकार से मंत्री आरेह डेरी (Aryeh Deri) को बर्खास्त करने के निर्देश दिए थे. एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, नेतन्याहू ने साप्ताहिक कैबिनेट सत्र के दौरान आंतरिक और स्वास्थ्य मंत्रालय पद से डेरी को हटा दिया है.
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक डेरी कैबिनेट की बैठक के लिए देर से आए थे और इस दौरान वह नेतन्याहू के बगल वाली खाली कुर्सी छोड़कर अलगी पर जाकर बैठे. हालांकि बैठक के दौरान नेतन्याहू के बगल में बैठे डेरी की तस्वीरें बाद में प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा शेयर की गईं. डेरी के एक विश्वासपात्र, बराक सेरी ने रविवार को आर्मी रेडियो को बताया कि विभागों को फिलहाल अति-रूढ़िवादी यहूदी पार्टी शास के अन्य सदस्यों द्वारा रखा जाएगा, क्योंकि यह सरकार गठबंधन में बनी हुई है.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते नेतन्याहू को टैक्स धोखाधड़ी के लिए डेरी की 2022 की सजा का हवाला देते हुए डेरी को बर्खास्त करने का आदेश दिया था. इसके साथ ही इजारइल में एक महीने से भी कम पुराना गठबंधन अब डगमगाता नजर आर रहा है. कारण, इससे पहले गठबंधन के एक साथी ने भी वेस्ट बैंक में बनाई गई एक चौकी को शुक्रवार को तोड़े जाने के विरोध में कैबिनेट सत्र का बहिष्कार किया था.
छठीं बार पीएम बने हैं नेतन्याहू
गौरतलब है कि पिछले साल 2022 दिसंबर में ही नेतन्याहू 120 सदस्यीय इजराइली सांसद में 63 सांसदों का समर्थन हासिल कर छठीं बार प्रधानमंत्री बने हैं. सदन में 54 सांसदों ने उनकी सरकार के विरोध में वोट किया था. उनकी सरकार में कई दक्षिणपंथी पार्टियां शामिल हैं. इसमें शास, यूनाइटेड तोरा जुदैज्म, ओत्ज्मा येहुदित, रिलिजियस जियोनिस्ट पार्टी और नोआम शामिल हैं. नेतन्याहू ने अपनी कैबिनेट में 31 मंत्रियों और तीन उपमंत्रियों को नियुक्त किया है. रक्षा, शिक्षा और कल्याण मंत्रालय में दो-दो मंत्रियों की नियुक्ति की गई है. उन्होंने पांच महिलाओं को भी अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया है.
सरकार के विरोध में उतरे लाखों लोग
इजराइल में एक लाख से अधिक लोग सड़कों पर हैं. ये लोग नेतन्याहू की सरकार के न्यायिक प्रणाली में बदलाव की योजना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. इनका आरोप है कि न्यायिक प्रणाली में बदलाव की योजना से देश के बुनियादी लोकतांत्रिक सिद्धांतों को खतरे में डाल दिया है. आरोप है कि सरकार के इस फैसले से कोर्ट की शक्तियां कम होंगी. इजराइली मीडिया द टाइम्स ऑफ इजराइल के मुताबिक खिलाफ शनिवार रात एक लाख से अधिक लोग तेल अवीव में सड़कों पर उतर आए और जमकर विरोध प्रदर्शन किया. इसे इजराइल के इतिहास का सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन बताया गया है. इसके अलावा यरुशलम, हाइफा, बेर्शेबा, हर्ज़लिया समेत देश भर के कई शहरों में हजारों लोगों ने सड़कों पर रैली भी निकाली.
पीएम मोदी से जल्द मिल सकते हैं नेतन्याहू
इजराइल के राजदूत ने जानकारी दी कि भारत और इजराइल के प्रधानमंत्रियों ने जल्द मिलने की बात कही है. उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नेतन्याहू वर्ष की पहली छमाही में भारत का दौरा करेंगे. हमारे संबंध उत्कृष्ट हैं, लेकिन पिछले 5 वर्षों में हमारे संबंधों काफी मजबूत हुए हैं. भारत-इज़राइल संबंध कई क्षेत्रों में व्यापक और समावेशी हैं.