
इटली में सरकारी और प्राइवेट संस्थाओं के ऑफिशियल कामकाज में अंग्रेजी का इस्तेमाल करने पर एक लाख यूरो तक का जुर्माना लग सकता है. इसको लेकर पीएम जियोर्जिया मेलोनी की ब्रदर्स ऑफ इटली पार्टी द्वारा कानून प्रस्तावित किया गया है.
सीएनन की रिपोर्ट के मुताबिक, इस बिल को लोअर चैंबर की सदस्य फैबियो रामपेली द्वारा पेश किया गया था, जोकि मेलोनी द्वारा समर्थित हैं. नए कानून के तहत सभी विदेशी भाषाओं को बाहर किया गया है, लेकिन खासतौर पर "एंग्लोमेनिया" या अंग्रेजी शब्दों के इस्तेमाल को टारगेट किया गया है. इस प्रस्ताव के मुताबिक, ये भाषा इटालियन भाषा की निंदा करती हैं. ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से बाहर निकलने से इसे और भी बदतर बना दिया गया है.
संसद में अभी नहीं हुई बहस
हालांकि इस बिल को लेकर अभी इटली की संसद में बहस होनी बाकी है. समर्थन मिलने के बाद इस बिल को पारित किया जाएगा. इस बिल में ऑफिशियल डॉक्यूमेंट अंग्रेजी के इस्तेमाल पर बैन लगाने की बात की गई है. इस बिल के मुताबिक, विदेशी संस्थाओं के पास सभी आंतरिक नियमों और रोजगार अनुबंधों के इटालियन भाषा संस्करण होने चाहिए. ऐसा करने में विफल रहने पर पांच हजार यूरो से लेकर एक लाख यूरो (करीब 89 लाख रुपये) तक का जुर्माना हो सकता है.
इटली में पहली बार मुसोलिनी समर्थक PM
इटली में बीते साल हुए चुनावों में दक्षिणपंथी नेता जियोर्जिया मेलोनी की पार्टी ब्रदर्स ऑफ इटली ने जीत हासिल की. 1945 से 2022 तक 77 साल में 70वीं बार सरकार बदली और इटली को पहली बार महिला प्रधानमंत्री मिली, जोकि खुद को तानाशाह मुसोलिनी का समर्थक मानती हैं.