
जाफर एक्सप्रेस हाईजैक के बाद ऐसी रिपोर्टें आ रही थीं कि ट्रेन का ड्राइवर मारा गया है. लेकिन इन सभी रिपोर्टों को गलत साबित करते हुए ट्रेन के ड्राइवर राणा अमजद यासीन सुरक्षित लौट आए हैं और उन्हें कोई गंभीर चोट भी नहीं आई है. सोशल मीडिया पर अमजद के कई वीडियो वायरल हैं जिनमें वो बता रहे हैं कि उन्होंने किस सूझबूझ से अपनी जान बचाई है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स से एक वीडियो इंटरव्यू में अमजद बता रहे हैं, 'बम ब्लास्ट हुआ और हमारी ट्रेन पटरी से उतर गई. मैंने तुरंत इमर्जेंसी ब्रेक लगाया और गाड़ी रुक गई. इसके बाद वो (बलूच विद्रोही) आए और उन्होंने ट्रेन की इंजन पर फायरिंग शुरू कर दी. मैं नीचे बैठ गया इंजन पर अपनी जान बचाने के लिए...इससे ज्यादा और क्या कर सकता था. इसके बाद 27-28 घंटे मैं इंजन पर ही बैठा रहा.'
अमजद ने बताया कि इस दौरान विद्रोही कई बार शीशा तोड़कर अंदर आए लेकिन वो उनकी नजरों से बचने में कामयाब रहे. विद्रोहियों से बचने के लिए वो बाकी अन्य लोगों के साथ मुर्दे की तरह लेट गए थे.
ट्रेन ड्राइवर ने बताया, 'वो दो-तीन बार शीशा तोड़कर अंदर आए हैं...लेकिन खुदा का शुक्र है...उन्होंने हमें देखा और कहा कि ये तो डेड बॉडीज (मरे हुए लोगों के शव) हैं और वो हमें देखकर चले गए. उसके बाद फिर फौज की कार्रवाई में हमें बचाया गया.'
एक अन्य वीडियो में अमजद ने बताया कि विद्रोहियों की एक गोली उनकी पीठ को छूती हुई निकल गई. गोली शीशे को तोड़ती हुई उनकी पीठ के पीछे से निकल गई जिसमें उन्हें बेहद मामूली खरोंच आई है.
बंधकों को छुड़ाने के लिए 30 घंटे तक चला रेस्क्यू ऑपरेशन
क्वेटा से पेशावर जा रही जाफर एक्सप्रेस मंगलवार दोपहर को बलूचिस्तान की पहाड़ियों में हाईजैक हुई. ट्रेन में 440 यात्री सवार थे जिनमें से करीब 100 पुलिसकर्मी थे. पाकिस्तानी सेना का दावा है कि रेस्क्यू ऑपरेशन में बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) के सभी 33 विद्रोहियों को मार गिराया गया है.
पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता अहमद शरीफ चौधरी का कहना है कि रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान 21 बंधकों की भी जान गई है. पैरामिलिट्री के चार जवान भी मारे गए हैं.
पाकिस्तानी आर्मी के प्रवक्ता अहमद शरीफ चौधरी ने बताया कि बड़ी संख्या में बंधकों को छुड़ा लिया गया है जिनमें महिलाएं और बच्चे शामिल हैं. उन्होंने कहा कि रेस्क्यू ऑपरेशन के अंतिम चरण को काफी सावधानी से अंजाम दिया गया.
रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान रेडियो पाकिस्तान ने बताया था कि हमलावर लगातार अफगानिस्तान में अपने आकाओं के संपर्क में हैं और उन्होंने बंधकों के बीच में आत्मघाती हमलावरों को बिठा रखा है.
पाकिस्तान में यह पहली बार था जब विद्रोहियों ने पूरी की पूरी ट्रेन को हाईजैक कर लिया हो. ट्रेन हाईजैक की जिम्मेदारी बलूच लिबरेशन आर्मी ने ली है जो कि बलूचिस्तान का अलगाववादी संगठन माना जाता है. पाकिस्तान की सरकार का आरोप है कि बीएलए को अफगानिस्तान के आतंकियों से मदद मिल रही है.