
नए संसद भवन में लगे 'अखंड भारत' की तस्वीर पर पड़ोसी देश पाकिस्तान की ओर से उठाए जा रहे सवाल पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि भारतीय संसद में लगाई गई अखंड भारत की तस्वीर अशोक सम्राज्य की सीमा को दर्शाती है. पाकिस्तान इस बात को नहीं समझ सकता है क्योंकि उसके पास समझने की शक्ति नहीं है.
दरअसल, हाल ही में 28 जून को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नए संसद भवन का उद्घाटन किया था. नए संसद भवन में एक भित्ति चित्र लगी है जिसे 'अखंड भारत' का नक्शा कहा जा रहा है. इस नक्शे में गौतम बुद्ध की जन्मस्थली लुंबिनी के साथ-साथ तक्षशिला को भी दिखाया गया है. इस भित्ति चित्र में प्राचीन नगरों के नाम भी अंकित हैं. इस नक्शे में पुरूषपुर, सौवीर और उत्तराप्रस्थ को भी दर्शाया गया है. यह वर्तमान में पाकिस्तान का पेशावर और सिंध और बलूचिस्तान प्रांत हैं.
इस नक्शे को लेकर बांग्लादेश, नेपाल और पाकिस्तान ने नाराजगी जाहिर की थी. पाकिस्तान ने कहा था कि भारत की संसद में इस नक्शे को देखकर हम हैरान हैं. भारत का यह कदम विस्तारवादी सोच को दर्शाता है. वहीं, बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने नए संसद भवन में लगे इस नक्शे को लेकर भारत से स्पष्टीकरण मांगा था.
पाकिस्तान के पास समझने की शक्ति नहींः जयशंकर
गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जयशंकर से पूछा गया कि संसद भवन में लगे नक्शे पर नेपाल, भूटान और पाकिस्तान ने चिंता जताई है. इस पर उन्होंने कहा, "संसद में लगी भित्ति अशोक सम्राज्य की सीमा को दर्शाता है. हमने उन्हे बता दिया है और वो समझ गए हैं. पाकिस्तान को छोड़ दीजिए, उनके पास समझने की शक्ति नहीं है."
इसके अलावा जयशंकर ने यह भी कहा कि पीओके पर हम बहुत स्पष्ट हैं. देश, संसद और हमारा रुख बदलने वाला नहीं है.
कांग्रेस और राहुल गांधी पर भी साधा निशाना
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जयशंकर ने पूर्व सांसद और कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी कभी प्योंगयांग झील पर चीनी पुल की बात करते हैं तो कभी अरुणाचल सीमा के पास बने चीनी गांव का. उन्हें यह समझना चाहिए कि चीन ने 1965 में ही प्योंगयांग झील पर कब्जा कर लिया था.
कांग्रेस अरुणाचल सीमा के पास बनी चीन की आधुनिक गांव की बात करती है, तो कांग्रेस को यह भी बताना चाहिए कि जिस क्षेत्र में चीन आज आधुनिक गांव बना रहा है वह 1959 से उसके अधीन है. वह (राहुल गांधी) तथ्यों को बिना समझे ही बहुत कुछ बोलते हैं. उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान मुद्दा केवल पेट्रोलिंग से संबंधित है. क्योंकि गलवान की घटना के बाद दोनों देशों ने फॉरवर्ड पोस्टिंग की है. वर्तमान मुद्दा इससे पहले की मुद्दे से बिल्कुल अलग हैं.
पाकिस्तान ने जताई थी चिंता
पिछले सप्ताह पाकिस्तान विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलोच ने भारत के नए संसद भवन में लगी 'अखंड भारत' की तस्वीर पर चिंता व्यक्त की थी.
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा था कि भारत का यह कदम उसकी विस्तारवादी मानसिकता को दर्शाता है, जो न केवल भारत के पड़ोसियों बल्कि धार्मिक अल्पसंख्यकों की विचारधारा और संस्कृति को भी अपने अधीन करना चाहता है. पाकिस्तान ने कहा था कि हम भारत से आग्रह करते हैं कि वह विस्तारवादी नीति से दूर रहे और शांतिपूर्ण तरीके से अपने पड़ोसी देशों के साथ विवादों को सुलझाए.
नेपाल ने क्या कहा था?
नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री बाबूराम भट्टाराई ने कहा था, "भारत के नए संसद भवन में अखंड भारत का विवादित भित्ति चित्र नेपाल सहित पड़ोसी देशों में गैर-जरूरी और हानिकारक कूटनीतिक विवाद को भड़का सकता है. भारत के अधिकांश निकटतम पड़ोसियों के बीच पहले से ही विश्वास की कमी है जिसके कारण द्विपक्षीय संबंध खराब हो रहे हैं. इस विवाद से इसमें और बढ़ोतरी होने की संभावना है. इससे दोनों देशों के बीच विश्वास की कमी हो सकती है."
क्या है 'अखंड भारत' की अवधारणा?
'अखंड भारत' एक एकीकृत भारत की अवधारणा के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है. इसमें दावा किया जाता है कि वर्तमान अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, म्यांमार, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका 'अखंड भारत' का हिस्सा थे.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एजेंडे में अखंड भारत हमेशा से ऊपर रहा है. आरएसएस के 'अखंड भारत' में पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, म्यांमार, श्रीलंका और तिब्बत शामिल हैं. संघ का मानना है कि यह क्षेत्र हिंदू सांस्कृतिक समानताओं के आधार पर बना एक राष्ट्र है.