
पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में दो दिवसीय शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक चर्चा का विषय रही. इस समिट में हिस्सा लेने के लिए विदेश मंत्री जयशंकर भी पाकिस्तान पहुंचे थे. संगठन की बैठक से इतर भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों के बीच अनौपचारिक बातचीत हुई.
भारत के विदेश मंत्री जयशंकर और उनके पाकिस्तानी समकक्ष इशाक डार के बीच दो मौकों पर अनौपचारिक बातचीत में भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट संबंधों में सुधार पर भी चर्चा हुई.
पाकिस्तान के सूचना मंत्री अतातुल्लाह तरार ने जयशंकर के पाकिस्तान दौरे को दोनों देशों के रिश्तों पर जमी बर्फ को पिघलाने वाले कदम के तौर पर देखा. दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच यह बातचीत प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की ओर से आयोजित डिनर के दौरान हुई. इस बातचीत में पाकिस्तान के गृहमंत्री मोहसिन नकवी भी शामिल हुए. बता दें कि नकवी पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के चेयरमैन भी हैं.
पाकिस्तान की मेजबानी में ICC Champions Trophy टूर्नामेंट में हिस्सा लेगा भारत?
रिपोर्ट के मुताबिक, इस दौरान पाकिस्तान ने भारत से आग्रह किया है कि वह अगले साल फरवरी में पाकिस्तान की मेजबानी में होने जा रही आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी क्रिकेट टूर्नामेंट में हिस्सा लें.
जयशंकर और इशाक डार के बीच की बातचीत का वीडियो और कई तस्वीरें सामने आईं, जिनमें दोनों को बैठकर बातें करते देखा जा सकता है. इसे सकारात्मक संकेत के तौर पर देखा जा सकता है. हालांकि, दोनों नेताों के बीच किसी तरह की द्विपक्षीय बातचीत नहीं हुई.
इस पर तरार ने कहा कि ना ही हमने और ना ही उन्होंने द्विपक्षीय बैठक के लिए आग्रह किया था. लेकिन मेरा मानना है कि जयशंकर का पाकिस्तान आना दोनों मुल्कों के रिश्तों पर जमी बर्फ को पिघलाने जैसा है.
9 साल बाद किसी भारतीय विदेश मंत्री का पहला PAK दौरा था
किसी भी भारतीय विदेश मंत्री का करीब नौ साल बाद ये पहला पाकिस्तान दौरा था. इससे पहले दिसंबर 2015 में तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज पाकिस्तान गई थीं. सुषमा स्वराज इस्लामाबाद में अफगानिस्तान पर हुई कॉन्फ्रेंस में शामिल होने गई थीं.
15 और 16 अक्टूबर को हुई एससीओ समिट में शामिल होने के लिए पाकिस्तान गए जयशंकर ने वहां 24 घंटे से भी कम वक्त बिताया था. जयशंकर का ये दौरा ऐसे वक्त पर हुआ, जब भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध कुछ खास नहीं है. फरवरी 2019 में पुलवामा हमले और उसके बाद बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद से ही दोनों मुल्कों के संबंधों में तनाव है. अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद संबंध और खराब हो गए.