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'बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले हुए, घरों-धार्मिक स्थलों में की गई आगजनी', खुद जमात-ए-इस्लामी ने कबूला

शेख हसीना सरकार के पतन के बाद बांग्लादेश में व्यापक पैमाने पर हिंदू अल्पसंख्यकों और उनके घरों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों और संपत्तियों को निशाना बनाया गया है. बांग्लादेश की कट्टरपंथी पार्टी जमात-ए-इस्लामी ने खुद एक बयान जारी कर हिंदू अल्पसंख्यकों को निशाना बनाए जाने की बात स्वीकार की है.

बांग्लादेश के खुलना डिविजन के मेहरपुर में स्थित इस्कॉन मंदिर में आगजनी और तोड़फोड़ की गई. (PTI Photo) बांग्लादेश के खुलना डिविजन के मेहरपुर में स्थित इस्कॉन मंदिर में आगजनी और तोड़फोड़ की गई. (PTI Photo)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 07 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 11:30 AM IST

एक नाटकीय घटनाक्रम में, व्यापक विरोध प्रदर्शनों और गृह युद्ध जैसे हालातों के बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे से बांग्लादेश का राजनीतिक परिदृश्य उलट-पुलट हो गया है. हालात, इतने बिगड़ गए कि शेख हसीना को अपने देश से भागकर भारत आना पड़ा. बांग्लादेश के सेना प्रमुख वकार-उज-जमान ने घोषणा की है कि देश को राजनीतिक अस्थिरता के इस दौर से बाहर निकालने और शांति स्थापित करने के लिए एक अंतरिम सरकार का गठन किया जाएगा. 

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हालांकि, शेख हसीना सरकार के पतन के बाद बांग्लादेश में व्यापक पैमाने पर हिंदू अल्पसंख्यकों और उनके घरों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों और संपत्तियों को निशाना बनाया गया है. बांग्लादेश की कट्टरपंथी पार्टी जमात-ए-इस्लामी ने खुद एक बयान जारी कर हिंदू अल्पसंख्यकों को निशाना बनाए जाने की बात स्वीकार की है. जमात-ए-इस्लामी ने कहा है, 'कुछ व्यक्तियों के भड़काऊ भाषण के कारण उपद्रवियों के एक समूह ने शहरों-बंदरगाहों-गांवों में तोड़फोड़ शुरू कर दी. कुछ इलाकों में सरकारी इमारतों, विरोधियों के घरों और विभिन्न धर्मों के पूजा स्थलों पर हमले हुए हैं. लूटपाट और आगजनी की घटनाएं भी हुई हैं. एक समझदार व्यक्ति ये काम नहीं कर सकता.'

जमात-ए-इस्लामी ने कहा, 'हमने कई बार उपद्रवियों की इन हरकतों की निंदा की है और अब भी कर रहे हैं. इन परिस्थितियों में, हमने देशवासियों के साथ-साथ अपने संगठन की सदस्यों से सभी धर्मों के लोगों की संपत्तियों की रक्षा में संरक्षक की भूमिका निभाने का आह्वान किया है. हमारे देश में कोई भी बहुसंख्यक या अल्पसंख्यक नहीं है. इस देश में जन्म लेने वाले सभी लोग, जाति, धर्म और वर्ण से परे, इस देश के नागरिक हैं और सभी को समान अधिकार प्राप्त हैं. अतः बहुमत या अल्पमत का प्रश्न अमान्य है.'

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बांग्लादेश के 27 जिलों में हिंदुओं पर हमले

बांग्लादेश के प्रमुख अखबार 'द डेली स्टार' ने कल अपनी रिपोर्ट में कहा था कि देश के कम से कम 27 जिलों में भीड़ ने हिंदू घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर हमले किए, तोड़फोड़ और आगजनी की और सामान लूट लिया. ढाका के धनमंडी में, सिंगर राहुल आनंद के घर में आग लगा दी गई. यह घर करीब 140 साल पुराना था. शरीयतपुर में धानुका मनसा बारी मंदिर में भीड़ ने तोड़फोड़ की. उन्होंने राधा-कृष्ण की मूर्तियों को खंडित कर दिया और मंदिर परिसर में लगे सभी 16 सीसीटीवी कैमरों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया.

इसके अलावा, जिले के पार्बतीपुर उपजिला में एक काली मंदिर सहित पांच मंदिरों पर हमला किया गया. दिनाजपुर श्मशान घाट में भी उपद्रवियों ने तोड़फोड़ की. चिरिरबंदर उपजिला में कुछ हिंदू परिवारों के घरों पर हमला हुआ। वहां हरिशोभा के लिए निर्धारित स्थान पर भी तोड़फोड़ की गयी. डेली रिपोर्ट के अनुसार प्रभावित ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. बीरमपुर उपजिला में, फर्टिलाइजर और पेस्टीसाइड का बिजनेस करने वाले दिलीप कुंडू के घर पर हमला किया गया. उनकी दुकानों में उपद्रवियों ने तोड़फोड़ और लूटपाट की. 

अवामी लीग के 20 नेताओं के शव बरामद

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अवामी लीग के कम से कम 20 नेताओं और उनके परिवार के सदस्यों के शव बरामद किए गए. सोमवार को शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और देश छोड़ने की खबर के बाद सतखिरा में कम से कम 10 लोग मारे गए. अवामी लीग के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं के घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ और लूटपाट की गई. कम से कम 27 जिलों में इसी तरह की घटनाएं दर्ज की गई हैं. कई पुलिस स्टेशनों में आगजनी, हथियार और गोला-बारूद लूटे जाने से राजधानी ढाका और देश के अन्य हिस्सों में लोगों, खासकर अल्पसंख्यक हिंदुओं के बीच गंभीर असुरक्षा की भावना है.

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