
पाकिस्तान की सामाजिक कार्यकर्ता और नोबेल पुरस्कार से सम्मानित मलाला युसुफजई ने भी जम्मू-कश्मीर में शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है.अनुच्छेद 370 हटने के बाद से जम्मू और कश्मीर में कर्फ्यू लागू है. इसके अलावा इस फैसले का विरोध कर रहे घाटी के नेताओं को भी नजरबंद किया गया है.
मलाला युसुफजई ने कहा कि कश्मीर के लोग उस समय से संघर्ष के बीच रह रहे हैं, जब मैं एक बच्ची थी, जब मेरे माता और पिता बच्चे थे और मेरे दादा-दादी युवा थे. मैं चाहती हूं कि सात दशक से चले आ रहे कश्मीर मसले का शांतिपूर्ण ढंग से हल निकले.
जम्मू और कश्मीर से लद्दाख को अलग कर दिया गया है. अब लद्दाख अलग केंद्रशासित प्रदेश होगा. जम्मू-कश्मीर से लद्दाख को अलग कर केंद्र शासित क्षेत्र बनाए जाने से लेह में खुशी का माहौल है तो कारगिल में एहतिहात के तौर पर धारा 144 लगी हुई है. लेह में बड़े उत्सव का आयोजन किया जा रहा है और मोदी सरकार के साहसिक फैसले का स्वागत किया जा रहा है.
करगिल में लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करने पर कुछ जगह विरोध प्रदर्शन की बात सामने आई है. हालांकि करगिल में किसी भी तरह की कोई हिसंक झड़प का मामला सामने नहीं आया है. करगिल और लेह पहले भी शांति प्रिय क्षेत्र रहे हैं.