
हार्वर्ड, येल, बर्कले और कोलंबिया सहित अमेरिका की कई वर्ल्ड क्लास यूनिवर्सिटी इन दिनों इजरायल विरोधी प्रदर्शनकारी छात्रों का अड्डा बनी हुई हैं. यहां के कई स्टूडेंट गाजा में इजरायली हमले रोकने की मांग लेकर यूनिवर्सिटी कैंपस में ही धरने पर बैठ गए हैं. इन छात्रों ने यूनिवर्सिटी के अंदर जगह-जगह टेंट लगा लिए हैं और उन्हीं में रहने भी लगे हैं. फिलिस्तीन समर्थित इन छात्रों का कहना है कि जब तक गाजा में इजरायल की बमबारी नहीं रुकेगी, वे अपना प्रदर्शन खत्म नहीं करेंगे.
अमेरिकी यूनिवर्सिटी कैंपस में प्रदर्शन कर रहे इन छात्रों को रहने से लेकर खाने पीने तक कोई परेशानी ना हो. इसका विशेष ध्यान रखा जा रहा है. प्रदर्शनकारियों के लिए टेंट से लेकर चिकन और पिज्जा से लेकर कॉफी तक सभी चीजों की व्यवस्था की जा रही है. इन विरोध-प्रदर्शनों के बीच एक चौंकाने वाली खबर भी सामने आ रही है. न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक फिलिस्तीन समर्थक इन प्रदर्शनकारियों को अमेरिकी अरबपति यहूदी (Jewish) बिजनेसमैन जॉर्ज सोरोस (George Soros) से जुड़े एनजीओ फंड कर रहे हैं.
PM मोदी का कर चुके हैं विरोध
जॉर्ज सोरोस वामपंथी विचारधारा वाले अमेरिका के मशहूर बिजनेसमैन हैं. बताया जाता है कि एक बार जॉर्ज सोरोस ने बैंक ऑफ इंग्लैंड को बर्बादी की कगार पर खड़ा कर दिया था. यह वहीं जॉर्ज सोरोस हैं, जिन्हें भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विरोधी माना जाता है, एक साल पहले फरवरी 2023 में सोरोस ने भारतीय बिजनेसमैन गौतम अडानी और पीएम मोदी को लेकर भी सवाल उठाए थे.
NGO के जरिए हो रही फंडिंग
अमेरिका की करीब 8 से ज्यादा यूनिवर्सिटीज में जो प्रदर्शन चल रहे हैं, उनकी शुरुआत कोलंबिया यूनिवर्सिटी से हुई थी. अब ये प्रदर्शन हार्वर्ड, येल, बर्कले, ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी और जॉर्जिया की एमोरी यूनिवर्सिटी भी शामिल है. अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक इन छात्रों को स्टूडेंट फॉर जस्टिस इन फिलिस्तीन (SJP) सपोर्ट कर रही है. जबकि इस संगठन को जॉर्ज सोरोस से जुड़े कई NGO से फंडिंग मिल रही है.
फैलोशिप वाले छात्र कर रहे प्रोटेस्ट
रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी यूनिवर्सिटी में हो रहे प्रदर्शनों को 3 यूनिवर्सिटी में फैलोशिप (पैसे) हासिल करने वाले स्टूडेंट बढ़ावा दे रहे हैं. इन छात्रों को यूएस कैंपेन फॉर फिलिस्तीनी राइट्स (USCPR) की तरफ से फैलोशिप मिलती है. जबकि, USCPR को जॉर्ज सोरोस फंड करते हैं.
प्रदर्शनकारी छात्रों को ये सुविधाएं
अमेरिकी की अलग-अलग यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन कर रहे छात्रों को सोरोस की तरफ से फंडिंग किए जाने वाले NGO बेहतरीन सुविधाएं मुहैया करा रहे हैं. प्रदर्शनकारी छात्र अमेजन से खरीदे गए टेंट का इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्हें खाने के लिए पिज्जा, डंकिन (Dunkin) की कॉफी, प्रेट ए मैंगर का महंगा 12.50 डॉलर का मानार्थ सैंडविच, ऑर्गेनिक टॉर्टिला चिप्स और 10 डॉलर की कीमत वाला रोटिसरी चिकन परोसा जा रहा है.
ये हैं प्रदर्शन को लीड करने वाले
टेक्सास यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स फॉर जस्टिस की पूर्व अध्यक्ष निदा लाफी प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रही हैं. लाफी को इससे पहले एक बार अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के काफिले को रोकने के लिए हिरासत में लिया जा चुका है. वहीं, येल यूनिवर्सिटी की बात की जाए तो यहां USCPR के सदस्य क्रेग बिर्कहेड-मॉर्टन इजरायल विरोधी प्रदर्शन का चेहरा हैं. हालांकि, क्रेग को कैंपस के लॉन में कब्जा करने के आरोप में पुलिस हिरासत में ले चुकी है.
प्रदर्शनकारियों को मिल रही ये रकम
रिपोर्ट के मुताबिक USCPR सप्ताह में 8 घंटे फिलिस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन करने के लिए अच्छी खासी रकम देता है. वह अपने सहयोगियों को 7,800 डॉलर, कैंपस के फैलो को 2,880 डॉलर और 3,660 डॉलर देता है. डेलीमेल की रिपोर्ट के मुताबिक SJP को 2017 से अब तक सोरोस के NGO ओपन सोसाइटी फाउंडेशन की तरफ से करीब 3 लाख अमेरिकी डॉलर मिल चुके हैं. इसके साथ ही 2019 से अब तक रॉकफेलर ब्रदर्स फंड से भी 3 लाख 55 हजार रुपए मिल चुके हैं.