
अंग्रेजी कहावत 'थर्ड टाइम लकी' व्हाइट हाउस का गोल्डन टिकट पाने वाले जो बाइडेन के लिए सही साबित हो रही है. जो बाइडेन अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के लिए तीन बार रेस में उतरे तब उन्हें मंजिल मिल पाई. दो बार तो वे अपने ही दल डेमोक्रेटिक पार्टी में अपने लिए समर्थन नहीं जुगाड़ पाए थे.
77 साल के बाइडेन ने अमेरिका की संसदीय राजनीति में लंबा वक्त गुजारा है. उन्होंने लगभग 5 दशकों तक अमेरिकी राजनीति के उतार चढ़ाव को देखा और आखिरकार वक्त आया है कि वे अमेरिका के सबसे कम उम्र के सीनेटर से सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं.
32 साल में तीन बार राष्ट्रपति बनने की कोशिश
प्रेसिंडेट इलेक्ट जो बाइडेन पहली बार 1988 में राष्ट्रपति पद के लिए दंगल में उतरना चाह रहे थे, लेकिन उनका ये मिशन अधूरा रहा. उन्हें अपनी पार्टी में सपोर्ट नहीं मिला और उनकी ये रेस बीच सफर में ही खत्म हो गई. लगभग 20 साल बाद 2008 में वे एक बार फिर अमेरिका का सबसे ताकतवर व्यक्ति बनने के लिए राष्ट्रपति चुनाव में उतरना चाह रहे थे लेकिन इस बार भी भाग्य और डेमोक्रेटिक पार्टी उनके साथ न थी, एक बार फिर से उन्हें अपनी पार्टी में सपोर्ट न मिला और उनका सपना अधूरा रह गया. आखिरकार 12 साल बाद एक बार फिर 2020 में वे राष्ट्रपति बनने के लिए मैदान में उतरे.
फरवरी में डेमोक्रेट की प्राइमरी रेस में लौटे
राष्ट्रपति पद की रेस में बाइडेन ने कई बाधाएं पार कीं. अमेरिका की सर्वोच्च सत्ता पर काबिज होने का सपना बाइडेन हमेशा से देखते थे. हालांकि दो बार की हार के बाद ये सपना धूमिल पड़ रहा था, लेकिन इस साल फरवरी में जब बाइडेन ने डेमोक्रेटिक पार्टी के प्राइमरी चुनावों में दक्षिण कैरोलिना से जीत हासिल की तो उनके सपने फिर जवां हो गए. बाइडेन ने अपनी पार्टी में दूसरे सभी प्रतिद्वंदियों को पीछे छोड़ते हुए राष्ट्रपति पद की रेस में जोरदार वापसी की. इस बार उन्होंने सभी बाधाओं को पार किया.
बाइडेन पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल के दौरान दो बार उप राष्ट्रपति रहे. इस बार चुनाव दौरान उन्होंने इस अनुभव को भुनाया और खुद को जनता के सामने राष्ट्रपति ट्रंप से बेहतर विकल्प के रूप में पेश किया.
'अमेरिका की आत्मा' को वापस लाने का वादा
इस साल अगस्त में डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी को स्वीकर करते हुए बाइडेन ने कहा था कि वे अमेरिका की आत्मा को वापस लाएंगे और प्रकाश के सहयोगी बनेंगे न कि अंधकार के.
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77 साल के बाइडेन ने 74 साल के ट्रंप को दी शिकस्त
77 साल के जो बाइडेन ने रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार और 74 साल के राष्ट्रपति ट्रंप को मात दी है. इसी के साथ ही वो व्हाइट हाउस के सबसे उम्रदराज रेजिटेंड बन गए हैं.
मजबूत भारत-अमेरिकी रिश्तों के पक्षधर
जो बाइडेन भारत-अमेरिका के बीच मजबूत रिश्तों के पक्षधर रहे हैं. ऐसा उनके हर रोल में देखने को मिला है. चाहे वो 30 साल तक डेलवारे के सीनेटर रहे हों, या फिर ओबामा के कार्यकाल में 8 साल तक उपराष्ट्रपति.
2008 में हुए भारत और अमेरिका के बीच चर्चित परमाणु समझौते को पास कराने में जो बाइडेन की अहम भूमिका रही थी. इसके अलावा दोनों देशों के 500 अरब डॉलर के व्यापारिक लक्ष्य को हासिल करने में भी बाइडेन काम कर रहे हैं. बाइडेन के नजदीकी अफसरों, सहायकों और मित्रों में कई भारतीय-अमेरिकी है.
न्यूक्लियर डील के लिए कांग्रेस की सहमति हासिल की
इस जुलाई में बाइडेन ने कहा था कि भारत और अमेरिका की साझेदारी रणनीतिक साझेदारी और ये अमेरिका के लिए भी जरूरी है. बाइडेन ने खुद कहा है कि भारत-अमेरिका परमाणु समझौते को मंजिल तक पहुंचाने में उन्होंने अहम रोल अदा किया है और इसका उन्हें गर्व है. बता दें कि बाइडेन ने डील के लिए अमेरिकी कांग्रेस की सहमति हासिल करने में अहम रोल अदा किया.
रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाना बड़ी प्राथमिकता
बाइडेन ने प्रचार अभियान के दौरान कहा कि भारत-अमेरिका की रणनीतिक साझेदारी ओबामा प्रशासन की उच्च प्राथमिकता थी और अगर वे चुनाव जीतते हैं तो उनके लिए भी ये मुद्दा अहम बना रहेगा.
1942 में पेंसिलवानिया में कैथोलिक परिवार में जन्में बाइडेन ने कानून की डिग्री हासिल की है. वे 1972 में 29 साल की उम्र में डेलवारे से सीनेटर बने. इस उम्र में चुने जाने वाले बाइडेन सबसे कम उम्र के सीनेटर रहे.
उथल-पुथल भरी रही निजी जिंदगी
जो बाइडेन की जिंदगी आकस्मिक घटनाओं से भरी रही. 1972 में एक कार दुर्घटना में उनकी पहली पत्नी नईलिया की मौत हो गई. इस हादसे में उनकी 13 महीने की बेटी नेओमी भी चल बसी. जबकि उनके बेटे बियू और हंटर गंभीर रूप से घायल हो गए.
बाइडेन 1975 में अपनी दूसरी पत्नी जिल जैकब से मिले. 1977 में उन्होंने उनसे शादी कर ली. 1981 में उन्हें एक बेटी एश्ले हुई. 2015 में उनके बेटे बियू की ब्रेन ट्यूमर की वजह से मौत हो गई. जबकि दूसरे बेटे हंटर का नाम ड्रग्स केस में आया.