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नहीं इस्तेमाल किया एयरफोर्स वन, 10 घंटे की ट्रेन जर्नी... चुपके से यूक्रेन पहुंचे जो बाइडेन

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन सोमवार को अचानक यूक्रेन पहुंच गए थे. बाइडेन के इस दौरे की कई महीनों तक प्लानिंग की गई थी और इसे एक बेहद छोटी टीम ने खुफिया तरीके से अंजाम दिया. बाइडेन अमेरिकी राष्ट्रपति के आधिकारिक विशेष प्लेन एयरफोर्स वन विमान की बजाए वायुसेना के बोइंग विमान C-32 से पोलैंड और फिर वहां से ट्रेन के जरिए कीव पहुंचे थे.

यूक्रेन की राजधानी कीव में जेलेंस्की के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन यूक्रेन की राजधानी कीव में जेलेंस्की के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 21 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 6:58 PM IST

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सोमवार को उस वक्त सभी को हैरान कर दिया, जब वह अचानक युद्धग्रस्त यूक्रेन पहुंच गए. आधुनिक इतिहास में ऐसा पहली बार देखने को मिला, जब किसी अमेरिकी राष्ट्रपति ने वॉर एरिया का दौरा किया. अमूमन अमेरिका जैसे किसी देश के राष्ट्रपति जब किसी दौरे पर जाते हैं, तो बेहद कड़ी सुरक्षा के साथ एक भारी काफिला उनके साथ चलता है. लेकिन बाइडेन के यूक्रेन दौरे में ऐसा कुछ भी नहीं था.  

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बाइडेन के इस दौरे की सीक्रेसी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उनके यूक्रेन जाने की कई महीनों तक प्लानिंग की गई थी और इसे एक बेहद छोटी टीम ने खुफिया तरीके से अंजाम दिया. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा कि बाइडेन के कीव दौरे के लिए व्हाइट हाउस और अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों के कुछ वरिष्ठ अधिकारी महीनों तक खुफिया तौर पर प्लानिंग में जुटे थे. 

इस दौरे का खाका तैयार करने वाले अधिकारियों का मानना था कि मौजूदा वैश्विक परिस्थिति को देखते हुए इस दौरे को सीक्रेट तौर पर अंजाम दिया जाए. इसके लिए सीधे यूक्रेन पहुंचने के बजाए पोलैंड के जरिए राजधानी कीव पहुंचने पर सहमति बनी.

रडार को चकमा देने के लिए एयरफोर्स वन से बनाई दूरी

इस यूक्रेन दौरे की सीक्रेट प्लानिंग का एक अहम मोड़ यह भी था कि बाइडेन के दौरे के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति के आधिकारिक विशेष प्लेन एयरफोर्स वन विमान के बजाए वायुसेना के बोइंग विमान C-32 को चुना गया. एयरफोर्स वन से यूक्रेन नहीं जाने का मुख्य मकसद यही था कि रडार की नजरों से बचा जा सके. इस दौरान उनके साथ कुछ मुट्ठीभर सुरक्षाकर्मी, मेडिकल टीम, करीबी सलाहकार और दो पत्रकार मौजूद थे. इस तरह से बाइडेन को लेकर छोटे विमान ने यूक्रेन के लिए उड़ान भरी.

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पत्रकारों के फोन जब्त किए

बाइडेन के साथ इस विमान में वॉल स्ट्रीट जर्नल की पत्रकार सबरीना सिद्दीकी और फोटोग्राफर भी मौजूद थे. उनके फोन जब्त कर लिए गए थे और बाइडेन के कीव पहुंचने के बाद ही फोन उन्हें लौटाए गए. 

यह विमान वॉशिंगटन से जर्मनी के रैमस्टीन में अमेरिकी मिलिट्री बेस तक लगभग सात घंटे तक उड़ान भरता रहा. यहां रैमस्टीन में रिफ्यूलिंग के लिए विमान को उतारा गया. इस दौरान विमान से कोई नहीं उतरा. इसके बाद विमान ने पौलेंड के लिए उड़ान भरी. पोलैंड पहुंचने के बाद बाइडेन कीव के लिए ट्रेन में सवार हुए. यह सफर 10 घंटों का था. वह सोमवार तड़के आठ बजे कीव पहुंचे. 

बाइडेन ने कीव पहुंचने के बाद कहा कि कीव लौटकर अच्छा लगा. बता दें कि वह आखिरी बार उस समय यूक्रेन आए थे, जब ओबामा राष्ट्रपति और वह उपराष्ट्रपति थे.

बाइडेन और उनके छोटे काफिले के कीव पहुंचने पर यहां अमेरिकी राजदूत ब्रिजैट ब्रिंक ने उनका स्वागत किया. इसके बाद सड़के से होता हुआ उनका काफिला यूक्रेन के राष्ट्रपति के आवास तक पहुंचा. 

यूक्रेन के लोगों को नहीं थी भनक

इस बीच कीव में कई मुख्य सड़कों का बिना किसी पूर्व सूचना के घेराव कर लिया गया था. यूक्रेन के लोगों को कोई जानकारी नहीं थी कि अमेरिकी राष्ट्रपति उनके देश पहुंच चुके हैं. इस बीच सड़कों पर कारों का लंबा काफिला देखकर लोग हैरान हो गए और इसके वीडियो शेयर करने लगे. इसके बाद जेलेंस्की के आधिकारिक आवास पहुंचकर ही दुनिया को पता लग पाया कि बाइडेन यूक्रेन में हैं. 

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