
मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद पाकिस्तान में लगातार पैंतरेबाजी कर रहा है. आतंकी फंडिंग केस में हाफिज सईद ने अपनी गिरफ्तारी को लाहौर हाई कोर्ट में चुनौती दी है. संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकी करार दिए गए हाफिज सईद ने कहा है कि उसका लश्कर-ए-तैयबा से कोई लेना-देना नहीं है. हाफिज सईद ने 67 दूसरे आरोपियों के साथ लाहौर हाई कोर्ट में याचिका दी है और कहा है कि न तो लश्कर-ए-तैयबा से उनका कोई रिश्ता है और न ही वह इस संगठन से किसी तरह से जुड़ा हुआ है.
बता दें कि हाफिज सईद को 17 जुलाई को पाकिस्तान पुलिस ने टेरर फंडिंग केस में गिरफ्तार किया था. इस वक्त उसे लाहौर की कोर्ट लखपत जेल में कड़ी सुरक्षा के बीच रखा गया है. हाफिज सईद की इस याचिका पर 2 सितंबर को सुनवाई होनी है.
हाफिज सईद और दूसरे आरोपियों ने कोर्ट से अपील की कि याचिका में जिन संपत्तियों का ब्यौरा दिया गया है कि उसका इस्तेमाल मस्जिद के उद्देश्य के लिए किया जा रहा है. लिहाजा उस पर कानून की कोई बाध्यता नहीं है और न ही एफआईआर वैध है.
याचिका में कहा गया है, 'यह अपील की जाती है कि कोर्ट घोषित करे कि किसी भी याचिकाकर्ता का लश्कर से संबंध नहीं है और लिहाजा एफआईआर बिना कानून का पालन किए दर्ज की गई और इसे खारिज कर दिया जाए.'
आतंकी हाफिज सईद के संगठन जमात-उद-दावा को लश्कर का फ्रंट ऑर्गनाइजेशन माना जाता है. लश्कर पर 2008 में मुंबई हमले में शामिल होने का आरोप है. इस हमले में 166 निर्दोष लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी.
पंजाब पुलिस के काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट ने हाफिज सईद समेत दूसरे आरोपियों के खिलाफ 23 एफआईआर दर्ज की थीं. इनके खिलाफ पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में अलग अलग जगहों पर टेरर फाइनेंसिंग के आरोप लगाए गए हैं. आरोप है कि हाफिज सईद ने लाहौर, गुंजरावाला और मुल्तान में आतंकी गतिविधियों के लिए फंड इकट्ठा किया. पंजाब सीटीडी के मुताबिक इन लोगों ने टेरर फाइनेंसिंग के नाम पर फंड जमा किया. रिपोर्ट के मुताबिक इन लोगों पर एंटी टेररिज्म एक्ट 1997 के तहत मनी लॉन्ड्रिंग का भी मामला बनता है.