
खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या से जुड़ा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने जब से संसद में खड़े होकर निज्जर की हत्या के लिए भारत पर आरोप लगाया. दुनियाभर में हंगामा मचा हुआ है. लेकिन अब भारत पर आरोप लगाने वाले ट्रूडो की मुश्किलें बढ़ गई हैं. दरअसल वह निज्जर की हत्या का आरोप भारतीय एजेंसियों पर लगाकर अपने ही घर में घिर गए हैं.
अब कनाडा का विपक्ष भी ट्रूडो से तीखे सवाल पूछ रहा है. निज्जर की हत्या कनाडा के सर्रे में हुई थी. ब्रिटिश कोलंबिया के प्रीमियर ने ट्रूडो के सबूतों को खोखला बता दिया है.
भारत ने कनाडा के आरोपों को खारिज कर दिया है. सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भी भारत के बयान से सहमत है. उन्हें यकीन है कि ट्रूडो अपनी अंदरूनी सियासत साधने के लिए निज्जर की हत्या का आरोप भारत पर लगा रहा है. यही वजह है कि अमेरिका से लेकर ब्रिटेन और दूसरे देशों ने भी ट्रूडो का साथ नहीं दिया है.
ब्रिटिश कोलंबिया के प्रधानमंत्री ने कहा कि कनाडाई पुलिस ने जो सबूत दिए हैं वे सतही हैं. इस बात का कोई ठोस सबूत नहीं है कि निज्जर की हत्या भारतीय एजेंटो ने की.
ब्रिटिश कोलंबिया के प्रीमियर डेविड इबे ने कहा कि हरदीप निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता के संबंध में मुझे जो जानकारी दी गई है, वह सभी ओपन सोर्स जानकारी है, जो इंटरनेट पर उपलब्ध है. पीएम ट्रूडो ने मुझे बताया था कि वो निज्जर की हत्या पर संसद में बयान देने वाले है. मैंने कनाडा पुलिस से मीटिंग में भी नाराजगी जाहिर की थी कि आखिर हमारे पास आरोपों को लेकर ठोस सबूत क्यों नहीं है? डेविड एबी का यह बयान इसलिए भी मायने रखता है क्योंकि हरदीप निज्जर की हत्या कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत के ही सर्रे शहर में हुई थी.
डेविड एबी ने आगे कहा कि कनाडाई सुरक्षा खुफिया सेवा (CSIS) की ओर से मुझे जो जानकारी मिली है, उसे ओपन इंफॉर्मेशन ब्रीफिंग या ओपन सोर्स ब्रीफिंग कहा जाता है. यह वह जानकारी है जो पहले से ही इंटरनेट पर उपलब्ध है. संसद में बयान देने से पहले प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने मुझे इस बारे में जानकारी दी थी. उन्होंने मुझे कनाडाई सुरक्षा खुफिया सेवा से ब्रीफिंग की पेशकश की. इस ब्रीफिंग में CSIS की ओर से एक ब्रीफिंग मिली, जो ओपन सोर्स जानकारी थी.
लेकिन ट्रूडो अब निज्जर की हत्या में भारत का हाथ होने के आरोप लगाने पर फंसते जा रहे हैं. भारत ही नहीं बल्कि कनाडा भी उनसे सबूत मांग रहा है. ट्रूडो का यह दावा है कि खुफिया जानकारी फाइव आइज यानी अमेरिका, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की खुफिया एजेंसियों की मदद से जुटाई गई हैं लेकिन ट्रूडो अभी तक कोई सबूत और तथ्य पेश नहीं कर पाए हैं.
अमेरिका के राजदूत का कहना है कि फाइव आइज साझेदारों के बीच खुफिया जानकारी साझा की गई थी, जिसके आधार पर ट्रूडो ने भारत सरकार पर निज्जर की हत्या का आरोप लगाया था.
बता दें कि फाइव आइज एक खुफिया तंत्र है, जिसमें अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और न्यूजीलैंड है. यह निगरानी आधारित और सिग्नल इंटेलिजेंस दोनों तरह की जानकारी साझा करता है.
क्या है मामला?
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने 19 सितंबर को कनाडा की संसद में निज्जर की हत्या में भारत का हाथ होने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि बीते कुछ हफ्तों से कनाडा की सुरक्षा एजेंसियां कनाडा के नागरिक हरदीप सिंह निज्जर और भारत सरकार के संभावित कनेक्शन के विश्वसनीय आरोपों की सक्रिय तौर पर जांच कर रही हैं. कनाडा कानून का पालन करने वाला देश है. हमारे नागरिकों की सुरक्षा और हमारी संप्रभुता की रक्षा करना हमारा मौलिक कर्तव्य है. हालांकि, कनाडाई सरकार की ओर से ऐसे कोई भी साक्ष्य सार्वजनिक नहीं किए गए हैं कि निज्जर की हत्या में भारत का हाथ है.
इसके बाद कुछ दिनों पहले एक बार फिर ट्रूडो ने भारत पर लगाए आरोपों को दोहराया था. उन्होंने न्यूयॉर्क में कहा था कि मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि इन आरोपों को हाउस ऑफ कॉमन्स के पटल पर लाने का निर्णय हल्के में नहीं लिया गया था. इसे बहुत ही गंभीरता से लिया गया था. निज्जर की हत्या के पीछे भारत सरकार का हाथ है. मुझे लगता है कि एक निष्पक्ष न्यायिक प्रणाली वाले देश के तौर पर यह बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है कि हम बेहद ईमानदारी के साथ काम करें.
ट्रूडो के आरोपों पर भारत का जवाब
वहीं कनाडा के डबल स्टैंडर्ड को भारत ने दुनिया के सामने एक्सपोज कर दिया है. कनाडा सरकार के आरोपों का भारत की तरफ से करारा जवाब दिया गया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा है कि हमने कनाडा की धरती पर आतंकवादी गतिविधियों के बारे में उन्हें जानकारी दी. लेकिन कनाडा ने कोई विशेष जानकारी (निज्जर की हत्या को लेकर) भारत के साथ शेयर नहीं की है. कनाडा आतंकवादी गतिविधियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बन गया है. उसे अपनी अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा के बारे में सोचने की जरूरत है. उन्होंने कहा, सबसे बड़ा मुद्दा कनाडा और पाकिस्तान द्वारा वित्त पोषित और समर्थित आतंकवाद है.
कनाडा में खालिस्तानियों का अड्डा
चार करोड़ से भी कम आबादी वाला कनाडा बरसों से खालिस्तानी आतंकियों का बड़ा अड्डा रहा है. जब आपसी गैंगवार में यहां के खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर का कत्ल हो गया तो कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो ने अपने देश में सियासी फायदे के लिए वो संगीन आरोप भारत पर लगा दिये जिसके बारे में कल्पना नहीं की जा सकती.
बता दें कि जिन लोगों और पार्टियों के समर्थन से ट्रूडो सरकार चलाने को मजबूर है. उन्होंने ट्रूडो को भारत पर ऐसे आरोप लगाने के लिए मजबूर तो कर दिया लेकिन अपने इस बेजा कदम से ट्रूडो अपने ही देश में घिर गए है. क्या यह सरकार चलाने की मजूबरी है कि ट्रूडो भारत से संबध खराब करने पर आमादा है.
उधर कनाडा में ट्रूडो घिर गए है. उनकी नीयत पर सवाल उठ रहे हैं तो इधर भारत ने खालिस्तानियों के खिलाफ चौतरफा जंग छेड दी है. पंजाब में गुरपतवंत और निज्जर के ठिकानों पर एनआईए के छापे पड़ रहे है. पन्नून का घर जब्त कर लिया गया है तो निज्जर की हकीकत भारत ने एक बार फिर दुनिया के सामने रखी है.