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पहले 60 सांसदों का विरोध, अब क्रिस्टिया से झटका... अपनी ही पार्टी में क्यों घिर गए कनाडाई PM ट्रूडो?

जस्टिन ट्रूडो से टकराव के चलते ही देश की उप प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने सोमवार को पद से इस्तीफा दे दिया. दोनों  के बीच ट्रंप के संभावित टैरिफ को लेकर मतभेद था. उन्होंने उसी दिन पद से इस्तीफा दिया, जब उन्हें संसद में बजट पेश करना था. 

जस्टिन ट्रूडो और क्रिस्टिया फ्रीलैंड जस्टिन ट्रूडो और क्रिस्टिया फ्रीलैंड
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 17 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 12:45 PM IST

कनाडा में इस समय भारी अस्थिरता बनी हुई है. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की काफी किरकिरी हुई है. उन्हें अपने देश में अपनी ही सरकार के भीतर भी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. वित्त मंत्री के इस्तीफे को उनके लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. अब ट्रूडो की कैबिनेट उन पर इस्तीफे का दबाव बना रही है.

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ट्रूडो से टकराव के चलते ही देश की उप प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने सोमवार को पद से इस्तीफा दे दिया. दोनों  के बीच ट्रंप के संभावित टैरिफ को लेकर मतभेद था. उन्होंने उसी दिन पद से इस्तीफा दिया, जब उन्हें संसद में बजट पेश करना था. 

क्रिस्टिया फ्रीलैंड के इस्तीफे के बाद ट्रूडो को आलोचनाओं का शिकार होना पड़ रहा है. विपक्षी पार्टियों ने उनसे इस्तीफा मांगा है. कभी ट्रूडो की सरकार में सहयोगी रहे एनडीपी नेता जगमीत सिंह ने भी उनसे पद छोड़ देने को कहा है.

ट्रूडो के सहयोगी और विपक्ष दोनों मांग रहे इस्तीफा

जगमीत सिंह ने कहा कि आज मैं ट्रूडो से इस्तीफे की मांग कर रहा हूं. अब उन्हें जाना होगा. कनाडा के लोग महंगाई से परेशान हैं. ट्रंप ने 25 फीसदी टैरिफ लगाने की बात की है. इस सब के बीच लिबरल पार्टी कनाडा के लोगों के लिए लड़ने के बजाय आपस में लड़ रही है. वित्त मंत्री ने उस दिन पद छोड़ा, जिस दिन उन्हें बजट पेश करना था. इसके बाद उद्योग मंत्री को ये काम दिया गया. उन्होंने भी ये जिम्मेदारी नहीं ली. अब ट्रूडो को संसद में खुद बजट पास करवाना चाहिए.

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कंजरवेटिव पार्टी के नेता पिएर पोलिवेएर ने संसद से सीधे प्रधानमंत्री ट्रूडो पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि ट्रूडो का अब अपनी ही सरकार पर नियंत्रण नहीं है, ऐसे में उन्हें अब पद से इस्तीफा दे देना चाहिए. वे सत्ता में बने रहने के लिए लगातार संघर्ष कर रहे हैं. इस देश को कमजोर पड़ते देखना दुर्भाग्यपूर्ण है.

इससे पहले सोमवार को कॉक की बैठक में भी ट्रूडो को कड़ा विरोध झेलना पड़ा. विपक्ष ने जल्द से जल्द चुनाव कराने की मांग की है. बता दें कि हाउस ऑफ कॉमन्स में 153 सीटों के साथ उनकी लिबरल पार्टी की सरकार अल्पमत में है. इनमें से 60 सांसद चाहते हैं कि ट्रूडो पद से इस्तीफा दे दें.

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