
बच्चों का एक पॉपुलर कार्टून है 'हैंडी मैनी'. उसका मुख्य पात्र हमेशा टूटी हुई चीजों की मरम्मत के जुनून से घिरा रहता है और कहता है-वो तोड़ते हैं हम जोड़ते हैं... लेकिन चीजें हमेशा बिगड़ जाती हैं... कुछ ऐसा ही हाल है कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का... कनाडा की संसद में गुरुवार को गजब का नजारा बना. भारत के खिलाफ प्रोपेगैंडा फैला रहे ट्रूडो की कनाडा के विपक्षी नेताओं ने जमकर क्लास लगाई, उनकी अंग्रेजी का भी जमकर मजाक उड़ाया और कहा- इनसे सिर्फ टूटता है, जुड़ता ही नहीं.
लेकिन मामला क्या था? ट्रूडो कनाडाई संसद में इमिग्रेशन को लेकर विपक्ष की ओर से लगाए गए आरोपों पर अपनी सरकार का बचाव कर रहे थे. लेकिन इस दौरान एक शब्द की वजह से विपक्षी नेताओं ने उन्हें निशाने पर ले लिया.
सरकार की आर्थिक नीतियों का बचाव करते हुए ट्रूडो ने कहा कि एक बार फिर हम देख सकते हैं कि नेता प्रतिपक्ष कनाडा में brokenist (तोड़ने वाले) विजन पर जोर दे रहे हैं, जो वास्तविकता से कोसों दूर है. इस पर कनाडा के विपक्षी नेता पियरे पोइलिवरे तुरंत उठे और चहकते हुए कहने लगे कि brokenist... ये तो कोई शब्द भी नहीं है. वह (ट्रूडो) तो अंग्रेजी भाषा भी तोड़-मरोड़ रहे हैं. उनके ऐसा कहते ही संसद में विपक्षी सांसद ठहाके लगाकर हंसने लगे.
पोइलिवरे ने कहा कि ट्रूडो ने जो तोड़ा है, वे तो उसे जोड़ भी नहीं सकते क्योंकि वे अपनी ही पार्टी से लड़ने में व्यस्त हैं. इमिग्रेशन, हाउसिंग और अन्य जरूरी मामलों पर ट्रूडो ने जो नुकसान किया है, उसे अब वह ठीक नहीं कर सकते. क्योंकि वह खुद अपनी ही पार्टी में घिर गए हैं.
सोशल मीडिया पर Meme Material बन गए ट्रूडो!
कनाडा की संसद का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिस पर लोग ट्रूडो की चुटकी ले रहे हैं. एक सोशल मीडिया यूजर लिखते हैं कि भारत से रिश्ते तोड़ने के बाद अब ट्रूडो ने अंग्रेजी भाषा भी तोड़ दी. एक शख्स लिखते हैं कि ट्रूडो हर चीज तोड़ देते हैं, फिर चाहे वह अंग्रेजी भाषा ही क्यों ना हो.
एक सोशल मीडिया यूजर verb form का इस्तेमाल करते हुए कहते हैं कि break, broke, broken and brokenist. ट्रूडो कनाडा को तोड़ रहे हैं, अंग्रेजी तोड़ रहे हैं. वह अब प्रधानमंत्री से ज्यादा कॉमेडियन लगते हैं.
ट्रूडो ने पिछले साल संसद में पहली बार लगाए थे भारत पर आरोप
पिछले साल संसद में बोलते हुए जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का इल्जाम भारत पर लगाया था. इसके बाद भारत और कनाडा के बीच राजनयिक तनाव बढ़ गया था. तब से ही भारत और कनाडा के बीच रिश्ते उतार-चढ़ाव भरे रहे हैं. भारत ने भी ट्रूडो और उनकी पार्टी पर खालिस्तानियों को लुभाने के लिए वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया था.
इसी साल जनवरी में कनाडा के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जोडी थॉमस ने कहा था कि भारत निज्जर की हत्या की जांच में कनाडा के साथ सहयोग कर रहा है.
पिछले साल हुई थी निज्जर की हत्या
पिछले साल जून में कनाडा के सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर निज्जर की हत्या कर दी गई थी. निज्जर खालिस्तानी आतंकी था. खालिस्तान टाइगर फोर्स का चीफ था. वह बीते कई सालों से कनाडा में रह रहा था और वहां से भारत के खिलाफ खालिस्तानी आतंकवाद को हवा दे रहा था.
खुफिया सूत्रों के मुताबिक, निज्जर भारतीय जांच एजेंसियों के लिए पिछले एक साल में इसलिए और भी ज्यादा बड़ा सिरदर्द बन गया था क्योंकि उसने लॉरेंस बिश्नोई गैंग के गुर्गों को विदेशों में लॉजिस्टिक और पैसा मुहैया करवाना शुरू कर दिया था.
ट्रूडो जब 2018 में भारत दौरे पर आए थे. उस समय उन्हें पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने खालिस्तानी आतंकियों की एक सूची सौंपी थी, जिसमें निज्जर का भी नाम शामिल था. केंद्रीय गृहमंत्रालय ने 2020 में निज्जर को आतंकी घोषित कर दिया था. 2010 में पटियाला के एक मंदिर के बाहर हुए बम विस्फोट में उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. उस पर हिंसा भड़काने, आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने सहित कई मामलों में पुलिस को तलाश थी.
भारत ने हरदीप सिंह निज्जर को डेजिग्नेटिड टेरेरिस्ट यानी आतंकवादी घोषित किया था. NIA ने उस पर 10 लाख का इनाम भी घोषित कर रखा था.