
अमेरिका में डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडन ने डोनाल्ड ट्रंप को हराकर एक बड़ा राजनीतिक पलटवार किया. डोनाल्ड ट्रंप को हराकर बाइडन अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति बन गए हैं. वह 20 जनवरी, 2021 को शपथ लेंगे. वहीं इस जीत के साथ ही कमला हैरिस अमेरिका की उपराष्ट्रपति होंगी.
जीत के बाद देशवासियों को संबोधित करते हुए कमला हैरिस ने अमेरिकियों का आभार जताया. कमला हैरिस ने कहा, 'हमारे पास बेहतर भविष्य बनाने की शक्ति है, आप अमेरिकियों का धन्यवाद कि आपने हमारे ऊपर जो विश्वास किया है.' उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं और प्रचार अभियान से जुड़े स्वयंसेवकों का भी आभार जताया. कमला हैरिस ने कहा कि इतने लोगों को जोड़ने के लिए प्रचार में जुटे साथियों, स्वयंसेवकों का धन्यवाद. इससे पहले कभी इतने लोग नहीं जुड़े.
कमला हैरिस ने चुनाव अधिकारियों का भी आभार जताया. उन्होंने कहा कि सभी मतदानकर्मियों और चुनाव अधिकारियों को, हमारे देश का आपके ऊपर कृतज्ञता का कर्ज है, और अमेरिकी को अपनी आवाज सुनने के लिए धन्यवाद. उन्होंने कहा कि आपने आपने सच को चुना, आपने बाइडेन को चुना.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक उपराष्ट्रपति चुनी जाने वालीं कमला हैरिस ने कहा, 'हमारे पास बेहतर भविष्य गढ़ने की ताकत है. अमेरिकियों का शुक्रिया कि उन्होंने हमारे ऊपर भरोसा जताया. आपने अमेरिका के लिए एक नए दिन का आश्वासन दिया.'
देशवासियों को संबोधित करते हुए कमला हैरिस ने कहा, जब हमारा लोकतंत्र चुनावी प्रक्रिया से गुजर रहा था, जिसमें अमेरिका की आत्मा दांव पर थी, और दुनिया देख रही थी, तो आपने अमेरिका के लिए एक नए दिन की शुरुआत की. लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष करना होता है, बलिदान देना होता है, लेकिन उसमें आनंद और प्रगति होती है. क्योंकि हमारे पास बेहतर भविष्य बनाने की शक्ति है.
बता दें कि अमेरिका के चुनावी इतिहास में भारतीय मूल की कमला हैरिस ने इतिहास रचा है. एक महिला के तौर पर, अश्वेत और साउथ एशियन होते हुए कमला हैरिस उपराष्ट्रपति पद का शपथ लेने जा रही हैं. यह अमेरिका के राजनीतिक इतिहास में पहली बार होगा. कमला हैरिस ने कैलिफोर्निया की अमेरिकी सीनेटर ने सैन फ्रांसिस्को की पहली महिला जिला अटॉर्नी के रूप में काम किया और कैलिफोर्निया की पहली महिला थीं, जिन्हें अटॉर्नी जनरल चुना गया था.