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करतारपुर का क्रेडिट लेने की होड़ में कैसे भिड़ते रहे भारत-पाक

पाकिस्तान की तरफ से विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को भी इस कार्यक्रम में शिरकत के लिए बुलाया गया था, लेकिन दोनों नहीं गए.

पाकिस्तान के पीएम इमरान खान, सिद्धू और हरसिमरत कौर (फोटो-@PTIofficial) पाकिस्तान के पीएम इमरान खान, सिद्धू और हरसिमरत कौर (फोटो-@PTIofficial)
हमजा आमिर
  • करतारपुर,
  • 28 नवंबर 2018,
  • अपडेटेड 5:25 PM IST

पाकिस्तान में बुधवार को ऐतिहासिक करतारपुर साहिब गुरुद्वारा की आधारशिला रख दी गई. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने इसका शिलान्यास किया. इस समारोह में भारत सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर पहुंचीं केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल और पंजाब सरकार के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू व पाकिस्तानी वक्ताओं के बीच कॉरिडोर के क्रेडिट को लेकर जुबानी जंग देखने को मिली.

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इमरान खान के बुलावे पर कार्यक्रम में पहुंचे नवजोत सिंह सिद्धू ने सबसे पहले भाषण दिया, जिसमें उन्होंने दोनों मुल्कों के बीच शांति व अमन कायम करने पर जोर दिया. सिद्धू ने दोनों देशों के बीच बातचीत का रास्ता खोलने के लिए करतारपुर कॉरिडोर को एक बड़ी पहल बताया. इसके साथ ही सिद्धू ने कॉरिडोर के लिए अपने दोस्त और पाक पीएम इमरान खान की तारीफ में जमकर कसीदे पढ़े और कॉरिडोर के लिए दोनों सरकारों का शुक्रिया अदा किया.

सिद्धू ने क्या कहा

सिद्धू ने कहा, 'बहुत नुकसान हो गया है. अब खून खराबा बंद होना चाहिए और किसी मां की गोद नहीं उजड़नी चाहिए. कोई इस आग पर पानी डालने वाला होना चाहिए. मैं इस कॉरिडोर को इसी रूप में देखता हूं. मैं शुक्रगुजार हूं हिंदुस्तान की सरकार और इमरान साहब का जिन्होंने दोबारा यह संपर्क बनाया है. जब भी करतारपुर का इतिहास लिखा जाएगा, पहले पन्ने पर पहला हर्फ आपका (इमरान) नाम लिखा जाएगा.'

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'तीन महीने में हुआ चमत्कार'

बीते अगस्त में इमरान खान ने पाकिस्तान की कमान संभाली थी और नवजोत सिंह सिद्धू उनके शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत करने भी गए थे. वहां वह पाक सेना प्रमुख वाजवा के गले मिले थे. सिद्धू की वापसी पर इस मसले पर देश में काफी बवाल भी हुआ था. लेकिन बुधवार को कॉरिडोर के शिलान्यास कार्यक्रम में भाषण देते हुए सिद्धू ये कहना नहीं भूले कि ये चमत्कार ही है, जो 70 साल में नहीं हो पाया है, वो तीन महीने में हो गया.' ऐसे कहते हुए सिद्धू ने ये भी कहा कि इमरान खान ने अपना वचन निभाया है और हिंदुस्तान की सरकार ने इसका इस्तकबाल किया है.

हरसिमरत कौर ने क्या कहा

मोदी सरकार में मंत्री हरसिमरत कौर ने सिद्धू के बाद अपने भाषण में कहा कि आज एक ऐतिहासिक दिन है और सिखों की सालों की अरदास पूरी हो गई है. उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए बहुत खुशी का मौका है, क्योंकि सात महीने पहले हमारी पार्टी ने जो मांग रखी थी, वो आज पूरी हो गई है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह फैसला लेकर सिखों को बड़ा तोहफा दिया है.

हरसिमरत ने कहा कि दोनों देशों की कड़वाहट मिटाने के लिए ये कॉरिडोर बन रहा है. इसके लिए अपनी और आपकी सरकार की इस पहल का मैं स्वागत करती हूं और यहीं से दोनों देशों के बीच की नफरत खत्म हो सकती है.

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हरसिमरत का बयान पूरा होते ही कार्यक्रम का संचालन कर रहे शख्स ने तुरंत यह कह दिया कि इमरान खान की पहल पर यह मुमकिन हुआ है. उन्होंने कहा, 'वजीर-ए आजम इमरान खान ने हिंदुस्तान को ऑफर दिया था, जिसे उन्होंने स्वीकार किया.' वह एक शायरी के जरिए यह कहते दिखे कि इमरान खान ने हिंदुस्तान को यह ऑफर कबूल करने के लिए मजबूर किया है. 

इस तरह पाकिस्तान जहां कॉरिडोर के लिए इमरान खान को क्रेडिट देता रहा, वहीं नवजोत सिंह सिद्धू भी उन्हीं की तारीफ करते दिखाई दिए. हालांकि, उन्होंने इसके लिए दोनों मुल्कों का ही शुक्रिया अदा किया. लेकिन जब मौका हरसिमरत कौर को मिला तो वह अपनी पार्टी और प्रधानमंत्री मोदी की इच्छाशक्ति और निर्णय को इस पहल की सबसे बड़ी वजह बता गईं.

 

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