Advertisement

पहले केरल, अब कर्नाटक, दो स्टेट एक जैसी कहानी... रान्या राव गोल्ड स्मगलिंग की जांच की आंच नेताओं तक

कर्नाटक में कन्नड़ एक्ट्रेस रान्या राव स्मगलिंग केस चर्चा में है. रान्या राव को 3 मार्च को दुबई से सोने की तस्करी के आरोप में बेंगलुरु एयरपोर्ट से गिरफ्तारी किया गया. उनके कब्जे से 15 किलो सोना बरामद हुआ. इसकी कीमत करीब 12.56 करोड़ रुपये आंकी गई.

कर्नाटक में रान्या राव (बाएं) और केरल में स्वप्ना सुरेश (दाएं) सोना तस्करी के मामले में पकड़ी गईं. कर्नाटक में रान्या राव (बाएं) और केरल में स्वप्ना सुरेश (दाएं) सोना तस्करी के मामले में पकड़ी गईं.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 12 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 11:20 AM IST

वही गोल्ड, वही स्मगलिंग और वही दुबई से कनेक्शन. पांच साल पहले केरल में जो गोल्ड स्मगलिंग से जुड़ा विवाद हुआ, वही अब कर्नाटक में भी देखने को मिल रहा है. उस समय नेताओं की संदिग्ध भूमिका पर सवाल उठे थे और आज फिर नेताओं की भूमिका कठघरे में खड़ी की जा रही है.

दरअसल, कर्नाटक में कन्नड़ एक्ट्रेस रान्या राव स्मगलिंग केस चर्चा में है. रान्या राव को 3 मार्च को दुबई से सोने की तस्करी के आरोप में बेंगलुरु एयरपोर्ट से गिरफ्तारी किया गया. उनके कब्जे से 15 किलो सोना बरामद हुआ. इसकी कीमत करीब 12.56 करोड़ रुपये आंकी गई. जांच में रान्या के राजनीतिक कनेक्शन सामने आए हैं. रान्या के फोन में कई नेताओं और पुलिस अफसरों के कॉन्टेक्ट नंबर मिले हैं, इनमें वर्तमान और पूर्व मंत्री के नाम भी शामिल हैं. राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) इस बात की जांच कर रहा है कि क्या इन प्रभावशाली लोगों को रान्या की गतिविधियों के बारे में पता था. अब संगठित नेटवर्क से संभावित कनेक्शन खंगाला जा रहा है.

Advertisement

कर्नाटक मामले में बीजेपी ने क्या दावा किया है?

बीजेपी ने मांग की है कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार तस्करी रैकेट से जुड़े उस मंत्री के नाम का खुलासा करे. प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने कहा, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया तस्करी रैकेट में कथित रूप से शामिल मंत्रियों के नामों का खुलासा करें. उन्होंने दावा किया कि रान्या ने हाल के महीनों में 30 से ज्यादा बार विदेश यात्रा की और लौटने पर उसे पूरा प्रोटोकॉल दिया गया. विजयेंद्र ने आरोप लगाया कि एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी की बेटी होने के नाते रान्या के प्रभाव ने उसे एयरपोर्ट पर पुलिस एस्कॉर्ट समेत स्पेशल ट्रीटमेंट दिलाया.

रान्या राव आईपीएस अधिकारी रामचंद्र राव की सौतेली बेटी हैं. रामचंद्र, वर्तमान में कर्नाटक राज्य पुलिस आवास निगम के पुलिस महानिदेशक के रूप में कार्यरत हैं.

बीवाई विजयेंद्र ने आगे कहा कि अगर रान्या को सुरक्षा जांच से छूट दी गई थी तो यह मंत्रियों समेत शक्तिशाली व्यक्तियों की संलिप्तता को दर्शाता है. हवाला ऑपरेटरों, सोने की तस्करी करने वाले माफिया और राजनेताओं में विधायक और पूर्व मंत्री शामिल हैं, जिन्होंने ऐसी गतिविधियों का सपोर्ट किया, उनके नाम सार्वजनिक किए जाने चाहिए.

Advertisement

'रान्या ने कांग्रेसी मंत्रियों से संपर्क करने की कोशिश की'

बीजेपी विधायक भरत शेट्टी ने दावा किया कि कांग्रेस सरकार के दो मंत्रियों ने हस्तक्षेप किया और रान्या को कानूनी झमेले से बचाने में मदद करने की कोशिश की. उन्होंने कहा, अपनी गिरफ्तारी के दौरान रान्या ने कई कांग्रेसी मंत्रियों से संपर्क करने का प्रयास किया. अब यह लगभग सार्वजनिक हो चुका है कि उनमें से दो ने हस्तक्षेप किया था. सीबीआई जांच से सच्चाई सामने आ जाएगी.

बीजेपी ने इसे केरल जैसा मामला बताया

बीजेपी नेता सीटी रवि ने मामले से जुड़े सभी पॉलिटिकल कनेक्शन की जांच की मांग की और रान्या के तस्करी कारोबार से जुड़े 50 लाख रुपये के गिफ्ट की खबरों पर सवाल उठाए. उन्होंने इस घोटाले की तुलना केरल में हुए एक ऐसे ही मामले से की और पूछा कि क्या कर्नाटक में भी अब ऐसा ही मामला सामने आ रहा है.

कांग्रेस ने बीजेपी को घेरा

वहीं, कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि बीजेपी ने अपने कार्यकाल के दौरान रान्या की फर्म को स्टील प्लांट के लिए जमीन आवंटित की थी. मंत्री एमबी पाटिल ने स्पष्ट किया कि रान्या से जुड़ी कंपनी क्षिरोडा इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को 12 एकड़ भूमि स्वीकृत की गई थी, लेकिन भूमि कभी आधिकारिक रूप से आवंटित नहीं की गई क्योंकि फर्म जरूरी भुगतान करने में विफल रही.

Advertisement

कांग्रेस विधायक रिजवान अरशद ने बीजेपी पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया और पूछा कि कंपनी को ट्रैक रिकॉर्ड ना होने के बावजूद जमीन क्यों दी गई. उन्होंने कहा, वो उद्योगपति है या तस्कर? इससे साबित होता है कि बीजेपी की उससे गहरी सांठगांठ है. कांग्रेस पर आरोप लगाने से पहले उन्हें इसका जवाब देना चाहिए.

मुख्यमंत्री के कानूनी सलाहकार एएस पोन्नन्ना ने भी कहा, जमीन का आवंटन बीजेपी के शासन में हुआ था. अगर विजयेंद्र कांग्रेस के मंत्रियों पर आरोप लगा रहे हैं तो उन्हें पहले बीजेपी के उस मंत्री का नाम बताना चाहिए, जिसने इस सौदे को मंजूरी दी थी.

रान्या के कॉल रिकॉर्ड खंगाल रहीं एजेंसी

फिलहाल, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है. रान्या के कॉल रिकॉर्ड और अन्य डेटा का एनालिसिस किया जा रहा है. रान्या ने अदालत में दावा किया कि अधिकारियों ने उन्हें परेशान किया और उनकी सहमति के बिना दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया. उन्होंने आगे आरोप लगाया कि अधिकारियों ने उन पर अनुपालन करने के लिए दबाव डाला. हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि रान्या ने पूछताछ के दौरान सहयोग नहीं किया.

केरल का क्या मामला है?

तारीख- 5 जुलाई, 2020. केरल का तिरुवनंतपुरम. यहां इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सीमा शुल्क विभाग के अधिकारियों ने 30 किलोग्राम से ज्यादा वजन वाले सोने से भरे बैग को जब्त किया. इस गोल्ड की कीमत करीब 15 करोड़ रुपये थी. सोना राजनयिक बैगेज के अंदर था और यूएई वाणिज्य दूतावास को भेजा गया था. आरोप था कि यूएई वाणिज्य दूतावास के एडमिन अताशे को सोने से भरी खेप दुबई से भेजी गई थी. मामले में एनआईए ने स्वप्ना सुरेश और संदीप नायर को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया.

Advertisement

सीमा शुल्क ने पकड़ा था सोने से भरा बैग

जांच में सामने आया कि ये गोल्ड एक तस्करी गिरोह का हिस्सा है जो राजनयिक संरक्षण प्राप्त व्यक्ति के नाम का दुरुपयोग करने की कोशिश कर रहा है. सोने की जब्ती ने बड़े राजनीतिक विवाद को जन्म दिया और केरल की सत्तारूढ़ वामपंथी सरकार की नींव हिला दी. खासकर तब जब शीर्ष नौकरशाह एम. शिवशंकर का नाम चर्चा में आया. सीमा शुल्क विभाग और एनआईए ने एम. शिवशंकर से लंबी पूछताछ की. 23 नवंबर को कस्टम ने शिवशंकर को गिरफ्तार किया गया. इससे पहले उन्हें सेवा से सस्पेंड किया गया. बाद में उन्हें जमानत मिल गई.

केरल सीएम के करीबी अफसर पर गिरी थी गाज

एम शिवशंकर, केरल के मुख्यमंत्री विजयन के करीबी अफसर रहे. उन्होंने सीएम के प्रधान सचिव और आईटी सचिव के तौर पर सेवाएं दीं. उनका मुख्य आरोपी स्वप्ना सुरेश के साथ कनेक्शन सामने आया था. मुख्यमंत्री के अतिरिक्त निजी सचिव सीएम रवींद्रन से भी ईडी ने पूछताछ की थी. 2022 में एम शिवशंकर सेवा में वापस आ गए थे और उन्हें प्रमुख सचिव खेल के पद पर नियुक्त किया गया था.

हालांकि, एम शिवशंकर ने इस केस के बारे में एक किताब लिखी और दावा किया कि उन्होंने सोने की तस्करी की घटना में कोई हस्तक्षेप नहीं किया. स्वप्ना सुरेश को अनुचित लाभ नहीं दिया. वो यह जानकर हैरान रह गए कि स्वप्ना तस्करी में शामिल थी और उसने मुझे इस मामले में फंसाया. उनका आरोप था कि स्वप्ना सुरेश ने उन्हें iPhone देकर फंसाया. जबकि स्वप्ना सुरेश का कहना था कि किताब के दावे गलत हैं. वे करीबी दोस्त हैं. यहां तक ​​कि उन्होंने दुबई में बसने की योजना भी बनाई थी.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement