Advertisement

अगले साल होगी किंग चार्ल्स III की ताजपोशी, लंदन के वेस्टमिंस्टर एब्बे में कार्यक्रम

किंग चार्ल्स III की ताजपोशी अगले साल 6 मई को होने वाली है. वेस्टमिंस्टर एब्बे में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. रॉयल फैमिली की परंपराओं के मुताबिक ही ये ताजपोशी संपन्न की जाएगी. किंग के साथ उनकी पत्नी की भी ताजपोशी भी उसी दिन की जाएगी. बताया जा रहा है कि किंग इस कार्यक्रम को ज्यादा बड़े स्तर पर आयोजित नहीं करवाना चाहते हैं.

किंग चार्ल्स III किंग चार्ल्स III
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 12 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 2:14 AM IST

रानी एलिजाबेथ के निधन के बाद स्वचालित रूप से राजा बने किंग चार्ल्स III की ताजपोशी अगले साल 6 मई को होने वाली है. वेस्टमिंस्टर एब्बे में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा जहां पर रॉयल फैमिली की परंपराओं के अनुसार किंग चार्ल्स की ताजपोशी होगी. उनके साथ-साथ द क्वीन कंसोर्ट की भी ताजपोशी उसी दिन की जाएगी.

किंग चार्ल्स की अगले साल ताजपोशी

Advertisement

रॉयल फैमिली ने इस बारे में एक विस्तृत बयान जारी किया है. कहा गया है कि किंग चार्ल्स का राज्याभिषेक भविष्य की रूपरेखा तैयार करने का काम करेगा. इस कार्यक्रम में पारंपरिक उत्सव की झलक भी देखने को मिल जाएगी. एंग्लिकन कम्युनियन के आध्यात्मिक प्रमुख ही इस कार्यक्रम का आयोजन करेंगे. ऐसा कहा जा रहा है कि खुद किंग चार्ल्स अपनी ताजपोशी ज्यादा धूम-धाम से नहीं करना चाहते हैं. लेकिन जारी बयान में स्पष्ट कहा गया है कि मूल तत्वों को पहले की तरह बनाए रखा जाएगा. बड़ी बात ये भी है कि रॉयल फैमिली में ताजपोशी हमेशा से ही वेस्टमिंस्टर एब्बे में की जाती है, ऐसे में किंग चार्ल्स के राज्याभिषेक के दौरान भी उस परंपरा का पालन किया जाएगा.

एलिजाबेथ ने किया था 70 साल राज

जानकारी के लिए बता दें कि महारानी एलिजाबेथ का निधन 96 साल की उम्र में हो गया था. उन्होंने 70 साल तक ब्रिटेन पर शासन किया था, वे सबसे लंबे समय तक उस पद पर बनी रही थीं. उनके निधन के बाद ही परंपराओं के मुताबिक किंग चार्ल्स को राजा घोषित किया गया. लेकिन तब औपचारिक रूप से उनकी ताजपोशी नहीं की गई थी. उस प्रक्रिया को अब अगले साल 6 मई को पूरा किया जाएगा.

Advertisement

यहां ये जानना जरूरी है कि ब्रिटेन में कानून द्वारा सीमित राजशाही प्रणाली है. ब्रिटेन का राजा या रानी हेड ऑफ स्टेट तो होता है, लेकिन उनकी शक्तियां पूरी तरह से औपचारिक या प्रतीकात्मक होती हैं. इसका मतलब है कि ब्रिटेन के सरकारी कामकाज में उनका हस्तक्षेप बहुत कम होता है. 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement