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70 एकड़ जमीन, एक लाख से ज्यादा की क्षमता...इस देश में बनी दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी मस्जिद

सोमवार को अल्जीरिया के राष्ट्रपति अब्देलमदजीद तेब्बौने ने ग्रैंड मस्जिद जामा अल-जाजैर का उद्घाटन किया है. इस मस्जिद में एक साथ 1 लाख 20 हजार लोग इबादत कर सकते हैं. इस मस्जिद की मीनार की ऊंचाई 265 मीटर है, जो दुनिया की सबसे ऊंची मीनार है.

अल्जीरिया की जामा अल-जाजौर मस्जिद (फोटो-Carminati ) अल्जीरिया की जामा अल-जाजौर मस्जिद (फोटो-Carminati )
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 29 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 10:44 AM IST

अगले महीने 10 मार्च से शुरू हो रहे रमजान से पहले इस्लामिक देश इजरायल में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी मस्जिद का उद्घाटन हो गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सोमवार को अल्जीरिया के राष्ट्रपति अब्देलमदजीद तेब्बौने ने भूमध्यसागरीय तट पर बनी इस ग्रैंड मस्जिद का उद्घाटन किया है. इस मस्जिद का नाम जामा अल-जाजैर मस्जिद (djamaa el djazair) है. मस्जिद का उद्घाटन पहले ही हो जाना था लेकिन राजनीतिक घटनाक्रम के कारण उद्घाटन में देरी हुई है.

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अल जजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, अल्जीरिया की जामा अल-जाजैर मस्जिद दुनिया की तीसरी और अफ्रीका रीजन की सबसे बड़ी मस्जिद है. इस मस्जिद में एक साथ एक लाख 20 हजार लोग इबादत कर सकते हैं. इस मस्जिद की मीनार की ऊंचाई 265 मीटर है, जो दुनिया की सबसे ऊंची मीनार है. जामा अल-जाजैर मस्जिद से दो बड़ी मस्जिदें सऊदी अरब के मक्का और मदीना में हैं. 

900 मिलियन डॉलर की लागत से बनकर हुई तैयार

रिपोर्ट के मुताबिक,70 एकड़ में बनी यह मस्जिद सात साल में बनकर तैयार हुई है. अरबी और उत्तरी अफ्रीकी शैली पर आधारित और मॉडर्न स्ट्रक्चर से तैयार यह मस्जिद लकड़ी और संगमरमर से सजी है. यहां तक कि इस मस्जिद में एक हेलीपैड और दस लाख पुस्तकों के लिए एक पुस्तकालय भी है. इस मस्जिद को एक चीनी कंपनी ने बनाई है. कथित तौर इस बनाने में कुल लगभग 900 मिलियन डॉलर यानी 70 अरब रुपये से ज्यादा की लागत आई है. 

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अल्जीरिया का दावा है कि इस्लाम के सबसे पवित्र स्थल मक्का और मदीना के बाद यह मस्जिद दुनिया की सबसे बड़ी मस्जिद है. हालांकि, परियोजना में वर्षों की देरी और लागत में हुई वृद्धि के कारण सरकार को आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ रहा है. खासकर मस्जिद जिस क्षेत्र में बनी है वह कथित तौर पर भूकंप जोखिम क्षेत्र है, इस कारण भी सरकार की आलोचना हो रही है. हालांकि, सरकार ने इनसे इनकार किया है. 

आलोचकों का यह भी कहना है कि यह मस्जिद पूर्व राष्ट्रपति अब्देलअजीज बुउटफ्लिका की एक बेकार परियोजना थी. बुउटफ्लिका को 2019 में अल्जीरियाई सेना के हस्तक्षेप के बाद इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया था. बुउटफ्लिका पिछले 20 सालों से सत्ता में थे. बुउटफ्लिका ने इस मस्जिद का नाम अपने नाम पर रखा था. जिसे 2019 में ही उद्घाटन हो जाना था. लेकिन ऐसा नहीं हो सका. 

सऊदी अरब में है दुनिया की सबसे बड़ी मस्जिद

सऊदी अरब के मक्का में मौजूद अल हरम मस्जिद दुनिया की सबसे बड़ी मस्जिद है. यह मस्जिद साढ़े तीन लाख वर्ग किलोमीटर में फैली हुई है. अल हरम मस्जिद में ही इस्लाम का मुख्य प्रवित्रस्थल काबा स्थित है. इस मस्जिद में गैर मुस्लिमों की आने की इजाजत नहीं है. इस मस्जिद का निर्माण 16वीं सदी में किया गया था. 

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