Advertisement

अमेरिका के सिएटल शहर में जातिगत भेदभाव बैन कराने वाली क्षमा सावंत कौन हैं?

सिएटल नगर परिषद में प्रस्ताव पास होने पर क्षमा सावंत ने कहा कि जातिगत भेदभाव के खिलाफ लड़ाई सभी तरह के अत्याचार के खिलाफ उठने वाली आवाज से जुड़ी हुई है. भले ही अमेरिका में साउथ एशिया की तरह भेदभाव नहीं दिखता, लेकिन जातिगत भेदभाव एक सच्चाई है.

क्षमा सावंत (फोटो- सिएटल वेबसाइट) क्षमा सावंत (फोटो- सिएटल वेबसाइट)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 23 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 11:59 AM IST

अमेरिका का सिएटल जाति आधारित भेदभाव पर रोक लगाने वाला पहला शहर बन गया है. भारतीय मूल की नेता क्षमा सावंत ने सिएटल सिटी काउंसिल में भेदभाव न करने वाली नीति में जाति को भी शामिल करने का प्रस्ताव रखा था, जिसे मंगलवार को पास कर दिया गया. अब शहर के भेदभाव विरोधी कानून में 'जाति' को भी शामिल कर लिया गया.  

Advertisement

सिएटल नगर परिषद में प्रस्ताव पास होने पर क्षमा सावंत ने कहा कि जातिगत भेदभाव के खिलाफ लड़ाई सभी तरह के अत्याचार के खिलाफ उठने वाली आवाज से जुड़ी हुई है. उन्होंने कहा कि भले ही अमेरिका में दलितों के खिलाफ भेदभाव उस तरह नहीं दिखता है, जैसा कि दक्षिण एशिया में हर जगह दिखता है, लेकिन यहां भी भेदभाव एक सच्चाई है. बता दें कि क्षमा सावंत खुद ऊंची जाति से आती हैं.  

कौन हैं क्षमा सावंत?  

क्षमा सावंत एक शिक्षक और अर्थशास्त्री के साथ-साथ सामाजिक कार्यकर्ता हैं. सिएटल नगर परिषद की सदस्य के रूप में उन्होंने श्रमिकों, युवाओं, दबे-कुचले और बेजुबानों की आवाज बनने का संकल्प लिया. वह सिएटल काउंसिल से सिर्फ औसत वेतन ही लेती हैं. बाकी का वेतन वह सामाजिक न्याय आंदोलन के लिए दान कर देती हैं. वह इंटरनेशनल सोशलिस्ट अल्टरनेटिव के साथ भी जुड़ी हुई हैं, जो कि हर महाद्वीप पर मजदूर वर्ग के हितों के लिए आंदोलन करता है.  

Advertisement

भारत में बीता क्षमा का बचपन 

भारत में बचपन बिताने के दौरान क्षमा ने हमेशा अपने आस-पास अत्यधिक गरीबी और असमानता देखी. कंप्यूटर इंजीनियर के रूप में काम करने के बाद वह उत्पीड़न और गरीबी के मूल कारणों को बेहतर ढंग से समझने के लिए अर्थशास्त्र का अध्ययन करने के लिए अमेरिका आईं. दुनिया के सबसे अमीर देश आने पर क्षमा ने यहां मौजूद असमानता और गरीबी देखकर हैरान थीं.  

पीएचडी के बाद सिएटल आईं क्षमा  

क्षमा पीएचडी करने के बाद सिएटल आ गईं और सिएटल सेंट्रल कम्युनिटी कॉलेज, सिएटल विश्वविद्यालय और वाशिंगटन टैकोमा विश्वविद्यालय में पढ़ाना शुरू किया. वह 2006 में सोशलिस्ट अल्टरनेटिव में शामिल हुईं, और तब से उन्होंने महिला समानता, मजदूरों, इराक और अफगानिस्तान में युद्धों को खत्म करने के लिए कई आंदोलनों में भाग लिया. वह अमेरिकन फेडरेशन ऑफ टीचर्स लोकल 1789 में एक कार्यकर्ता भी रही हैं, जोकि बजट में कटौती और ट्यूशन फीस में बढ़ोतरी के खिलाफ लड़ रहा है.  

2012 में विधानमंडल चुनाव जीता 

साल 2012 में क्षमा ने राज्य विधानमंडल के लिए समाजवादी वैकल्पिक उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था, जिसमें 29 फीसदी वोट लाकर सभी को चौंका दिया. वह 16 साल से डेमोक्रेट को हराकर किसी प्रमुख शहर में निर्वाचित होने वाली पहली समाजवादी बनीं. 

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement