
LAC पर जारी तनाव के बीच बुधवार को भारत ने चीन के 118 ऐप्स को बैन करने का फैसला लिया है. मोदी सरकार की इस कार्रवाई से चीन भड़क गया है. चीन की सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने एक्सपर्ट के हवाले से लिखा है कि मोदी सरकार ने ये फैसला कोरोना महामारी और गिरती अर्थव्यवस्था से ध्यान भटकाने के लिया है.
मोदी सरकार के इस फैसले से चीन का बौखलाना स्वाभाविक, क्योंकि उसे पता है कि भारत ने उसकी अर्थव्यवस्था को चोट पहुंचने के लिए बड़ा कदम उठाया है. ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि 118 चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने का भारत का कदम मोदी सरकार के साहसिकवाद और अवसरवाद को दिखाने के लिए है. भारत सरकार ने कोरोना महामारी और गिरती अर्थव्यवस्था से ध्यान हटाने के लिए ये फैसला लिया.
चीन की बौखलाहट लगातार सामने आ रही है. इससे पहले भी ग्लोबल टाइम्स ने लिखा था कि भारत अपनी घरेलू समस्याओं से परेशान है, खासकर कोरोना वायरस के हालात से जो बिल्कुल नियंत्रण से बाहर है. अर्थव्यवस्था की स्थिति भी खराब है. सीमा पर उकसाने की गतिविधियों को अंजाम देकर भारत अपनी घरेलू समस्याओं से ध्यान भटकाना चाहता है.
बता दें कि चीन की ओर से लगातार हो रही घुसपैठ की कोशिशों के बाद मोदी सरकार ने बुधवार को पबजी समेत 118 मोबाइल ऐप पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया. सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने धारा 69ए के तहत इन मोबाइल ऐप्स पर बैन लगाने का फैसला किया है. सरकार की तरफ से बुधवार शाम जारी बयान में कहा गया है कि ये ऐप राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा थे.
बता दें कि 15 जून को गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद भी भारत ने चीन के 59 ऐप्स को बैन करने का फैसला लिया था. भारत सरकार ने टिकटॉक सहित चीन के कई ऐप पर प्रतिबंध लगाए थे. इसके बाद में जुलाई के आखिर में 47 और चीनी ऐप पर पाबंदी लगाई गई थी.