
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने पीएम नरेंद्र मोदी को लोकसभा चुनाव में जीत के लिए बधाई दी है. मंगलवार को सामने आए लोकसभा नतीजों में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन को 293 सीटें हासिल हुईं. हालांकि, बीजेपी अपने दम पर बहुमत का आंकड़ा 272 नहीं छू पाई और महज 240 सीटें ही उसकी झोली में आई जिसके बाद मोदी अब अपने सहयोगियों के साथ मिलकर सरकार बनाएंगे. मोदी की लगातार तीसरी जीत पर कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो ने उन्हें बधाई दी है.
कनाडा के प्रधानमंत्री के आधिकारिक एक्स हैंडल से ट्वीट किया गया, 'भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनाव में जीत पर बधाई. कनाडा मानवाधिकारों, विविधता और कानून के शासन पर आधारित संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए उनकी सरकार के साथ काम करने के लिए तैयार है.'
भारत और कनाडा के बीच खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड मामले में पिछले साल से ही विवाद चलता आ रहा है. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने पिछले साल संसद में खड़े होकर निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंसियों की संलिप्तता के आरोप लगाए थे. उन्होंने दावा किया था कि भारत सरकार के एजेंट्स ने ही 18 जून 2023 को कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया के सर्रे में गुरु नानक सिख गुरुद्वारे के बाहर निज्जर की हत्या कर दी थी.
कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो ने आरोप लगाते हुए भारत से जांच में सहयोग की मांग की थी. हालांकि, भारत निज्जर की हत्या में संलिप्तता से इनकार करता रहा है. निज्जर हत्याकांड मामले में कनाडा ने कई गिरफ्तारियां की हैं. पिछले महीने ही चौथी गिरफ्तारी हुई थी जिसे लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि भारत को इस मामले में कभी कुछ ऐसा नहीं मिला जो जांच एजेंसियों के काम का हो.
जयशंकर ने कहा था, 'हमें कभी कुछ ऐसा नहीं मिला जो विशिष्ट हो और हमारी एजेंसियों की जांच के लिए काम का हो. मुझे इस बात की जानकारी नहीं है कि पिछले कुछ दिनों में इस संबंध में नया कुछ हुआ हो.' जयशंकर ने कहा कि अगर कनाडा के पास किसी भी हिंसा से संबंधित कोई सबूत है जो भारत के संबंध में है तो हम जांच के लिए तैयार हैं.
कनाडा में भारत के विरोध में खालिस्तान समर्थक विरोध-प्रदर्शन भी होते रहे हैं जिस पर कनाडा की सरकार चुप्पी साधे रहती है.
पंजाब में खालिस्तान समर्थक अमृतपाल की जीत
लोकसभा चुनाव में पंजाब के खडूर साहिब से खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह की भी जीत हुई है. अमृतपाल फिलहाल असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है. अमृतपाल सिंह पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत देश की सुरक्षा में बाधा डालने जैसे बड़े आरोप लगे हैं. अमृतपाल 'वारिस पंजाब दे' नामक संगठन का मुखिया है और खुलकर खालिस्तान का समर्थन करता है.