Advertisement

महसा अमिनी की मौत के बाद ईरान की सड़कों पर संग्राम जारी, 'खूनी शुक्रवार' के विरोध में उतरे हजारों लोग

ईरान की जनता सड़कों पर उतरकर लगातार विरोध कर रही है. यहां महसा अमिनी की मौत के बाद लोगों में जबर्दस्त आक्रोश व्याप्त है. दरअसल, ईरान में 30 सितंबर को विरोध प्रदर्शन के दौरान सुरक्षाबलों की फायरिंग में 66 लोग मारे गए थे. विरोध स्वरूप लोगों ने इस दिन को 'खूनी शुक्रवार' के रूप में मनाया. साथ ही जमकर नारेबाजी की.

 ईरान में महसा अमिनी की मौत के बाद लगातार विरोध प्रदर्शन जारी है (फाइल फोटो) ईरान में महसा अमिनी की मौत के बाद लगातार विरोध प्रदर्शन जारी है (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • दुबई,
  • 12 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 11:00 AM IST

ईरान में इन दिनों उथल-पुथल मची हुई है. जनता आक्रोशित है. बीते करीब 2 महीने से विरोध प्रदर्शनों का दौर जारी है. यहां कुर्दिश महिला महसा अमिनी की मौत के बाद लोगों में भयंकर आक्रोश है. हजारों लोगों ने दक्षिण-पूर्व हिस्से में प्रदर्शन किया. साथ ही 30 सितंबर को सुरक्षाबलों द्वारा की गई कार्रवाई का विरोध करते हुए इस दिन को 'खूनी शुक्रवार' के रूप में मनाया.

Advertisement

एजेंसी के मुताबिक सुरक्षा बलों ने 30 सितंबर को सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत की राजधानी ज़ाहेदान में प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग करते हुए फायरिंग की थी. इमसें करीब 66 लोगों की मौत हो गई थी. इसे स्थानीय जनता ने 'खूनी शुक्रवार' का नाम दिया है. हालांकि इस बारे में अधिकारियों ने कहा कि आक्रोशित लोग ही भीड़ को उकसा रहे थे.

ज़ाहेदान में शुक्रवार को हजारों लोगों ने फिर से मार्च निकाला. इसके वीडियो लोगों ने अपने सोशल मीडिया के जरिए शेयर किए हैं. दरअसल, 30 सितंबर को एक स्थानीय लड़की की हत्या के मामले में आरोप लगाया गया था कि पुलिस अधिकारी द्वारा पहले उसका रेप किया गया था, बाद में उसे गोली मार दी गई थी. हालांकि उच्च अधिकारियों का कहना है कि इस मामले की जांच की जा रही है.

Advertisement

वहीं, कुर्दिश महिला महसा अमिनी की मौत के बाद सरकार विरोधी प्रदर्शन शुरू हो गए थे, महसा की 16 सितंबर को पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी. पुलिस ने उसे 13 सितंबर को गिरफ्तार किया था. आरोप था कि तेहरान में अमिनी ने सही तरीके से हिजाब नहीं पहना था जबकि ईरान में हिजाब पहनना जरूरी है. अमिनी को गिरफ्तार कर पुलिस स्टेशन ले जाया गया. वहां तबीयत बिगड़ी तो अमिनी को अस्पताल ले जाया गया. तीन दिन बाद खबर आई कि अमिनी की मौत हो गई. 
 
राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन तब से एक विद्रोह में बदल गए हैं, इसमें छात्रों से लेकर डॉक्टरों, वकीलों, श्रमिकों और एथलीटों तक ने भाग लिया. इसमें देश के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खमेनेई के खिलाफ लोगों ने जमकर गुस्सा निकाला.

ये भी देखें

 

TOPICS:
Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement