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Iran: हिजाब विरोधी एक और प्रदर्शनकारी को सरेआम फांसी, बाद में मां को बताया- तुम्हारे बेटे को दफना दिया

ईरान सरकार ने माजिद पर अल्लाह के खिलाफ युद्ध छेड़ने का दोषी ठहराते हुए मौत की सजा दी थी. सरकारी न्यूज एजेंसी मिजान की रिपोर्ट के मुताबिक, दो सुरक्षाकर्मियों को मारने और चार को घायल करने के आरोप में 29 नवंबर को रेनवार्ड को फांसी की सजा सुनाई गई थी.  

माजिद रेज रेनवार्ड माजिद रेज रेनवार्ड
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 13 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 8:27 AM IST

ईरान ने सरकार विरोधी प्रदर्शनों में शामिल एक और प्रदर्शनकारी को फांसी दे दी है. 23 साल के प्रदर्शनकारी माजिद रेजा रेनवार्ड (Majid Reza Rahnavard) को गिरफ्तारी के महज 23 दिन बाद ही सरेआम फांसी दे दी गई. हिजाब विरोधी प्रदर्शनों में शामिल किसी प्रदर्शनकारी को दूसरी बार फांसी दी गई है. इन प्रदर्शनों को कुचलने के लिए गिरफ्तार किए गए और भी कई प्रदर्शनकारियों को फांसी दी जा सकती है. 

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ईरान सरकार ने माजिद पर अल्लाह के खिलाफ युद्ध छेड़ने का दोषी ठहराते हुए मौत की सजा दी गई है. सरकारी न्यूज एजेंसी मिजान की रिपोर्ट के मुताबिक, रेनवार्ड को चाकू से दो सुरक्षाकर्मियों को मारने और चार को घायल करने के आरोप में 29 नवंबर को फांसी दी गई थी. 

रिपोर्ट्स के मुताबिक, माजिद की मां को उसकी फांसी तक इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई. माजिद को सरेआम फांसी दिए जाने के बाद उनके परिवार को इसकी सूचना दी गई. 

एक मानवाधिकार संगठन ने ट्वीट कर बताया कि माजिद के परिवार को स्थानीय समयानुसार सात बजे फोन कर बताया कि हमने तुम्हारे बेटे को फांसी दे दी है और उसके शव को बेहेस्त-ए-रेजा शवदाहगृह में दफना दिया है.

ईरान सरकार ने माजिद की फांसी की तस्वीरें शेयर कीं

न्यूज एजेंसी मिजान की रिपोर्ट के मुताबिक, माजिद को मशाद शहर में सरेआम फांसी पर लटकाया गया. फांसी की कई तस्वीरें शेयर की गईं, जिसमें माजिद को लटकते दिखाया गया. इन तस्वीरों में एक शख्स को केबल से लटकते दिखाया गया है. 

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सरकार ने माजिद को उसकी पसंद का वकील भी मुहैया नहीं कराया. जिस वकील ने माजिद का केस लड़ा, उसने उसे बचाने की कोई कोशिश नहीं की. 

मोहसिन शेकारी को भी दी गई थी फांसी की सजा

इससे पहले सरकार विरोधी एक प्रदर्शनकारी मोहसिन शेकारी को फांसी दी गई थी. मोहसिन पर 25 सिंतबर को तेहरान में सत्तार खान बुलेवार्ड सड़क को अवरुद्ध करने और एक सुरक्षाकर्मी को घायल करने का दोषी पाया गया था. ईरान के शरिया कानून के तहत उन्हें अल्लाह के खिलाफ युद्ध छेड़ने का दोषी ठहराया गया था. उन्होंने इसके फैसले के खिलाफ अपील की. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 20 नवंबर को इस फैसले को बरकरार रखा. 

मोहसिन शेकारी को मिली मौत की सजा पर मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. एमनेस्टी इंटरनेशनल ने बयान जारी कर कहा है कि सरकार विरोधी प्रदर्शनों को कुचलने के लिए प्रदर्शनकारी को मौत की सजा दी गई है. 

अमेरिका सहित मानवाधिकार संगठनों ने जताई आपत्ति

ईरान में सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बीच एक प्रदर्शनकारी को मृत्युदंड की सजा सुनाए जाने पर अमेरिका ने आपत्ति जताई है. अमेरिका ने कहा है कि इससे देश में हालात और खराब होंगे. 

अमेरिका के विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा, मोहसिन शेकारी को मृत्युदंड देना असहमति की आवाज को दबाने का ईरान सरकार का प्रयास है. सरकार इसके जरिए विरोध प्रदर्शनों को कुचलना चाहती है. 

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ईरान में प्रदर्शनकारियों को फांसी दिए जाने की कतार लंबी

महसा अमीनी की मौत के बाद से हिजाब और सरकार का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने सरकार की चूलें हिला दी हैं. ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि और भी प्रदर्शनकारियों को मौत की सजा सुनाई जा सकती है. इन प्रदर्शनों से डरी सरकार किसी भी कीमत पर इन प्रदर्शनों को कुचलना चाहती है. ऐसे में एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा है कि ऐसे 21 और प्रदर्शनकारी मृत्युदंड मिलने की कतार में खड़े हैं. 

एमनेस्टी इंटरनेशनल ने बयान में कहा कि ईरान सरकार को तुरंत भाव से मृत्युदंड की सभी सजाओं को रद्द कर देना चाहिए. और देश में हो रहे प्रदर्शनों से गिरफ्तार किए गए लोगों से सभी आरोप हटा देने चाहिए. 

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