
मालदीव के राजनीतिक संकट में कमी आने के बजाए तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है. वहां से अब खबर आ रही है कि मालदीव के सुप्रीम कोर्ट ने जिन 9 बड़े राजनेताओं की रिहाई का आदेश दिया था, उसे अब वापस ले लिया है.
राष्ट्रपति अब्दुल्ला यमीन की ओर से सोमवार को देश में आपातकाल लगाए जाने के 24 घंटे के अंदर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला बदल लिया है. खास बात यह है कि आपातकाल लगाए जाने के बाद सुरक्षा बलों ने जबरन सुप्रीम कोर्ट में प्रवेश कर लिया था. बाद में चीफ जस्टिस को गिरफ्तार कर लिया गया और यह फैसला उनकी गैरमौजूदगी में लिया गया है. कल वहां 2 बड़े जज को गिरफ्तार कर लिया गया था.
दो जजों की गिरफ्तारी के बाद शेष बचे 3 जजों ने बयान जारी कर ऐलान किया कि वे 9 राजनीतिक बंदियों की रिहाई करने के आदेश को निरस्त कर रहे हैं. राष्ट्रपति अब्दुल्ला यमीन की ओर से व्यक्त की गई चिंताओं को ध्यान में रखते हुए उन्होंने यह फैसला किया है.
इन राजनीतिक बंदियों में निर्वासित पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद भी शामिल हैं. नशीद को भारत समर्थक माना जाता है. विपक्ष का साथ देने वाले पूर्व राष्ट्रपति और यमीन के रिश्ते में भाई लगने वाले मामून अब्दुल गयूम को भी उनके घर में नजरबंद कर दिया गया. नशीद ने इस हालात में भारत की मदद मांगी है.
इससे पहले देश की शीर्ष अदालत के 5 सदस्यीय जजों ने 1 फरवरी को अपना फैसला सुनाते हुए आदेश दिया कि पूर्व राष्ट्रपति और विपक्ष के नेता नशीद पर आतंकवाद से जुड़े मामले हटाए जाएं और सभी 9 नेताओं को तुरंत रिहा किया जाए. कोर्ट की ओर से राष्ट्रपति को राजनीतिक कैदियों को रिहा करने का आदेश देने और उनके इसे मानने से इनकार करने के बाद राजनीतिक संकट की शुरुआत हो गई.
सरकार ने पहले ही संसद को बर्खास्त कर दिया था और सेना को आदेश दिया कि सुप्रीम कोर्ट अगर राष्ट्रपति अब्दुल्ला यमीन के खिलाफ महाभियोग लाने की कोशिश करे तो वह कामयाब न होने पाए. बाद में इस आदेश को देखते हुए राष्ट्रपति यमीन ने 15 दिन का आपातकाल लगा दिया. इसके कुछ घंटे के अंदर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस समेत 2 जज को गिरफ्तार कर लिया गया.
मालदीव सरकार ने सुरक्षाबलों को यह आदेश भी जारी किया कि वे सुप्रीम कोर्ट के उन निर्देशों को न माने जिसमें राष्ट्रपति यमीन को गिरफ्तार करने या उन पर महाभियोग चलाने की बात कही गई हो.
शीर्ष अदालत ने पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नाशीद पर चल रहे मुकदमे को असंवैधानिक करार दिया था और कैद किए गए विपक्ष के 9 सांसदों को रिहा करने का आदेश भी जारी किया था, इस आदेश के बाद मालदीव में विपक्षी दल बहुमत प्राप्त करता दिख रहा था.